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शहीद सैनिक का पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार - गार्ड ऑफ ऑनर

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एक अभियान के दौरान सोमवार को आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक जेसीओ (जूनियर कमीशन ऑफिसर) सहित पांच सैनिक शहीद हो गए थे, जिनमें राष्ट्रीय राइफल बटालिन के वैशाख एच भी शामिल थे. वैशााख का आज मूसलाधार बारिश के बीच पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया.

शहीद सैनिक का पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
शहीद सैनिक का पूर्ण सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार
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Published : Oct 14, 2021, 6:43 PM IST

तिरुवनंतपुरम : जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में तीन दिन पहले शहीद हुए सेना के एक जवान का बृहस्पतिवार को यहां मूसलाधार बारिश के बीच पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया.

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एक अभियान के दौरान सोमवार को आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक जेसीओ (जूनियर कमीशन ऑफिसर) सहित पांच सैनिक शहीद हो गए थे, जिनमें राष्ट्रीय राइफल बटालिन के वैशाख एच. भी शामिल थे.

अंतिम संस्कार से पहले सैनिक के पार्थिव शरीर को कुडावत्तूर गांव में उनके बचपन के स्कूल में रखा गया था, जहां से उसे उनके घर ले जाया गया. सैनिक को अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे थे. इनमें वैसे भी लोग शामिल थे, जिनका शहीद से कोई संबंध नहीं था.

राज्य सरकार की ओर से वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल, मावेलिक्कारा से सांसद कोडिकुन्निल सुरेश और राज्य की पशुपालन मंत्री जे. चिन्चु रानी और कई अन्य वरिष्ठ सरकारी एवं सैन्य अधिकारी शहीद को अंतिम विदाई देने आए थे.

सैन्य सम्मान के तौर पर बंदूक से सलामी दिए जाने के बाद जब वैशाख की मां को तिरंगा दिया गया तो वह बेटे का नाम लेकर रो पड़ीं और मूर्छित हो गयीं.

पढ़ें - बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में विस्तार देश के संघीय ढांचे पर हमला: TMC

मौके पर मौजूद लोगों ने पाकिस्तान के विरोध में और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए. सम्मान गारद (गार्ड ऑफ ऑनर) के बाद वैशाख के पार्थिव शरीर का हिन्दू रीति से अंतिम संस्कार कर दिया गया.

शहीद का पार्थिव शरीर बुधवार को यहां लाया गया था और पंगोडे सैन्य अस्पताल में रखा गया था.

(पीटीआई-भाषा)

तिरुवनंतपुरम : जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में तीन दिन पहले शहीद हुए सेना के एक जवान का बृहस्पतिवार को यहां मूसलाधार बारिश के बीच पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया.

जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में एक अभियान के दौरान सोमवार को आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक जेसीओ (जूनियर कमीशन ऑफिसर) सहित पांच सैनिक शहीद हो गए थे, जिनमें राष्ट्रीय राइफल बटालिन के वैशाख एच. भी शामिल थे.

अंतिम संस्कार से पहले सैनिक के पार्थिव शरीर को कुडावत्तूर गांव में उनके बचपन के स्कूल में रखा गया था, जहां से उसे उनके घर ले जाया गया. सैनिक को अंतिम विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुटे थे. इनमें वैसे भी लोग शामिल थे, जिनका शहीद से कोई संबंध नहीं था.

राज्य सरकार की ओर से वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल, मावेलिक्कारा से सांसद कोडिकुन्निल सुरेश और राज्य की पशुपालन मंत्री जे. चिन्चु रानी और कई अन्य वरिष्ठ सरकारी एवं सैन्य अधिकारी शहीद को अंतिम विदाई देने आए थे.

सैन्य सम्मान के तौर पर बंदूक से सलामी दिए जाने के बाद जब वैशाख की मां को तिरंगा दिया गया तो वह बेटे का नाम लेकर रो पड़ीं और मूर्छित हो गयीं.

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मौके पर मौजूद लोगों ने पाकिस्तान के विरोध में और 'भारत माता की जय' के नारे लगाए. सम्मान गारद (गार्ड ऑफ ऑनर) के बाद वैशाख के पार्थिव शरीर का हिन्दू रीति से अंतिम संस्कार कर दिया गया.

शहीद का पार्थिव शरीर बुधवार को यहां लाया गया था और पंगोडे सैन्य अस्पताल में रखा गया था.

(पीटीआई-भाषा)

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