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Lalgudi Child Abduction Case : पुलिस जांच में बच्चे के खरीदने-बेचने का पर्दाफाश, 7 गिरफ्तार

तमिलनाडु के त्रिची जिले में लापता हुए बच्चे की जांच में बच्चे के खरीदने और बेचने वाले गिरोह का पता चला है. पुलिस ने मामले में सात लोगों को गिरफ्तार करने के साथ ही बच्चा बरामद कर लिया है. पुलिस की जांच जारी है.

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Published : Jan 21, 2023, 10:45 PM IST

Tamil Nadu Police
तमिलनाडु पुलिस

त्रिची : तमिलनाडु के त्रिची जिले के लालगुड़ी से लापता बच्चे के संबंध में पुलिस ने बच्चा खरीदने और बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया. इस मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार कर बच्चा बरामद कर लिया है. घटना के बारे में बताया जाता है कि अवैध संबंध के चलते लालगुडी की जानकी ने सितंबर 2022 में एक बच्ची को जन्म दिया था. इसके बाद महिला ने मद्रास उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, जिसमें दावा किया गया कि उसका बच्चा गायब है. इस पर कोर्ट ने बच्चे का अपहरण मानते हुए उचित जांच का आदेश दिया. वहीं जांच के दौरान सामने आया कि बच्चे के जन्म के दौरान 17 सितम्बर के उस समय विवाद हुआ था जब महिला को डिलिवरी के लिए त्रिची के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इतना ही नहीं महिला डिलिवरी के पहले से ही अस्पताल से चली गई क्योंकि उसने बच्चे के पिता का नाम नहीं बताया था.

बाद में महिला ने एक निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया तब भी पिता का नाम नहीं बताया गया, तब इस बारे में चाइल्ड लाइन को जानकारी दी गई. इस पर महिला जानकी अपने दोस्त वकील प्रभु और प्रभु की दूसरी पत्नी के साथ अस्पताल से फरार हो गई. दूसरी तरफ अवैध संबंध से पैदा हुए बच्चे के कारण जानकी ने इसे पालने की अनिच्छा जताई और वकील प्रभु के जरिये बच्चे को बेचने को प्रयास करने लगी. वहीं, वकील प्रभु ने बाल तस्करी गिरोह से बातचीत कर बच्चे को 3.50 लाख रुपये में बेच दिया, लेकिन प्रभु ने बच्चे की मां को सिर्फ 80 हजार रुपए ही दिए. इस पर जानकी को पैसे देने में धोखा होने का अहसास होने पर उसने पहले पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और बाद में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मामले में कोर्ट के आदेश हुई जांच के बाद जानकी, प्रभु, प्रभु दूसरी पत्नी शनमुगावल्ली, कार चालक आकाश और बच्चे को खरीदने और बेचने वाले वरायूर के एक दलाल कविता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

इसी क्रम में पुलिस ने जांच में पाया कि बच्चे का मौजूद ठिकाना दिल्ली में है. इसके बाद स्पेशल फोर्स पुलिस दिल्ली गई और वहां पर एक हफ्ते तक कैंप किया. तब कहीं जाकर पुलिस ने बच्चे को खरीदने-बेचने वाले दलाल गोपीनाथ उर्फ ​​गोपी को दिल्ली से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की. बताया जा रहा है कि बच्चे को कर्नाटक की एक महिला ने 5 लाख रुपये में बेचा था. वहीं गोपी को दिल्ली की अदालत में पेश करने के बाद विशेष पुलिस विभाग अदालत की अनुमति से गोपी को लेकर कर्नाटक आ गया.

यह भी बताया जा रहा है कि कर्नाटक के वेल्लकवि जिले के उदयमबाग पुलिस थाना क्षेत्र के जन्नम्मा नगर की पक्या श्री नाम की एक महिला को बच्चा हुआ था. बाद में भाग्यश्री मामले में हुई जांच में पता चला कि वह निःसंतान थी और जब दिल्ली में उसका इलाज हुआ तो उसके पास पहुंचे दलाल गोपी ने बच्चे को 5 लाख रुपये में बेच दिया था. उस वक्त गोपी ने भाग्यश्री को बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र समेत कई दस्तावेज दिए थे. जिससे यह पता चल सके कि भाग्यश्री ने बच्चे को कानूनी रूप से खरीदा था. पुलिस मामले में जांच कर रही है.

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त्रिची : तमिलनाडु के त्रिची जिले के लालगुड़ी से लापता बच्चे के संबंध में पुलिस ने बच्चा खरीदने और बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया. इस मामले में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार कर बच्चा बरामद कर लिया है. घटना के बारे में बताया जाता है कि अवैध संबंध के चलते लालगुडी की जानकी ने सितंबर 2022 में एक बच्ची को जन्म दिया था. इसके बाद महिला ने मद्रास उच्च न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की, जिसमें दावा किया गया कि उसका बच्चा गायब है. इस पर कोर्ट ने बच्चे का अपहरण मानते हुए उचित जांच का आदेश दिया. वहीं जांच के दौरान सामने आया कि बच्चे के जन्म के दौरान 17 सितम्बर के उस समय विवाद हुआ था जब महिला को डिलिवरी के लिए त्रिची के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इतना ही नहीं महिला डिलिवरी के पहले से ही अस्पताल से चली गई क्योंकि उसने बच्चे के पिता का नाम नहीं बताया था.

बाद में महिला ने एक निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया तब भी पिता का नाम नहीं बताया गया, तब इस बारे में चाइल्ड लाइन को जानकारी दी गई. इस पर महिला जानकी अपने दोस्त वकील प्रभु और प्रभु की दूसरी पत्नी के साथ अस्पताल से फरार हो गई. दूसरी तरफ अवैध संबंध से पैदा हुए बच्चे के कारण जानकी ने इसे पालने की अनिच्छा जताई और वकील प्रभु के जरिये बच्चे को बेचने को प्रयास करने लगी. वहीं, वकील प्रभु ने बाल तस्करी गिरोह से बातचीत कर बच्चे को 3.50 लाख रुपये में बेच दिया, लेकिन प्रभु ने बच्चे की मां को सिर्फ 80 हजार रुपए ही दिए. इस पर जानकी को पैसे देने में धोखा होने का अहसास होने पर उसने पहले पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और बाद में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मामले में कोर्ट के आदेश हुई जांच के बाद जानकी, प्रभु, प्रभु दूसरी पत्नी शनमुगावल्ली, कार चालक आकाश और बच्चे को खरीदने और बेचने वाले वरायूर के एक दलाल कविता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

इसी क्रम में पुलिस ने जांच में पाया कि बच्चे का मौजूद ठिकाना दिल्ली में है. इसके बाद स्पेशल फोर्स पुलिस दिल्ली गई और वहां पर एक हफ्ते तक कैंप किया. तब कहीं जाकर पुलिस ने बच्चे को खरीदने-बेचने वाले दलाल गोपीनाथ उर्फ ​​गोपी को दिल्ली से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की. बताया जा रहा है कि बच्चे को कर्नाटक की एक महिला ने 5 लाख रुपये में बेचा था. वहीं गोपी को दिल्ली की अदालत में पेश करने के बाद विशेष पुलिस विभाग अदालत की अनुमति से गोपी को लेकर कर्नाटक आ गया.

यह भी बताया जा रहा है कि कर्नाटक के वेल्लकवि जिले के उदयमबाग पुलिस थाना क्षेत्र के जन्नम्मा नगर की पक्या श्री नाम की एक महिला को बच्चा हुआ था. बाद में भाग्यश्री मामले में हुई जांच में पता चला कि वह निःसंतान थी और जब दिल्ली में उसका इलाज हुआ तो उसके पास पहुंचे दलाल गोपी ने बच्चे को 5 लाख रुपये में बेच दिया था. उस वक्त गोपी ने भाग्यश्री को बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र समेत कई दस्तावेज दिए थे. जिससे यह पता चल सके कि भाग्यश्री ने बच्चे को कानूनी रूप से खरीदा था. पुलिस मामले में जांच कर रही है.

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