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लक्षद्वीप में मसौदा नियमन सांस्कृतिक धरोहर पर हमला, इन्हें वापस ले केंद्र: कांग्रेस

लक्षद्वीप में नए नियमन मसौदे को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस ने इस मसौदों को वापस लेते हुए प्रफुल्ल खोड़ा पटेल को प्रशासक के पद से हटाए जाने की मांग की.

अजय माकन
अजय माकन
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Published : May 26, 2021, 1:03 AM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस ने केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप में नए नियमन के मसौदे को वहां की सांस्कृतिक धरोहर पर हमला करार दिया. कांग्रेस ने कहा कि केंद्र सरकार को तत्काल इन मसौदों को वापस लेना चाहिए और प्रफुल्ल खोड़ा पटेल को प्रशासक के पद से हटाना चाहिए.

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यह भी कहा कि कांग्रेस लक्षद्वीप के लोगों के साथ खड़ी है. उनकी सांस्कृति धरोहर की रक्षा के लिए लड़ेगी. उन्होंने ट्वीट किया, लक्षद्वीप के लोग अपने द्वीपों की समृद्ध प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक धरोहर को बहुत गहराई से समझते हैं तथा इसका सम्मान करते हैं. उन्होंने हमेशा इसकी रक्षा की है और निखारा है.

प्रियंका ने कहा, भाजपा सरकार और इसके प्रशासन को इस धरोहर को नष्ट करने, लक्षद्वीप के लोगों को परेशान करने या लोगों पर मनमाने ढंग से पाबंदियां एवं नियम थोपने का कोई अधिकार नहीं है.

कांग्रेस महासचिव ने सवाल किया, संवाद से ही लोकतंत्र चलता है. ऐसे में लक्षद्वीप के लोगों से विचार-विमर्श क्यों नहीं किया गया? उनसे क्यों नहीं पूछा गया कि वे लक्षद्वीप के लिए किसे अच्छा या बुरा समझते हैं? जिसे धरोहर की समझ नहीं है, उसे इसको नष्ट करने के लिए अपनी शक्ति का इस्तेमाल करने की अनुमति कैसे दी जा सकती है?

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, मैं लक्षद्वीप के लोगों के प्रति पूरा समर्थन व्यक्त करती हूं. मैं हमेशा आपके साथ खड़ी रहूंगी और आपकी तथा आपकी धरोहर की रक्षा के लिए लड़ूंगी. यह एक राष्ट्रीय संपत्ति है, जिसे हम सभी संजोकर रखते हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने इस विषय पर संवाददाताओं से कहा, इस छोटे भौगोलिक क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर पर हमला हो रहा है. प्रफुल्ल खोड़ा पटेल पहले ऐसे प्रशासक हैं, जो विशुद्ध नेता हैं.

उन्होंने दावा किया, गुजरात के गृह मंत्री रहे व्यक्ति (पटेल) भला कैसे लक्षद्वीप के प्रशासक हो सकते हैं, जो भारत सरकार के एक संयुक्त सचिव को रिपोर्ट करें. उन्हें इस पद पर बैठाया गया है ताकि वे अपने राजनीतिक आकाओं की मंशा को पूरा कर सकें और दादरा एवं नागर हवेली तथा लक्षद्वीप में भाजपा की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करें.

माकन ने कहा, गुजरात में नशाबंदी है. लेकिन इस राज्य से ताल्लुक रखने वाले प्रफुल्ल खोडा पटेल लक्षद्वीप के कुछ प्रमुखों द्वीपों पर नशाबंदी खत्म कर रहे हैं. विरोध करने वालों पर असामाजिक गतिविधियां रोकथाम कानून लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा, हमारी केंद्र सरकार से मांग है कि लक्षद्वीप से इस प्रशासक को हटाया जाए और दोनों नियमनों को निरस्त किया जाए.

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को वापस बुलाने की मांग की. इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रपति से यह भी कहा है कि प्रफुल्ल पटेल के कार्यकाल में लिए गए फैसलों को रद्द किया जाए.

पढ़ें - ईटीवी भारत से बोले जीतन राम मांझी- 'सच कहना बगावत है तो समझो हम बागी हैं'

खबरों के मुताबिक, मसौदा नियमनों के तहत लक्षद्वीप से शराब के सेवन पर रोक हटाई गई है. इसके अलावा पशु संरक्षण का हवाला देते हुए बीफ उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है. लक्षद्वीप की अधिकांश आबादी मछली पालन पर निर्भर है, लेकिन विपक्षी नेताओं का आरोप है कि प्रफुल्ल पटेल ने तट रक्षक अधिनियम के उल्लंघन के आधार पर तटीय इलाकों में मछुआरों की झोपड़ियों को तोड़ने के आदेश दिए हैं.

उधर, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ए पी अब्दुल्लाकुट्टी ने सोमवार को आरोप लगाया कि विपक्षी नेता प्रशासक पटेल का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने द्वीपसमूह में नेताओं के भ्रष्ट चलन को खत्म करने के लिए कुछ खास कदम उठाए हैं. अब्दुल्लाकुट्टी लक्षद्वीप में भाजपा के प्रभारी भी हैं.

नई दिल्ली : कांग्रेस ने केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप में नए नियमन के मसौदे को वहां की सांस्कृतिक धरोहर पर हमला करार दिया. कांग्रेस ने कहा कि केंद्र सरकार को तत्काल इन मसौदों को वापस लेना चाहिए और प्रफुल्ल खोड़ा पटेल को प्रशासक के पद से हटाना चाहिए.

पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यह भी कहा कि कांग्रेस लक्षद्वीप के लोगों के साथ खड़ी है. उनकी सांस्कृति धरोहर की रक्षा के लिए लड़ेगी. उन्होंने ट्वीट किया, लक्षद्वीप के लोग अपने द्वीपों की समृद्ध प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक धरोहर को बहुत गहराई से समझते हैं तथा इसका सम्मान करते हैं. उन्होंने हमेशा इसकी रक्षा की है और निखारा है.

प्रियंका ने कहा, भाजपा सरकार और इसके प्रशासन को इस धरोहर को नष्ट करने, लक्षद्वीप के लोगों को परेशान करने या लोगों पर मनमाने ढंग से पाबंदियां एवं नियम थोपने का कोई अधिकार नहीं है.

कांग्रेस महासचिव ने सवाल किया, संवाद से ही लोकतंत्र चलता है. ऐसे में लक्षद्वीप के लोगों से विचार-विमर्श क्यों नहीं किया गया? उनसे क्यों नहीं पूछा गया कि वे लक्षद्वीप के लिए किसे अच्छा या बुरा समझते हैं? जिसे धरोहर की समझ नहीं है, उसे इसको नष्ट करने के लिए अपनी शक्ति का इस्तेमाल करने की अनुमति कैसे दी जा सकती है?

उन्होंने इस बात पर जोर दिया, मैं लक्षद्वीप के लोगों के प्रति पूरा समर्थन व्यक्त करती हूं. मैं हमेशा आपके साथ खड़ी रहूंगी और आपकी तथा आपकी धरोहर की रक्षा के लिए लड़ूंगी. यह एक राष्ट्रीय संपत्ति है, जिसे हम सभी संजोकर रखते हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने इस विषय पर संवाददाताओं से कहा, इस छोटे भौगोलिक क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर पर हमला हो रहा है. प्रफुल्ल खोड़ा पटेल पहले ऐसे प्रशासक हैं, जो विशुद्ध नेता हैं.

उन्होंने दावा किया, गुजरात के गृह मंत्री रहे व्यक्ति (पटेल) भला कैसे लक्षद्वीप के प्रशासक हो सकते हैं, जो भारत सरकार के एक संयुक्त सचिव को रिपोर्ट करें. उन्हें इस पद पर बैठाया गया है ताकि वे अपने राजनीतिक आकाओं की मंशा को पूरा कर सकें और दादरा एवं नागर हवेली तथा लक्षद्वीप में भाजपा की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करें.

माकन ने कहा, गुजरात में नशाबंदी है. लेकिन इस राज्य से ताल्लुक रखने वाले प्रफुल्ल खोडा पटेल लक्षद्वीप के कुछ प्रमुखों द्वीपों पर नशाबंदी खत्म कर रहे हैं. विरोध करने वालों पर असामाजिक गतिविधियां रोकथाम कानून लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा, हमारी केंद्र सरकार से मांग है कि लक्षद्वीप से इस प्रशासक को हटाया जाए और दोनों नियमनों को निरस्त किया जाए.

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी सोमवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को चिट्ठी लिखकर लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को वापस बुलाने की मांग की. इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रपति से यह भी कहा है कि प्रफुल्ल पटेल के कार्यकाल में लिए गए फैसलों को रद्द किया जाए.

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खबरों के मुताबिक, मसौदा नियमनों के तहत लक्षद्वीप से शराब के सेवन पर रोक हटाई गई है. इसके अलावा पशु संरक्षण का हवाला देते हुए बीफ उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है. लक्षद्वीप की अधिकांश आबादी मछली पालन पर निर्भर है, लेकिन विपक्षी नेताओं का आरोप है कि प्रफुल्ल पटेल ने तट रक्षक अधिनियम के उल्लंघन के आधार पर तटीय इलाकों में मछुआरों की झोपड़ियों को तोड़ने के आदेश दिए हैं.

उधर, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ए पी अब्दुल्लाकुट्टी ने सोमवार को आरोप लगाया कि विपक्षी नेता प्रशासक पटेल का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने द्वीपसमूह में नेताओं के भ्रष्ट चलन को खत्म करने के लिए कुछ खास कदम उठाए हैं. अब्दुल्लाकुट्टी लक्षद्वीप में भाजपा के प्रभारी भी हैं.

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