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लखीमपुर खीरी : पीके बोले, कांग्रेस में ढांचागत कमजोरी, बघेल-सुरजेवाला का पलटवार - रणनीतिकार प्रशांत किशोर

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रशांत किशोर (पीके) पर परोक्ष निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के चुनाव नहीं जीत पाने वाले नेताओं को अपने पाले में मिलाकर 'राष्ट्रीय विकल्प' बनने की उम्मीद कर रहे लोगों को बहुत निराशा होगी. बघेल ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प के मुद्दे का कोई त्वरित समाधान नहीं हो सकता. बता दें कि इससे पहले पीके ने एक टिप्पणी में कहा कि लखीमपुर की घटना के बाद कांग्रेस का जनाधार बढ़ेगा ऐसा उन्हें नहीं लगता.

प्रशांत किशोर कांग्रेस पलटवार
प्रशांत किशोर कांग्रेस पलटवार
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Published : Oct 8, 2021, 10:30 PM IST

नई दिल्ली : जानेमाने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि लखीमपुर खीरी मामले से कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष के उठ खड़े होने की उम्मीद लगा रहे लोगों को निराशा हो सकती है क्योंकि देश की सबसे पुरानी पार्टी से जुड़ी समस्याओं का कोई त्वरित समाधान नहीं हैं. इस पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प के मुद्दे का कोई त्वरित समाधान नहीं हो सकता.

किशोर की टिप्पणी पर बिना नाम लिए पलटवार करते हुए बघेल ने ट्वीट किया, 'कांग्रेस के उन पदाधिकारियों को अपने पाले में मिलाने के आधार पर राष्ट्रीय विकल्प बनने की उम्मीद कर रहे लोग को घोर निराशा होने वाली है जो अपनी सीट भी नहीं जीत सकते. दुर्भाग्य से राष्ट्रीय विकल्प बनने के लिए गहरे और सतत प्रयासों की जरूरत है तथा इसका कोई त्वरित समाधान नहीं है.'

प्रशांत किशोर (पीके) को लेकर पलटवार करते हुए शुक्रवार को कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पीके की टिप्पणी को ज्यादा तवज्जो नहीं देने का प्रयास किया. हालांकि, सुरजेवाला ने यह भी कहा कि राजनीति में जनता जिसे चाहेगी, वह आगे बढ़ेगा तथा इस समय राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं.

सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं किसी कंसल्टेंट की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा....राजनीति में सबको आगे बढ़ने का अधिकार है. जनता जिसे चाहेगी, वही आगे बढ़ेगा. जमीन पर जनता की लड़ाई राहुल गांधी और प्रियंका गांधी लड़ रहे हैं.'

दिलचस्प है कि प्रशांत किशोर ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब कुछ हफ्ते पहले तक उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं. उनकी इस टिप्पणी से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उनके फिलहाल कांग्रेस में शामिल होने की संभावना धूमिल हो गई हैं.

यह भी पढ़ें- पीके ने कसा तंज, लखीमपुर के बाद कांग्रेस की वापसी, बहुत बड़ी गलतफहमी !

किशोर ने ट्वीट किया, 'लखीमपुर खीरी की घटना के आधार पर देश की सबसे पुरानी पार्टी की अगुवाई में विपक्ष के त्वरित और स्वाभाविक रूप से उठ खड़े होने की उम्मीद लगा रहे लोग निराश हो सकते हैं. दुर्भाग्यवश सबसे पुरानी पार्टी में लंबे समय से घर कर चुकी समस्याओं और ढांचागत कमजोरियों का कोई त्वरित समाधान नहीं है.'

बता दें कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में प्रदर्शनकारी किसानों की मौत के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को मौके पर जाते समय हिरासत में लिया गया था और वह दो दिनों तक पुलिस की अभिरक्षा में थीं. इसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी.

यह भी पढ़ें- राहुल-प्रियंका ने मृतक किसान के परिजनों से की मुलाकात

गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में गत रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

नई दिल्ली : जानेमाने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि लखीमपुर खीरी मामले से कांग्रेस की अगुवाई में विपक्ष के उठ खड़े होने की उम्मीद लगा रहे लोगों को निराशा हो सकती है क्योंकि देश की सबसे पुरानी पार्टी से जुड़ी समस्याओं का कोई त्वरित समाधान नहीं हैं. इस पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर विकल्प के मुद्दे का कोई त्वरित समाधान नहीं हो सकता.

किशोर की टिप्पणी पर बिना नाम लिए पलटवार करते हुए बघेल ने ट्वीट किया, 'कांग्रेस के उन पदाधिकारियों को अपने पाले में मिलाने के आधार पर राष्ट्रीय विकल्प बनने की उम्मीद कर रहे लोग को घोर निराशा होने वाली है जो अपनी सीट भी नहीं जीत सकते. दुर्भाग्य से राष्ट्रीय विकल्प बनने के लिए गहरे और सतत प्रयासों की जरूरत है तथा इसका कोई त्वरित समाधान नहीं है.'

प्रशांत किशोर (पीके) को लेकर पलटवार करते हुए शुक्रवार को कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पीके की टिप्पणी को ज्यादा तवज्जो नहीं देने का प्रयास किया. हालांकि, सुरजेवाला ने यह भी कहा कि राजनीति में जनता जिसे चाहेगी, वह आगे बढ़ेगा तथा इस समय राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं.

सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं किसी कंसल्टेंट की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा....राजनीति में सबको आगे बढ़ने का अधिकार है. जनता जिसे चाहेगी, वही आगे बढ़ेगा. जमीन पर जनता की लड़ाई राहुल गांधी और प्रियंका गांधी लड़ रहे हैं.'

दिलचस्प है कि प्रशांत किशोर ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब कुछ हफ्ते पहले तक उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं. उनकी इस टिप्पणी से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उनके फिलहाल कांग्रेस में शामिल होने की संभावना धूमिल हो गई हैं.

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किशोर ने ट्वीट किया, 'लखीमपुर खीरी की घटना के आधार पर देश की सबसे पुरानी पार्टी की अगुवाई में विपक्ष के त्वरित और स्वाभाविक रूप से उठ खड़े होने की उम्मीद लगा रहे लोग निराश हो सकते हैं. दुर्भाग्यवश सबसे पुरानी पार्टी में लंबे समय से घर कर चुकी समस्याओं और ढांचागत कमजोरियों का कोई त्वरित समाधान नहीं है.'

बता दें कि लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में प्रदर्शनकारी किसानों की मौत के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को मौके पर जाते समय हिरासत में लिया गया था और वह दो दिनों तक पुलिस की अभिरक्षा में थीं. इसके बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी.

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गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया क्षेत्र में गत रविवार को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के विरोध को लेकर भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.

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