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Lakhimpur Kheri Case: आशीष मिश्रा की जमानत याचिका के खिलाफ 15 मार्च को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट - लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा

याचिकाकर्ता की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि आशीष मिश्रा को जमानत देने का इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश अपराध की गंभीरता के हिसाब से गलत था.

आशीष मिश्रा की जमानत याचिका के खिलाफ होगी सुनवाई
आशीष मिश्रा की जमानत याचिका के खिलाफ होगी सुनवाई
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Published : Mar 11, 2022, 2:09 PM IST

नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ता की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि आशीष को जमानत देने का हाईकोर्ट का आदेश अपराध की गंभीरता के हिसाब से गलत था. गुरुवार को ही मामले के एक गवाह पर हमला भी हुआ है. सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लखीमपुर खीरी मामले में एक गवाह पर बीती रात हमला किया गया.

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ को वकील प्रशांत भूषण ने बताया कि याचिका शुक्रवार 11 मार्च के लिए सूचीबद्ध की गई थी, लेकिन आज सुनवाई वाली याचिकाओं की सूची में इसका जिक्र नहीं आया. इस बीच, बृहस्पतिवार की रात मामले के प्रमुख गवाहों में से एक पर हमला भी किया गया. पीठ ने कहा, कोई गलती हो गई है. वे (रजिस्ट्री अधिकारी) मंगलवार को इसे सूचीबद्ध कर रहे हैं. हम मंगलवार को मामले पर सुनवाई करेंगे.

भूषण ने चार मार्च को याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था, जिसके बाद अदालत ने इसे 11 मार्च के लिए सूचीबद्ध किया था. भूषण ने तब दलील दी थी कि मामले के अन्य आरोपी आशीष मिश्रा को दी गई राहत का हवाला देते हुए जमानत के लिए अदालत का रुख कर रहे हैं. इसके बाद, पीठ ने वकील से कहा था कि वह उच्च न्यायालय को इस बात से अवगत कराएं कि शीर्ष अदालत जमानत खारिज करने की याचिका पर सुनवाई कर रही है.

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के तीन सदस्यों ने मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिये जाने को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 10 फरवरी को मिश्रा को मामले में जमानत दे दी थी. इससे पहले वह चार महीने तक हिरासत में रहे थे.

पढ़ें: आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर 11 मार्च को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

गौरतलब है कि किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था, तभी लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया. इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला, जबकि हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई. किसान नेताओं ने दावा किया है कि उस वाहन में आशीष मिश्रा थे, जिसने प्रदर्शनकारियों को कुचला था। हालांकि, उन्होंने आरोपों को खारिज किया है.

पीटीआई-भाषा

नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ता की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि आशीष को जमानत देने का हाईकोर्ट का आदेश अपराध की गंभीरता के हिसाब से गलत था. गुरुवार को ही मामले के एक गवाह पर हमला भी हुआ है. सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि लखीमपुर खीरी मामले में एक गवाह पर बीती रात हमला किया गया.

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ को वकील प्रशांत भूषण ने बताया कि याचिका शुक्रवार 11 मार्च के लिए सूचीबद्ध की गई थी, लेकिन आज सुनवाई वाली याचिकाओं की सूची में इसका जिक्र नहीं आया. इस बीच, बृहस्पतिवार की रात मामले के प्रमुख गवाहों में से एक पर हमला भी किया गया. पीठ ने कहा, कोई गलती हो गई है. वे (रजिस्ट्री अधिकारी) मंगलवार को इसे सूचीबद्ध कर रहे हैं. हम मंगलवार को मामले पर सुनवाई करेंगे.

भूषण ने चार मार्च को याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था, जिसके बाद अदालत ने इसे 11 मार्च के लिए सूचीबद्ध किया था. भूषण ने तब दलील दी थी कि मामले के अन्य आरोपी आशीष मिश्रा को दी गई राहत का हवाला देते हुए जमानत के लिए अदालत का रुख कर रहे हैं. इसके बाद, पीठ ने वकील से कहा था कि वह उच्च न्यायालय को इस बात से अवगत कराएं कि शीर्ष अदालत जमानत खारिज करने की याचिका पर सुनवाई कर रही है.

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों के तीन सदस्यों ने मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिये जाने को चुनौती देते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की है. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 10 फरवरी को मिश्रा को मामले में जमानत दे दी थी. इससे पहले वह चार महीने तक हिरासत में रहे थे.

पढ़ें: आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर 11 मार्च को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट

गौरतलब है कि किसानों का एक समूह उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की यात्रा के खिलाफ पिछले साल तीन अक्टूबर को प्रदर्शन कर रहा था, तभी लखीमपुर खीरी में एक एसयूवी (कार) ने चार किसानों को कथित तौर पर कुचल दिया. इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने भाजपा के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को कथित तौर पर पीट-पीट कर मार डाला, जबकि हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई. किसान नेताओं ने दावा किया है कि उस वाहन में आशीष मिश्रा थे, जिसने प्रदर्शनकारियों को कुचला था। हालांकि, उन्होंने आरोपों को खारिज किया है.

पीटीआई-भाषा

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