नई दिल्ली: लालकिला हिंसा मामले में शुक्रवार को राजधानी के रोहिणी कोर्ट से लखबीर सिंह उर्फ लक्खा सिधाना को जमानत मिल गई. लक्खा पर लालकिले पर हिंसा के दौरान बाहरी दिल्ली की सड़क को जाम करने और बैरिकेड को नुकसान पहुंचाने का आरोप है. लक्खा पर आरोप है कि उसने पुलिस के आग्रह को भी नहीं माना और वो पुलिस अधिकारियों के शासकीय काम में बाधा डाल रहा था.
सुनवाई के बाद कोर्ट ने लक्खा को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था. इसके पहले पिछले 29 जुलाई को लालकिले पर हुई हिंसा के मामले में तीस हजारी कोर्ट लक्खा को जमानत दे चुका है. लक्खा पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपये का ईनाम भी घोषित कर रखा था. बता दें कि पिछले 19 जून को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से दायर पूरक चार्जशीट पर संज्ञान लिया था.
चार्जशीट में कहा गया है कि 26 जनवरी को लालकिले पर कब्जे की साजिश रची गई थी और लालकिले को विरोध प्रदर्शन का केंद्र बनाने की योजना थी. चार्जशीट में कहा गया है कि गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा फैलाने को सोची-समझी साजिश थी. इस हिंसा के जरिये केंद्र सरकार को बदनाम करने की योजना बनाई गई थी.
दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, आर्म्स एक्ट, प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रोपर्टी, एंशिएंट मानुमेंट्स एंड आर्कियोलॉजिकल साईट्स एंड रिमेंस एक्ट, एपिडेमिक डिसीज एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत आरोप लगाए हैं.
कोर्ट ने उन आरोपों पर संज्ञान नहीं लिया, जिनमें अभी अनुमति नहीं ली गई थी, जिन मामलों में अनुमति नहीं ली गई थी उसमें आर्म्स एक्ट, एपिडेमिक एक्ट और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के कुछ आरोप शामिल हैं. बता दें कि पिछले 17 जून को दिल्ली पुलिस ने इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल किया था.
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