नई दिल्ली : भारतीय सेना ने लद्दाख में हुए बस हादसे की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (सीओआई) के आदेश दिए हैं. कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की जांच के दौरान बस चालक की भूमिका की जांच की जाएगी, जोकि एक स्थानीय नागरिक है. बता दें, 27 फरवरी को लद्दाख में थोइसे के पास 26 सैनिकों से भरी बस नदी में गिर गई थी. इस हादसे में सेना के सात जवानों की मौत हो गई थी और कई जवान घायल हुए थे. यह हदासा एक सैन्य हवाई अड्डे के पास हुआ था.
ड्राइवर का नाम अहमद शाह है, जो सड़क से फिसलकर 50-60 फीट नीचे श्योक नदी में गिरने से पहले बस से कूद गया था. इस हादसे में उसे मामूली चोटें आई थीं. राज्य पुलिस के एक सूत्र ने ईटीवी भारत को बताया, 'शनिवार को हुए हादसे के संबंध में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है. प्रथम दृष्टया यह लापरवाही से वाहन चलाने का मामला लगता है और दुर्घटना जानबूझकर नहीं की गई थी. लेकिन यह जांच का विषय है और जांच से ही इसका निष्कर्ष निकलेगा.
ऐसी दुर्घटनाओं के बाद प्राथमिकी दर्ज करना मानक प्रक्रिया है और सेना द्वारा कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश देने जैसा है. बस को सिविलियन हायर ट्रांसपोर्ट प्रावधान के तहत किराए पर लिया गया था और सियाचिन ग्लेशियर में उनकी पहली तैनाती के लिए कुल 26 सैनिकों को ले जाया जा रहा था. बस भारतीय सेना के काफिले का हिस्सा थी और पर्तापुर (Partapur) में सेना के ट्रांजिट कैंप से सियाचिन में स्थित सब सेक्टर हनीफ में अग्रिम स्थान पर की ओर जा रही थी. दुर्घटना में भारतीय सेना के सात जवानों की मौत हो गई, बाकी 19 घायल हो गए. कुछ गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें चंडीगढ़ के पास चंडीमंदिर में सैन्य बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया.
चंडीमंदिर में सैन्य बेस अस्पताल में भर्ती कराए गए घायल जवानों में से तीन की हालत गंभीर थी और उन्हें तत्काल चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता थी. सूत्रों के अनुसार, घायल सैनिकों में से तीन का तुरंत ऑपरेशन किया गया, लेकिन अंतिम रिपोर्ट आने तक सभी 19 की हालत स्थिर थी.
यह घटना शुक्रवार की सुबह करीब 9 बजे तुरतुक सेक्टर में हुई थी, जो लगभग 12,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और परिवहन की दृष्टि से यह काफी जोखिम भरा इलाका है. ऐसी जगहों पर गाड़ी चलाना काफी संघर्षपूर्ण है. अत्यधिक ठंड के अलावा, बहुत अधिक ऊंचाई वाली हवा में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे मन में भ्रम पैदा होता है जिससे धीमी प्रतिक्रिया होती है. सियाचिन रिज (Siachen Ridge) को दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र कहा जाता है, जहां भारतीय सेना के जवान, एक तरफ पाकिस्तानी सेना और दूसरी तरफ चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का सामना करते हैं.
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बस दुर्घटना के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया था, 'लद्दाख में बस दुर्घटना से दुखी हूं जिसमें हमने सेना के बहादुर जवानों को खो दिया है. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं. मुझे उम्मीद है कि जो घायल हुए हैं वे जल्द से जल्द ठीक हो जाएं. पीड़ितों को हरसंभव सहायता दी जा रही है.