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खादी-ग्रामोद्योग ने सूखा रोकने के उद्देश्य से 'बोल्ड' परियोजना की शुरुआत की - KVIC Unique Project BOLD

राजस्थान में मरुस्थलीकरण कम करने और आजीविका के अवसरों का विस्तार करने के लिए केवीआईसी ने 'बोल्ड' परियोजना की शुरुआत की है.

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Published : Jul 4, 2021, 7:57 PM IST

नई दिल्ली : खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने राजस्थान में मरुस्थलीकरण कम करने और आजीविका के अवसरों का विस्तार करने के उद्देश्य से रविवार को एक परियोजना की शरूआत की, जिसके तहत प्रदेश में बांस की विशेष प्रजातियों के 5,000 पौधे रोपे गए.

केवीआईसी ने एक बयान में कहा कि केवीआईसी अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने स्थानीय सांसद अरूज लाल मीणा और समेत दो हजार ग्रामीणों की मौजूदगी में राजस्थान में उदयपुर के निचला मांडवा गांव में 'शुष्क भूमि पर बांस' (बोल्ड) परियोजना का शुभारम्भ किया.

केवीआईसी ने कहा कि बोल्ड परियोजना में शुष्क और अर्ध-शुष्क भूमि क्षेत्रों में बांस रोप कर हरियाली लाने का लक्ष्य है. यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भू-क्षरण रोकने और देश में मरुस्थलीकरण को रोकने के आह्वान से प्रेरित है.

पढ़ें :- गडकरी ने बांस क्षेत्र के लिए व्यापक नीति बनाने का सुझाव दिया

इस परियोजना के लिए असम से बंबुसा टुल्डा और बम्बुसा पॉलीमोर्फा प्रजाति के पांच हजार पौधे (बांस के कंद) को ग्राम पंचायत की खाली पड़ी 16 एकड़ से अधिक जमीन पर रोपे गए.

उसने कहा कि इस प्रकार केवीआईसी ने एक ही स्थान पर एक ही दिन में सर्वाधिक संख्या में बांस रोपने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है. यह पहल स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में केवीआईसी के 'खादी बांस महोत्सव' के अंतर्गत की गई है.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने राजस्थान में मरुस्थलीकरण कम करने और आजीविका के अवसरों का विस्तार करने के उद्देश्य से रविवार को एक परियोजना की शरूआत की, जिसके तहत प्रदेश में बांस की विशेष प्रजातियों के 5,000 पौधे रोपे गए.

केवीआईसी ने एक बयान में कहा कि केवीआईसी अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने स्थानीय सांसद अरूज लाल मीणा और समेत दो हजार ग्रामीणों की मौजूदगी में राजस्थान में उदयपुर के निचला मांडवा गांव में 'शुष्क भूमि पर बांस' (बोल्ड) परियोजना का शुभारम्भ किया.

केवीआईसी ने कहा कि बोल्ड परियोजना में शुष्क और अर्ध-शुष्क भूमि क्षेत्रों में बांस रोप कर हरियाली लाने का लक्ष्य है. यह परियोजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भू-क्षरण रोकने और देश में मरुस्थलीकरण को रोकने के आह्वान से प्रेरित है.

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इस परियोजना के लिए असम से बंबुसा टुल्डा और बम्बुसा पॉलीमोर्फा प्रजाति के पांच हजार पौधे (बांस के कंद) को ग्राम पंचायत की खाली पड़ी 16 एकड़ से अधिक जमीन पर रोपे गए.

उसने कहा कि इस प्रकार केवीआईसी ने एक ही स्थान पर एक ही दिन में सर्वाधिक संख्या में बांस रोपने का विश्व रिकॉर्ड बनाया है. यह पहल स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में केवीआईसी के 'खादी बांस महोत्सव' के अंतर्गत की गई है.

(पीटीआई-भाषा)

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