नई दिल्ली : तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पार्टी के लोकसभा सदस्य अभिषेक बनर्जी के काफिले पर हमले के सिलसिले में कुर्मी समुदाय के दो नेताओं राजेश महतो और निशिकांत महतो की गिरफ्तारी के खिलाफ सोमवार को भारी विरोध प्रदर्शन किया गया. विरोध कारण बांकुड़ा, पुरुलिया, पश्चिम मिदनापुर और झारग्राम के आदिवासी बहुल जिलों के सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ. प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम, जुलूस और रैलियां कीं.
कुर्मी समुदाय के नेताओं ने कहा कि ये विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे और अगर गिरफ्तार नेताओं को तुरंत रिहा नहीं किया गया, तो आने वाले दिनों में यह और गंभीर रूप ले लेगा. कुर्मी नेता अजीत महतो ने कहा,अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के लिए हमारा आंदोलन जारी रहेगा. इस बीच, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी के लोकसभा सदस्य दिलीप घोष ने कहा कि उन्हें संदेह है कि शुक्रवार को अभिषेक बनर्जी पर किया गया हमला जनता की सहानुभूति हासिल करने के लिए तृणमूल कांग्रेस द्वारा किया गया नाटक था.
घोष ने कहा, ''ऐसा आरोप लगाया जा रहा है कि राज्य के मंत्री बीरबाहा हांसदा के वाहन का पिछला शीशा तोड़ दिया गया. लेकिन इसका एक भी प्रत्यक्षदर्शी नहीं है. पुलिस की कार्रवाई तब शुरू हुई जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सालबोनी में एक सार्वजनिक रैली में आरोप लगाया कि बीजेपी अन्य आदिवासी लोगों के खिलाफ कुर्मियों को उकसाकर पश्चिम बंगाल में मणिपुर जैसी जातिगत हिंसा भड़काने की कोशिश कर रही है.
पहले एक राजकीय स्कूल में शिक्षक राजेश महतो का तबादला उसके पैतृक जिले से दूर के जिले में कर दिया गया और फिर रविवार को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद पुलिस ने उनके करीबी निशिकांत को गिरफ्तार कर लिया. इस सिलसिले में अब तक कुल नौ गिरफ्तारियां हो चुकी हैं.
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(IANS)