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कवि कुमार विश्वास की ये मुहिम ला रही रंग, 'दान' से बन रहे 'बलवान'

कवि कुमार विश्वास ने प्लाज्मा के लिए भटक रहे लोगों के लिए एक मुहिम शुरू की थी जो रंग ला रही है. हाल ही में उन्होंने एक वीडियो जारी करके इस मुहिम के बारे में जानकारी दी थी. कुमार कहते हैं कि हमने जीवन में यह दिन कभी नहीं देखा था जो इस समय देखना पड़ रहा है. हमने कारगिल देखा, आंदोलन देखे, हमने अलग राजनीतिक चुनौतियां देखीं, लेकिन यह कैसा शत्रु है, जिससे हम पहले कभी नहीं मिले थे.

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Published : May 3, 2021, 5:51 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : कवि कुमार विश्वास ने प्लाज्मा के लिए भटक रहे लोगों के लिए एक मुहिम शुरू की थी जो रंग ला रही है. हाल ही में उन्होंने एक वीडियो जारी करके इस मुहिम के बारे में जानकारी दी थी.

उन्होंने वीडियो के जरिए कोरोना काल को लेकर भी अपना दर्द बयां किया. कुमार कहते हैं कि हमने जीवन में यह दिन कभी नहीं देखा था जो इस समय देखना पड़ रहा है. हमने कारगिल देखा, आंदोलन देखें, हमने अलग राजनीतिक चुनौतियां देखीं, लेकिन यह कैसा शत्रु है, जिससे हम पहले कभी नहीं मिले थे. प्लाज्मा डोनेशन को लेकर शुरू की गई उनकी मुहिम से लोगों को प्लाज़्मा डोनर मिल रहे हैं.

कवि कुमार विश्वास ने शुरू की मुहिम.

दिन-रात टीम काम कर रही है टीम

कुमार विश्वास बताते हैं कि दिन-रात लोग उनसे सोशल मीडिया पर कांटेक्ट करते हैं और मदद के लिए कहते हैं. उनका कहना है कि मदद के लिए उनकी टीम दिन-रात काम कर रही है. अपना दर्द बयां करते हुए कुमार बताते हैं कि हाल ही में उन्होंने उत्तर प्रदेश के एक आईएएस अफसर को मदद के लिए फोन किया, तो आईएएस अफसर ने बोल दिया कि आप कौन से विधायक मंत्री हैं जो मैं आपकी बात मान लूं.

'वेंटिलेटर फैक्ट्री बनाती है, लेकिन हौसला इंसान बनाता है'
उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन बेड से लेकर वेंटिलेटर को फैक्ट्री द्वारा बनाया जाता है. अस्पताल को सरकार बनाती है, लेकिन हौसला हम खुद बनाते हैं और खून भी हम खुद बनाते हैं. इसी तरह से प्लाज्मा हम खुद ही बनाते हैं. उन्होंने अपील की थी कि जिन लोगों को पिछले 3 महीने में कोरोना हुआ और वे ठीक हो चुके हैं वे आगे आएं और प्लाज्मा डोनेट करें.

उन्होंने कहा था कि उनकी सोशल मीडिया टीम इस पर काम कर रही है. सभी प्लाज्मा डोनेट करने वाले लोग उनसे जुड़ कर एक प्लेटफार्म पर आ सकते हैं. जहां से उनकी टीम जरूरतमंदों तक प्लाज्मा पहुंचा देगी. कुमार विश्वास की यह मुहिम रंग भी ला रही है. कुमार के ट्विटर हैंडल पर बहुत से लोग इस बात की जानकारी दे रहे हैं कि उन्हें कुमार की मुहिम की वजह से प्लाज्मा डोनर मिल पाया.

बड़े अस्पताल मालिकों ने नहीं उठाया फोन
कुमार विश्वास ने खुद बताया कि पिछले कई दिनों में उन्होंने कई अस्पताल के संचालकों को फोन किया और लोगों के लिए बेड की व्यवस्था करने के लिए आग्रह किया. ज्यादातर जगहों पर मदद हो पाई, लेकिन उन्होंने कहा कि बाद में कई अस्पताल के मालिकों ने उनका फोन तक उठाना बंद कर दिया, जिससे वह खुद को काफी असहाय महसूस कर रहे थे, लेकिन हौसला नहीं हारे. उन्होंने कहा कि मैं सरकारी सिस्टम के बारे में कुछ नहीं कहूंगा. कुमार विश्वास कहते हैं कि इस समय जो भी बीजेपी, कांग्रेस या आम आदमी पार्टी की बात करके आपदा पर राजनीति करता मिले, उसे अपनी लाइफ से डिलीट कर दीजिए.

पढ़ेंः NEET-PG परीक्षा चार महीने के लिए स्थगित

नई दिल्ली/गाजियाबाद : कवि कुमार विश्वास ने प्लाज्मा के लिए भटक रहे लोगों के लिए एक मुहिम शुरू की थी जो रंग ला रही है. हाल ही में उन्होंने एक वीडियो जारी करके इस मुहिम के बारे में जानकारी दी थी.

उन्होंने वीडियो के जरिए कोरोना काल को लेकर भी अपना दर्द बयां किया. कुमार कहते हैं कि हमने जीवन में यह दिन कभी नहीं देखा था जो इस समय देखना पड़ रहा है. हमने कारगिल देखा, आंदोलन देखें, हमने अलग राजनीतिक चुनौतियां देखीं, लेकिन यह कैसा शत्रु है, जिससे हम पहले कभी नहीं मिले थे. प्लाज्मा डोनेशन को लेकर शुरू की गई उनकी मुहिम से लोगों को प्लाज़्मा डोनर मिल रहे हैं.

कवि कुमार विश्वास ने शुरू की मुहिम.

दिन-रात टीम काम कर रही है टीम

कुमार विश्वास बताते हैं कि दिन-रात लोग उनसे सोशल मीडिया पर कांटेक्ट करते हैं और मदद के लिए कहते हैं. उनका कहना है कि मदद के लिए उनकी टीम दिन-रात काम कर रही है. अपना दर्द बयां करते हुए कुमार बताते हैं कि हाल ही में उन्होंने उत्तर प्रदेश के एक आईएएस अफसर को मदद के लिए फोन किया, तो आईएएस अफसर ने बोल दिया कि आप कौन से विधायक मंत्री हैं जो मैं आपकी बात मान लूं.

'वेंटिलेटर फैक्ट्री बनाती है, लेकिन हौसला इंसान बनाता है'
उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन बेड से लेकर वेंटिलेटर को फैक्ट्री द्वारा बनाया जाता है. अस्पताल को सरकार बनाती है, लेकिन हौसला हम खुद बनाते हैं और खून भी हम खुद बनाते हैं. इसी तरह से प्लाज्मा हम खुद ही बनाते हैं. उन्होंने अपील की थी कि जिन लोगों को पिछले 3 महीने में कोरोना हुआ और वे ठीक हो चुके हैं वे आगे आएं और प्लाज्मा डोनेट करें.

उन्होंने कहा था कि उनकी सोशल मीडिया टीम इस पर काम कर रही है. सभी प्लाज्मा डोनेट करने वाले लोग उनसे जुड़ कर एक प्लेटफार्म पर आ सकते हैं. जहां से उनकी टीम जरूरतमंदों तक प्लाज्मा पहुंचा देगी. कुमार विश्वास की यह मुहिम रंग भी ला रही है. कुमार के ट्विटर हैंडल पर बहुत से लोग इस बात की जानकारी दे रहे हैं कि उन्हें कुमार की मुहिम की वजह से प्लाज्मा डोनर मिल पाया.

बड़े अस्पताल मालिकों ने नहीं उठाया फोन
कुमार विश्वास ने खुद बताया कि पिछले कई दिनों में उन्होंने कई अस्पताल के संचालकों को फोन किया और लोगों के लिए बेड की व्यवस्था करने के लिए आग्रह किया. ज्यादातर जगहों पर मदद हो पाई, लेकिन उन्होंने कहा कि बाद में कई अस्पताल के मालिकों ने उनका फोन तक उठाना बंद कर दिया, जिससे वह खुद को काफी असहाय महसूस कर रहे थे, लेकिन हौसला नहीं हारे. उन्होंने कहा कि मैं सरकारी सिस्टम के बारे में कुछ नहीं कहूंगा. कुमार विश्वास कहते हैं कि इस समय जो भी बीजेपी, कांग्रेस या आम आदमी पार्टी की बात करके आपदा पर राजनीति करता मिले, उसे अपनी लाइफ से डिलीट कर दीजिए.

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