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Kuldeep Bishnoi : दिल्ली दौरे पर कुलदीप बिश्नोई, बीजेपी नेताओं से मुलाकात के बाद 'हाथ' छोड़ थामेंगे कमल ?

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Published : Jun 15, 2022, 12:10 PM IST

कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई आज दिल्ली दौरे पर हैं. सूत्रों के मुताबिक वो दिल्ली में बीजेपी के आला नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं. कयास लगाए जा रहे हैं जल्द ही बिश्नोई कांग्रेस का 'हाथ' छोड़कर बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. दरअसल कुलदीप बिश्नोई ने राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग की थी और अपना वोटिंग कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की बजाय बीजेपी-जेजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को दिया था. जिसके बाद कांग्रेस ने कुलदीप बिश्नोई को सभी पदों से निष्कासित कर (Congress expels Kuldeep Bishnoi) दिया था. बीजेपी में शामिल हो सकते हैं कुलदीप बिश्नोई

kuldeep bishnoi
kuldeep bishnoi

चंडीगढ़ : राज्यसभा चुनाव में हार के बाद हरियाणा कांग्रेस को एक और झटका लग सकता है. राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग (Kuldeep Bishnoi Cross voting) के चलते सभी पदों से निष्कासित किए गए कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस का (Congress expels Kuldeep Bishnoi) हाथ छोड़ सकते हैं. कुलदीप बिश्नोई आज दिल्ली में रहेंगे, जहां वो बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर सकते हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कुलदीप बिश्नोई बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी आज दिल्ली दौरे पर हैं, जहां वो पार्टी के आला नेताओं से मुलाकात करेंगे.

कुलदीप थामेंगे 'कमल' ? - सूत्रों के मुताबिक कुलदीप बिश्नोई बीजेपी का दामन थाम सकते हैं और इससे पहले वो दिल्ली में बीजेपी के आला नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं. कुलदीप बिश्नोई ने 10 जून को हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की बजाय जेजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को वोट दिया था और यही एक वोट कांग्रेस की हार की वजह बना था. गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ बिश्नोई की एक तस्वीर खूब वायरल हुई थी. जिसे खुद बिश्नोई ने ट्वीट किया था, मुलाकात विकास कार्यों के लिए बताई गई लेकिन राज्यसभा चुनाव से ऐन पहले इस मुलाकात के कई मायने निकाले गए.

'कुछ लोगों का घमंड तोड़ना जरूरी था'- इससे पहले मंगलवार को कुलदीप बिश्नोई ने राज्यसभा चुनाव को लेकर कहा कि कुछ लोगों का घमंड तोड़ना जरूरी था इसलिये मैंने आखिरी गेंद पर सिक्स मारा है. कुलदीप बिश्नोई का इशारा भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Kuldeep Bishnoi on Bhupinder hooda) की तरफ था. दरअसल बिश्नोई ने मंगलवार को अपने कार्यकर्ताओं के साथ हिसार में बैठक की थी जिसमें उन्होंने आगामी रणनीति पर चर्चा की. बिश्नोई ने कहा कि उन्हें कई दल अप्रोच कर रहे हैं लेकिन राजनीति में कुछ भी मुमकिन है और कुछ कार्यकर्ता कांग्रेस में रहने तो कुछ बीजेपी में जाने का समर्थन कर रहे हैं. वो जल्द ही अपने सभी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर फैसला लेंगे. इससे पहले राज्यसभा चुनाव की रणनीति को लेकर हुई बैठकों से भी बिश्नोई ने दूरी बनाई थी और कांग्रेस विधायकों के साथ वो रायपुर भी नहीं गए थे. जहां पार्टी की तरफ से राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए विधायकों को करीब हफ्तेभर एक होटल में ठहराया गया था.

हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनाना हुड्डा के बस की बात नहीं- कुलदीप बिश्नोई ने हुड्डा को इतिहास याद दिलाते हुए अपनी पार्टी के विधायक खरीदने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब 31 विधायक होते हुए भूपेंद्र हुड्डा राज्यसभा की एक सीट नहीं जिता पाए, वो हरियाणा में कांग्रेस की सरकार कैसे लाएंगे.

'फन कुचलने का हुनर आता है'- राज्यसभा चुनाव के नतीजों (Kuldeep Bishnoi on Rajya Sabha Results) के तुरंत बाद कुलदीप बिश्नोई ने एक ट्वीट भी किया था, जिसमें लिखा था कि “फन कुचलने का हुनर आता है मुझे, सांप के ख़ौफ़ से जंगल नही छोड़ा करते”. इस ट्वीट के जरिये बिश्नोई ने बताया कि नतीजा वैसा ही रहा है जैसा वो चाहते थे. दरअसल कुलदीप बिश्नोई ने वोटिंग से पहले कहा था कि वो किसी के कहने पर नहीं बल्कि अंतर आत्मा की आवाज सुनकर वोट देंगे. राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की तो पार्टी ने कुलदीप बिश्नोई को निष्कासित (Kuldeep bishnoi expelled) कर दिया था.

बीजेपी और जेजेपी ने दिया न्योता- राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद कुलदीप बिश्नोई पर हर किसी की नजर है. नतीजों के तुरंत बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि अगर कुलदीप बिश्नोई बीजेपी में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि बिश्नोई का वोट केंद्र सरकार की नीतियों का समर्थन है. वहीं हरियाणा के डिप्टी दुष्यंत चौटाला ने भी कहा कि अगर कुलदीप बिश्नोई जेजेपी के साथ जुड़ते हैं तो उनका स्वागत करेंगे. उन्होंने राज्यसभा के जेजेपी समर्थित उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को वोट देने के लिए कुलदीप बिश्नोई का शुक्रिया किया.

अध्यक्ष पद की रेस में थे लेकिन...- बीते दिनों हरियाणा कांग्रेस में हुए बदलाव से पहले कुलदीप बिश्नोई प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल थे. उन्हें इस पद का प्रबल दावेदार भी माना जा रहा था लेकिन आलाकमान ने पूर्व विधायक उदय भान को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी और श्रुति चौधरी, राम किशन गुर्जर, जितेंद्र भारद्वाज और सुरेश गुप्ता के रूप में चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिए. कुलदीप बिश्नोई के अरमान धरे के धरे रह गए और सियासी जानकार इसकी वजह हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की लॉबिंग को मानते हैं. हुड्डा और बिश्नोई भले एक पार्टी में हों लेकिन वो एक-दूसरे के कितने साथ रहे हैं, ये किसी से छिपा नहीं है.

कांग्रेस से नाराज हैं बिश्नोई- ये बात तय है कि प्रदेश अध्यक्ष ना बनाए जाने से बिश्नोई पार्टी आलाकमान से नाराज हैं. बिश्नोई ने प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर कई बार दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाई और आला नेताओं से मुलाकात की लेकिन तवज्जो हुड्डा गुट को दी गई. जिसके बाद बिश्नोई ने कहा था कि वो इसपर राहुल गांधी से जवाब मांगेगे. लेकिन अब तक ना मुलाकात हुई है और ना बात हुई है. पार्टी आलाकमान से इस नाराजगी के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि बिश्नोई कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.

पहले भी छोड़ चुके हैं कांग्रेस- कुलदीप बिश्नोई हरियाणा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे भजन लाल के बेटे हैं. अगर बिश्नोई कांग्रेस का 'हाथ' छोड़ते हैं तो ऐसा पहली बार नहीं होगा. इससे पहले भी साल 2006 बिश्नोई कांग्रेस छोड़ हरियाणा जनहित कांग्रेस बना चुके हैं. इस दौरान उनकी पार्टी का हरियाणा में बीजेपी के साथ गठबंधन भी रहा और फिर साल 2016 में अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर लिया था. कुलदीप बिश्नोई मौजूदा वक्त में हरियाणा के सिरसा जिले की आदमपुर सीट से विधायक हैं. वो हिसार लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं लेकिन 2014 में इनेलो के दुष्यंत चौटाला से उन्हें हार मिली थी.

ये भी पढ़ें: क्रॉस वोटिंग पर बोले कुलदीप बिश्नोई, कुछ लोगों का घमंड तोड़ना जरूरी था, आखिरी बॉल पर सिक्स मारा

चंडीगढ़ : राज्यसभा चुनाव में हार के बाद हरियाणा कांग्रेस को एक और झटका लग सकता है. राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग (Kuldeep Bishnoi Cross voting) के चलते सभी पदों से निष्कासित किए गए कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस का (Congress expels Kuldeep Bishnoi) हाथ छोड़ सकते हैं. कुलदीप बिश्नोई आज दिल्ली में रहेंगे, जहां वो बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर सकते हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कुलदीप बिश्नोई बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी आज दिल्ली दौरे पर हैं, जहां वो पार्टी के आला नेताओं से मुलाकात करेंगे.

कुलदीप थामेंगे 'कमल' ? - सूत्रों के मुताबिक कुलदीप बिश्नोई बीजेपी का दामन थाम सकते हैं और इससे पहले वो दिल्ली में बीजेपी के आला नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं. कुलदीप बिश्नोई ने 10 जून को हुए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की बजाय जेजेपी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को वोट दिया था और यही एक वोट कांग्रेस की हार की वजह बना था. गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ बिश्नोई की एक तस्वीर खूब वायरल हुई थी. जिसे खुद बिश्नोई ने ट्वीट किया था, मुलाकात विकास कार्यों के लिए बताई गई लेकिन राज्यसभा चुनाव से ऐन पहले इस मुलाकात के कई मायने निकाले गए.

'कुछ लोगों का घमंड तोड़ना जरूरी था'- इससे पहले मंगलवार को कुलदीप बिश्नोई ने राज्यसभा चुनाव को लेकर कहा कि कुछ लोगों का घमंड तोड़ना जरूरी था इसलिये मैंने आखिरी गेंद पर सिक्स मारा है. कुलदीप बिश्नोई का इशारा भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Kuldeep Bishnoi on Bhupinder hooda) की तरफ था. दरअसल बिश्नोई ने मंगलवार को अपने कार्यकर्ताओं के साथ हिसार में बैठक की थी जिसमें उन्होंने आगामी रणनीति पर चर्चा की. बिश्नोई ने कहा कि उन्हें कई दल अप्रोच कर रहे हैं लेकिन राजनीति में कुछ भी मुमकिन है और कुछ कार्यकर्ता कांग्रेस में रहने तो कुछ बीजेपी में जाने का समर्थन कर रहे हैं. वो जल्द ही अपने सभी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर फैसला लेंगे. इससे पहले राज्यसभा चुनाव की रणनीति को लेकर हुई बैठकों से भी बिश्नोई ने दूरी बनाई थी और कांग्रेस विधायकों के साथ वो रायपुर भी नहीं गए थे. जहां पार्टी की तरफ से राज्यसभा चुनाव में हॉर्स ट्रेडिंग से बचाने के लिए विधायकों को करीब हफ्तेभर एक होटल में ठहराया गया था.

हरियाणा में कांग्रेस सरकार बनाना हुड्डा के बस की बात नहीं- कुलदीप बिश्नोई ने हुड्डा को इतिहास याद दिलाते हुए अपनी पार्टी के विधायक खरीदने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब 31 विधायक होते हुए भूपेंद्र हुड्डा राज्यसभा की एक सीट नहीं जिता पाए, वो हरियाणा में कांग्रेस की सरकार कैसे लाएंगे.

'फन कुचलने का हुनर आता है'- राज्यसभा चुनाव के नतीजों (Kuldeep Bishnoi on Rajya Sabha Results) के तुरंत बाद कुलदीप बिश्नोई ने एक ट्वीट भी किया था, जिसमें लिखा था कि “फन कुचलने का हुनर आता है मुझे, सांप के ख़ौफ़ से जंगल नही छोड़ा करते”. इस ट्वीट के जरिये बिश्नोई ने बताया कि नतीजा वैसा ही रहा है जैसा वो चाहते थे. दरअसल कुलदीप बिश्नोई ने वोटिंग से पहले कहा था कि वो किसी के कहने पर नहीं बल्कि अंतर आत्मा की आवाज सुनकर वोट देंगे. राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की तो पार्टी ने कुलदीप बिश्नोई को निष्कासित (Kuldeep bishnoi expelled) कर दिया था.

बीजेपी और जेजेपी ने दिया न्योता- राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद कुलदीप बिश्नोई पर हर किसी की नजर है. नतीजों के तुरंत बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि अगर कुलदीप बिश्नोई बीजेपी में शामिल होते हैं तो उनका स्वागत है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि बिश्नोई का वोट केंद्र सरकार की नीतियों का समर्थन है. वहीं हरियाणा के डिप्टी दुष्यंत चौटाला ने भी कहा कि अगर कुलदीप बिश्नोई जेजेपी के साथ जुड़ते हैं तो उनका स्वागत करेंगे. उन्होंने राज्यसभा के जेजेपी समर्थित उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा को वोट देने के लिए कुलदीप बिश्नोई का शुक्रिया किया.

अध्यक्ष पद की रेस में थे लेकिन...- बीते दिनों हरियाणा कांग्रेस में हुए बदलाव से पहले कुलदीप बिश्नोई प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल थे. उन्हें इस पद का प्रबल दावेदार भी माना जा रहा था लेकिन आलाकमान ने पूर्व विधायक उदय भान को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी और श्रुति चौधरी, राम किशन गुर्जर, जितेंद्र भारद्वाज और सुरेश गुप्ता के रूप में चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिए. कुलदीप बिश्नोई के अरमान धरे के धरे रह गए और सियासी जानकार इसकी वजह हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की लॉबिंग को मानते हैं. हुड्डा और बिश्नोई भले एक पार्टी में हों लेकिन वो एक-दूसरे के कितने साथ रहे हैं, ये किसी से छिपा नहीं है.

कांग्रेस से नाराज हैं बिश्नोई- ये बात तय है कि प्रदेश अध्यक्ष ना बनाए जाने से बिश्नोई पार्टी आलाकमान से नाराज हैं. बिश्नोई ने प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर कई बार दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाई और आला नेताओं से मुलाकात की लेकिन तवज्जो हुड्डा गुट को दी गई. जिसके बाद बिश्नोई ने कहा था कि वो इसपर राहुल गांधी से जवाब मांगेगे. लेकिन अब तक ना मुलाकात हुई है और ना बात हुई है. पार्टी आलाकमान से इस नाराजगी के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि बिश्नोई कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.

पहले भी छोड़ चुके हैं कांग्रेस- कुलदीप बिश्नोई हरियाणा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे भजन लाल के बेटे हैं. अगर बिश्नोई कांग्रेस का 'हाथ' छोड़ते हैं तो ऐसा पहली बार नहीं होगा. इससे पहले भी साल 2006 बिश्नोई कांग्रेस छोड़ हरियाणा जनहित कांग्रेस बना चुके हैं. इस दौरान उनकी पार्टी का हरियाणा में बीजेपी के साथ गठबंधन भी रहा और फिर साल 2016 में अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर लिया था. कुलदीप बिश्नोई मौजूदा वक्त में हरियाणा के सिरसा जिले की आदमपुर सीट से विधायक हैं. वो हिसार लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं लेकिन 2014 में इनेलो के दुष्यंत चौटाला से उन्हें हार मिली थी.

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