नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा. शुक्रवार को होने वाले सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं, और आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी.
डॉ. मनमोहन सिंह एक विनम्र नेता: आचार्य प्रमोद कृष्णम
कल्कि पीठाधीश्वर और पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने डॉ. सिंह को सहजता, संजीदगी और सरलता की मिसाल बताया. उन्होंने कहा कि, "डॉ. मनमोहन सिंह बहुत बड़े पद पर थे लेकिन कभी भी उनकी बातचीत या बॉडी लैंग्वेज से ऐसा नहीं लगता था. वह हमेशा विनम्र थे." उनके कार्यकाल के दौरान कई आलोचनाएं हुईं, लेकिन वे अपने कार्य में हमेशा स्थिर और गंभीर बने रहे.
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कृष्णम ने एक आंदोलन की याद साझा की
कृष्णम पुराने दिनों को याद करते हुए बताते हैं कि कांग्रेस शासन के दौरान अविरल गंगा और निर्मल गंगा के लिए एक आंदोलन चलाया जा रहा था, जिसमें वे संयोजक थे. इस संदर्भ में प्रधानमंत्री कार्यालय में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें उन्होंने भाग लिया। बैठक में डेम को बंद करने का प्रस्ताव रखा गया, जो अपने आप में एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य था. भारत के संत समाज की भावनाओं और आस्था को ध्यान में रखते हुए गंगा की निर्मलता के लिए उत्तराखंड के मनेरी भाली डैम को बंद करने का निर्णय लिया गया. डॉ. मनमोहन सिंह निर्णय लेने में सख्त होते थे, लेकिन व्यवहार में बेहद सरल थे. डॉक्टर साहब को देश हमेशा याद रखेगा.
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