बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के आरोप में 62 वर्षीय आरोपी के खिलाफ निचली अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा को रद्द कर दिया है. पीठ ने 6 महीने की अवधि में नए सिरे से जांच पूरी करने का भी आदेश दिया. न्यायमूर्ति जी. नरेंद्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आरोपी व्यक्ति वेंकटेशप्पा द्वारा आपराधिक अपील याचिका पर विचार करते हुए गुरुवार को यह आदेश दिया.
जांच अधिकारियों ने मामले की डीएनए रिपोर्ट चार्जशीट के साथ सौंप दी है. हालांकि, परीक्षण की विश्वसनीयता के बारे में संदेह है. निचली अदालत ने ताजा रक्त और वीर्य परीक्षण करने के आरोपी की दलील को खारिज कर दिया था.
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पीठ ने आगे कहा कि निचली अदालत ने कहा है कि अदालत को डीएनए रिपोर्ट देने वाले विशेषज्ञों को बुलाने की जरूरत नहीं है और अदालत की ओर से यह न्यायसंगत नहीं है कि डीएनए विशेषज्ञों को अदालत में अपना बयान दर्ज करने की अनुमति न देकर सबूतों को पूर्व निर्धारित करना अदालत की ओर से विवेकपूर्ण नहीं था.
वेंकटेशप्पा को कर्नाटक के कोलार जिले में 5 मई, 2018 को पॉक्सो अधिनियम की धारा 4 और 6 और आईपीसी धारा 376 के तहत वेमागल पुलिस ने गिरफ्तार किया था. पुलिस ने मामले में आरोप पत्र जमा किया और उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. कोलार की जिला अदालत ने 17 जनवरी, 2020 को उसे मौत की सजा सुनाई थी.
(पीटीआई-भाषा)