नई दिल्ली : सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि केरल के कोझिकोड में पिछले साल एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की जांच इस महीने पूरी होने की संभावना है.
नागर विमानन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. इस दुर्घटना की जांच 'विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो' कर रहा है. पिछले साल सात अगस्त को एयर इंडिया एक्सप्रेस का बोइंग 737 विमान उतरने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे में दो पायलट समेत 21 लोग मारे गए थे और कई लोग घायल हो गए थे. विमान ने दुबई से उड़ान भरी थी. विमान में 191 यात्री सवार थे.
अगस्त 2020 में कोझीकोड विमान दुर्घटना पर एएआईबी रिपोर्ट की स्थिति के संबंध में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने लोकसभा में बताया कि सभी 165 घायल यात्रियों को अंतिम मुआवजे के प्रस्ताव दिए गए हैं, जिनमें से 73 यात्रियों ने स्वीकार कर लिया है. वहीं प्रस्ताव और अब तक अंतिम निपटान के रूप में कुल 60.35 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया जा चुका है.
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उन्होंने कहा कि एयरलाइन को 92 घायल यात्रियों और 19 मृत यात्रियों के परिजनों से स्वीकृति प्रस्तावों का इंतजार है. इसके अलावा वहीं वायनाड के सांसद राहुल गांधी के सवाल के जवाब में मंत्री ने बताया कि 18 घायल यात्रियों ने पुनर्बीमाकर्ताओं के समक्ष सीधे उनका प्रतिनिधित्व करने के लिए एक यूएस-आधारित कानून प्रपत्र लगाया है. इसीक्रम में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की एक टीम ने हवाई अड्डे पर व्यापक बॉडी विमान संचालन की समीक्षा के लिए कोझीकोड हवाई अड्डे का दौरा किया था.
वहीं मंत्रालय ने लोकसभा को बताया कि अपनी रिपोर्ट में टीम ने आठ टिप्पणियां की हैं जिन्हें हवाईअड्डा संचालक को भेज दिया गया था. वहीं हवाईअड्डा संचालक के अनुसार कुछ टिप्पणियों पर स्थायी कार्रवाई की गई है. विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने पिछले साल 13 अगस्त को कोझिकोड दुर्घटना की जांच के लिए पांच सदस्यीय टीम नियुक्त की थी और पांच महीने के भीतर यानी 13 जनवरी, 2021 तक रिपोर्ट जमा कर देनी थी, लेकिन नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कोरोना महामारी के चलते इसे दो महीने बढ़ा दिया.
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नागरिक उड्डयन मंत्रालय के आदेश में कहा गया है, कोविड महामारी के कारण, घटकों की परीक्षण रिपोर्ट में देरी हो रही है और वीटी-एएक्सएच दुर्घटना की जांच की अंतिम रिपोर्ट का मसौदा प्रस्तुत करने के लिए दो महीने का विस्तार दिया गया है. जबकि इस संबंध में जनवरी में ही ईटीवी भारत ने इसकी जानकारी दे दी थी. एएआईबी के आदेश के मुताबिक कालीकट दुर्घटना की जांच के लिए कैप्टन एसएस चाहर को प्रभारी अन्वेषक नियुक्त किया गया था.
इस पर एएआईबी ने कहा था कि उक्त आदेश जारी होने की तारीख से पांच महीने के अंदर प्रभारी अन्वेषक अपनी जांच पूरी करने के साथ रिपोर्ट सौंपेगा. विशेष रूप से दुर्घटना के चार दिन बाद, विमानन नियामक महानिदेशालय नागरिक उड्डयन (GDCA) ने कालीकट हवाई अड्डे से अस्थायी रूप से चौड़े आकार वाले विमानों पर रोक लगा दी थी. कोझिकोड विमान दुर्घटना से पहले, सऊदी अरब एयरलाइंस और एयर इंडिया कोझिकोड हवाई अड्डे पर चौड़े आकार वाले विमानों का संचालन कर रहे थे.