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Surguja :सुंदरकांड पर छत्तीसगढ़ के नेताओं को कितना ज्ञान?

छत्तीसगढ़ में बजरंग दल को लेकर मुद्दा गरम है. बीजेपी जहां एक तरफ हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन कर कांग्रेस को सदबुद्धि देने की बात कह रही है.वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस सुंदरकांड से बीजेपी पर निशाना साध रही है. ऐसे में हमने जानने की कोशिश की कि, नेताओं को सुंदरकांड का कितना ज्ञान है.

BJP and Congress leaders on Sundarkand
सुंदरकांड पर बीजेपी और कांग्रेस नेताओं का ज्ञान
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Published : May 6, 2023, 9:02 PM IST

सुंदरकांड पर बीजेपी और कांग्रेस नेताओं का ज्ञान

सरगुजा : बजरंग दल पर शुरू हुई सियासत में बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने हैं. बजरंग दल से शुरु हुआ मामला अब बजरंग बली पर आ पहुंचा है. अब राजनीति के मैदान में बजरंग दल और बजरंग बली की तुलना की जाने लगी है.इस दौरान ईटीवी भारत की टीम ने बजरंग बली और सुंदरकांड को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं का ज्ञान जानने की कोशिश की.

क्योंकि जो भी अपने आप को रामभक्त हनुमान का अनुयायी बता रहे हैं.उन्होंने हनुमान के जीवन की जानकारी जरुर रखी होगी. बजरंगबली के जीवन का दर्शन हमें सुंदर कांड में ही देखने को मिलता है. सुंदरकांड को ही रामायण का सबसे सुंदर अध्याय माना गया है.ऐसे में राजनेताओं के पास सुंदरकांड की क्या जानकारी है आप खुद ही जान लिजिए.


मंत्री टीएस सिंहदेव को कम है जानकारी : सुंदरकांड के बारे प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने साफ कहा कि "मुझे सुन्दर कांड की जानकारी बहुत कम है. मैं तो एक जानकारी जानता हूं कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं होता. मैं विवेकानंद जी को पढ़ता था तो उन्होंने क्या लिखा कि दुनिया में सबसे ज्यादा जान अगर गई है तो धर्म के नाम पर गई है. उनकी सोच थी की दुनिया में धर्म होना चाहिये"

वासुदेव कुटुंबकम की कही बात : सिंहदेव ने कहा कि "हम बार बार स्वामी विवेकानंद, स्वामी विवेकानंद कहते रहते हैं. लेकिन ये नहीं कहते कि एक धर्म होना चाहिये. जब भी स्वामी विवेकानंद जी नाम लें तो ध्यान रखें कि उन्होनें क्या कहा. उन्होंने एक वैश्विक धर्म की बात कही. उसी के अंदर समा कर सब रहे. मैं उस चीज को मानता हूं. वासुदेव कुटुम्बकम को, क्यों हम पार्लियामेंट के दरवाजे पर लिखते हैं. क्या दुनिया एक परिवार है. हम मानते हैं कि नहीं. क्या यही भारतीयता है कि नहीं. यदि यही भारतीयता है तो हमें पहले इसे भारत के अंदर लागू करना चाहिये तब ये विश्व में जायेगा".


कांग्रेस छात्र विंग एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष हिमांशु जायसवाल ने सुंदर कांड पर जानकारी दी और बताया कि'' रामचरित मानस में भगवान राम जी का वर्णन है. लेकिन 5वें सोपान में हनुमान जी का वर्णन है. यह वाकई में सुंदर कांड है. इसमें माता सीता का पता चला. इसमें हनुमानजी को अजर अमर होने का वरदान मिला. इसी कांड में सीता जी को श्रीराम का संदेश मिला. समुद्र लांघ कर वापस आकर सीता जी का हाल श्री राम को सुनाया गया"

बीजेपी के संवाद प्रमुख संतोष दास कहते हैं " सुन्दर कांड में हनुमान जी माता सीता के पास पहुंचे और लंका दहन भी इसी कांड में हुआ. महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में इसका वर्णन संस्कृत में किया है. इसके बाद में गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस में इसका उल्लेख किया .इसके 5 वें अध्याय में सुदंर कांड है"



बीजेपी के सह संवाद प्रमुख रूपेश दुबे कहते हैं कि "सुंदर कांड में हनुमान जी के यशोगान का वर्णन है. यह दो भाषाओं में लिखी गई. पहले तो वाल्मीकि जी की रामायण संस्कृत में लिखी गई. बाद में तुलसीदास जी ने अवधी भाषा में रामायण लिखा है"



भाजपा युवा मोर्चा के नेता रवि सोनी कहते हैं कि " कलयुग में मान्यता है कि जिस भी परिवार में सुंदर कांड होता है. पूरे भारत मे लोग सुंदर कांड घर में कराते हैं. इससे बाधा दूर होती है और उनके कष्टों से मुक्ति मिलती है."

यह भी पढ़ें: सुंदरकांड क्यों पढ़ना चाहिए, जानिए इसका महत्व

इस तरह अब सुंदर कांड को लेकर राजनीति की नई अध्याय लिखी जा रही है. बीजेपी कांग्रेस पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगा रही है. तो कांग्रेस, बीजेपी पर समाज में फूट डालने का आरोप लगा रही है. अब इसमें जनता को फैसला करना है कि क्या सही है. क्या सही नहीं है.

सुंदरकांड पर बीजेपी और कांग्रेस नेताओं का ज्ञान

सरगुजा : बजरंग दल पर शुरू हुई सियासत में बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने हैं. बजरंग दल से शुरु हुआ मामला अब बजरंग बली पर आ पहुंचा है. अब राजनीति के मैदान में बजरंग दल और बजरंग बली की तुलना की जाने लगी है.इस दौरान ईटीवी भारत की टीम ने बजरंग बली और सुंदरकांड को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं का ज्ञान जानने की कोशिश की.

क्योंकि जो भी अपने आप को रामभक्त हनुमान का अनुयायी बता रहे हैं.उन्होंने हनुमान के जीवन की जानकारी जरुर रखी होगी. बजरंगबली के जीवन का दर्शन हमें सुंदर कांड में ही देखने को मिलता है. सुंदरकांड को ही रामायण का सबसे सुंदर अध्याय माना गया है.ऐसे में राजनेताओं के पास सुंदरकांड की क्या जानकारी है आप खुद ही जान लिजिए.


मंत्री टीएस सिंहदेव को कम है जानकारी : सुंदरकांड के बारे प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने साफ कहा कि "मुझे सुन्दर कांड की जानकारी बहुत कम है. मैं तो एक जानकारी जानता हूं कि मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं होता. मैं विवेकानंद जी को पढ़ता था तो उन्होंने क्या लिखा कि दुनिया में सबसे ज्यादा जान अगर गई है तो धर्म के नाम पर गई है. उनकी सोच थी की दुनिया में धर्म होना चाहिये"

वासुदेव कुटुंबकम की कही बात : सिंहदेव ने कहा कि "हम बार बार स्वामी विवेकानंद, स्वामी विवेकानंद कहते रहते हैं. लेकिन ये नहीं कहते कि एक धर्म होना चाहिये. जब भी स्वामी विवेकानंद जी नाम लें तो ध्यान रखें कि उन्होनें क्या कहा. उन्होंने एक वैश्विक धर्म की बात कही. उसी के अंदर समा कर सब रहे. मैं उस चीज को मानता हूं. वासुदेव कुटुम्बकम को, क्यों हम पार्लियामेंट के दरवाजे पर लिखते हैं. क्या दुनिया एक परिवार है. हम मानते हैं कि नहीं. क्या यही भारतीयता है कि नहीं. यदि यही भारतीयता है तो हमें पहले इसे भारत के अंदर लागू करना चाहिये तब ये विश्व में जायेगा".


कांग्रेस छात्र विंग एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष हिमांशु जायसवाल ने सुंदर कांड पर जानकारी दी और बताया कि'' रामचरित मानस में भगवान राम जी का वर्णन है. लेकिन 5वें सोपान में हनुमान जी का वर्णन है. यह वाकई में सुंदर कांड है. इसमें माता सीता का पता चला. इसमें हनुमानजी को अजर अमर होने का वरदान मिला. इसी कांड में सीता जी को श्रीराम का संदेश मिला. समुद्र लांघ कर वापस आकर सीता जी का हाल श्री राम को सुनाया गया"

बीजेपी के संवाद प्रमुख संतोष दास कहते हैं " सुन्दर कांड में हनुमान जी माता सीता के पास पहुंचे और लंका दहन भी इसी कांड में हुआ. महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में इसका वर्णन संस्कृत में किया है. इसके बाद में गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस में इसका उल्लेख किया .इसके 5 वें अध्याय में सुदंर कांड है"



बीजेपी के सह संवाद प्रमुख रूपेश दुबे कहते हैं कि "सुंदर कांड में हनुमान जी के यशोगान का वर्णन है. यह दो भाषाओं में लिखी गई. पहले तो वाल्मीकि जी की रामायण संस्कृत में लिखी गई. बाद में तुलसीदास जी ने अवधी भाषा में रामायण लिखा है"



भाजपा युवा मोर्चा के नेता रवि सोनी कहते हैं कि " कलयुग में मान्यता है कि जिस भी परिवार में सुंदर कांड होता है. पूरे भारत मे लोग सुंदर कांड घर में कराते हैं. इससे बाधा दूर होती है और उनके कष्टों से मुक्ति मिलती है."

यह भी पढ़ें: सुंदरकांड क्यों पढ़ना चाहिए, जानिए इसका महत्व

इस तरह अब सुंदर कांड को लेकर राजनीति की नई अध्याय लिखी जा रही है. बीजेपी कांग्रेस पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगा रही है. तो कांग्रेस, बीजेपी पर समाज में फूट डालने का आरोप लगा रही है. अब इसमें जनता को फैसला करना है कि क्या सही है. क्या सही नहीं है.

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