नई दिल्ली : कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को घोषणा की कि जून 2021 तक पार्टी का 'निर्वाचित' अध्यक्ष होगा. कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के चयन के लिए चुनावी प्रक्रिया मई से शुरू हो जाएगी. हालांकि, इस बार अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का पूर्ण अधिवेशन बुलाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी.
कांग्रेस के संविधान के अनुसार, पार्टी अध्यक्ष की नियुक्ति पांच साल के कार्यकाल के लिए होती है. 2017 में, राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
तब से, सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हैं. इसलिए, नए कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव सिर्फ दो साल के कार्यकाल के लिए होगा, क्योंकि मौजूदा कार्यकाल 2022 में समाप्त होगा.
कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा, 'ये चुनाव दो साल के अंतरिम कार्यकाल के लिए होंगे. इसलिए, इसके लिए पूर्ण सत्र बुलाने की जरूरत नहीं है.'
ऐसे परिदृश्य में, इलेक्टोरल कॉलेज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के प्रतिनिधि होंगे, जिनकी संख्या लगभग 1400-1500 है. इसके बाद एआईसीसी के प्रतिनिधि कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों के चुनावों पर निर्णय लेंगे या पार्टी अध्यक्ष को निकाय गठित करने का अधिकार देंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष को पूरे पांच साल के लिए नियुक्त करने के मामले में, प्रदेश कांग्रेस समितियों के प्रतिनिधि एआईसीसी के पूर्ण अधिवेशन के दौरान चुनाव में वोट करते हैं.
कांग्रेस पदाधिकारी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए किसी भी व्यक्ति को नामांकन प्रस्तुत करना होगा, जिसके लिए एआईसीसी के 10 प्रतिनिधियों का अनुमोदन आवश्यक है.
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कांग्रेस कार्यसमिति में, 12 सदस्य सीधे पार्टी अध्यक्ष द्वारा मनोनीत किया जाते हैं, जबकि 11 पदों के लिए चुनाव होंगे.
कांग्रेस के संविधान के अनुसार, इनमें से चार सीटें महिला उम्मीदवारों के लिए और दो अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित हैं.