नई दिल्ली: सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के दौरान दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें असदुद्दीन ओवैसी, नवीन जिंदल, यति नरसिंहानंद सहित 31 लोगों को आरोपी बनाया गया है. इनके खिलाफ आईपीसी की गंभीर धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है. इसमें आरोप है कि यह लोग सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं जिसके चलते दो समुदायों के बीच दूरियां लगातार बढ़ रही हैं.
स्पेशल सेल के एफआईआर के अनुसार सोशल मीडिया मॉनिटरिंग के दौरान यह पाया गया है कि टि्वटर, फेसबुक प्रोफाइल, टीवी डिबेट एवं अन्य सोशल मीडिया के जरिए घृणा फैलाई जा रही है. इससे शांति भंग होने की आशंका है. ऐसा ही एक ट्वीट भाजपा से निष्कासित नेता नवीन कुमार जिंदल ने किया था. उनके इस्तेमाल किये गए शब्द बेहद ही आपत्तिजनक थे. उन्होंने जिस तरीके की बात अपने ट्वीट में लिखी है वह एफआईआर में लिखना भी पुलिस ने सही नहीं माना है.
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इसके अलावा कुछ अन्य लोगों ने भी सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट किए हैं, जिनमें शादाब चौहान, सबा नक्वी, हफीजुल हसन अंसारी, बिहारी लाल यादव, इलियास सरफुद्दीन, मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुल रहमान, आर विक्रमण, नगमा शेख, मोहम्मद कलीम तुर्क, अतीत उर रहमान खान, सुजा अहमद, विनीता शर्मा, इम्तियाज अहमद, असदुद्दीन ओवैसी, कुमार दिवाशंकर, दानिश कुरैशी, यति नरसिंहानंद, स्वामी जितेंद्रानंद, लक्ष्मण दास, अनिल कुमार मीणा, काशिफ, मोहम्मद साजिद शाहीन, क्यू सेंसई, गुलजार अंसारी, सैफ अद दिन कुतुज़, मौलाना सरफराज, पूजा शकुन पांडे, पूजा प्रियंवदा, मीनाक्षी चौधरी, मसूद फैयाज हाशमी एवं अन्य शामिल हैं. इनमें सांसद, लेखक, नेता सहित 31 लोगों के नाम शामिल हैं.
इनके द्वारा भी सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक कंटेंट डाले गए हैं. इसके चलते लोगों में सद्भावना बिगड़ने के खतरा है. इसे ध्यान में रखते हुए आईपीसी की धारा 153, 153a, 153b, 295a, 298, 504, 505 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है. स्पेशल सेल पूरे मामले की जांच कर रही है.
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