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जानें, सीबीआई चीफ की रेस में शामिल तीन अधिकारियों का प्रशासनिक सफर

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Published : May 25, 2021, 8:06 PM IST

केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को बहुत जल्द पूर्णकालिक निदेशक मिल सकता है. सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में तीन नामों को शॉर्टलिस्ट किया गया है, जिनमें से कोई एक सीबीआई प्रमुख बन सकता है. वहीं, आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना और वाईसी मोदी इस दौड़ से बाहर हो गए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

सीबीआई चीफ की रेस
सीबीआई चीफ की रेस

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के नए निदेशक का चयन करने के लिए बैठक की, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए.

सूत्रों ने बताया कि चीफ जस्टिस एनवी रमना ने सुझाव दिया कि नियुक्ति प्रक्रिया में 'रूल ऑफ लॉ' (विधि शासन) का पालन किया जाए. प्रकाश सिंह के फैसले का हवाला दिया गया और यह सहमति हुई कि केवल छह महीने से अधिक के कार्यकाल वाले अधिकारियों पर विचार किया जाएगा, इसलिए आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना (जो 31 जुलाई, 2021 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं) और वाईसी मोदी (जो इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त होंगे) सीबीआई प्रमुख की दौड़ से बाहर हो गए.

अगले सीबीआई प्रमुख के नाम की घोषणा जल्द की जा सकती है, आइए इस दौड़ में शामिल नामों पर एक नजर डालते हैं-

सूत्रों के अनुसार, सीआईएसएफ के महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक कुमार राजेश चंद्र और गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वीएसके कौमुदी को सीबीआई निदेशक पद के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है.

सुबोध कुमार जायसवाल
सीआईएसएफ के डीजी सुबोध कुमार जायसवाल 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. 58 वर्षीय जायसवाल विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) (जो प्रधानमंत्री को सुरक्षा देती है) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के लिए काम कर चुके हैं. साथ ही उन्होंने केंद्र के लिए अतिरिक्त सचिव (कैबिनेट सचिवालय) के रूप में काम किया है. जायसवाल मुंबई के पुलिस आयुक्त और महाराष्ट्र के डीजीपी भी रह चुके हैं. जायसवाल ने सितंबर 2006 के मालेगांव विस्फोट मामले की जांच की, तब वह महाराष्ट्र एटीएस के उप-महानिरीक्षक (डीआईजी) के पद पर थे.

जायसवाल ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल की है. उन्होंने नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले सहित महाराष्ट्र पुलिस में कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील पदों पर कार्य किया है. हालांकि उनके पास सीबीआई में सेवा करने का कोई अनुभव नहीं है.

कुमार राजेश चंद्र
बिहार कैडर के 1985-बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार राजेश चंद्र वर्तमान में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक हैं. इससे पहले वह नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) और एसपीजी में काम कर चुके हैं.

राजेश चंद्र जेएनयू से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं. वह बिहार में पुलिस महानिरीक्षक (संचालन) और बाद में अतिरिक्त खुफिया महानिदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं.

वीएसके कौमुदी
आंध्र प्रदेश कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी वीएसके कौमुदी वर्तमान में गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) के पद पर तैनात हैं. तत्कालीन आंध्र प्रदेश के आदिलाबाद और गुंटूर जिलों के एसपी के रूप में काम करने के अलावा, वह हैदराबाद और विशाखापट्टनम के पुलिस आयुक्त भी रह चुके हैं.

  • कौमुदी ने आंध्र प्रदेश पुलिस की खुफिया सुरक्षा विंग, सीआईडी ​​की आर्थिक अपराध शाखा, ट्रेनिंग प्रोविजनिंग एंड लॉजिस्टिक और वेलफेयर विंग में काम किया है.
  • केंद्र सरकार के साथ अपने पहले कार्यकाल में, उन्होंने दिल्ली और पटना में सीबीआई के एसपी के रूप में काम किया.
  • वरिष्ठ स्तर पर, वह एनआईए और पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक तथा सीआरपीएफ प्रमुख (जम्मू-कश्मीर क्षेत्र) के रूप में कार्य कर चुके हैं.
  • बीपीआरएंडडी के डीजी के रूप में, उन्होंने कई अनुसंधान और राष्ट्रीय पुलिस मिशन परियोजनाओं को आगे बढ़ाया.

यह भी पढ़ें- अस्थाना सीबीआई चीफ की रेस से बाहर, SC का यह फैसला बना कारण

बता दें कि 2 फरवरी, 2021 को आरके शुक्ला के सेवानिवृत्त होने के बाद से सीबीआई को पूर्णकालिक निदेशक नहीं मिला है. वर्तमान में, 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी प्रवीण सिन्हा कार्यवाहक सीबीआई निदेशक के रूप में पद संभाल रहे हैं. सीबीआई निदेशक का कार्यकाल दो साल के लिए होता है यानी नए निदेशक का कार्यकाल 2023 तक होगा.

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के नए निदेशक का चयन करने के लिए बैठक की, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमना और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल हुए.

सूत्रों ने बताया कि चीफ जस्टिस एनवी रमना ने सुझाव दिया कि नियुक्ति प्रक्रिया में 'रूल ऑफ लॉ' (विधि शासन) का पालन किया जाए. प्रकाश सिंह के फैसले का हवाला दिया गया और यह सहमति हुई कि केवल छह महीने से अधिक के कार्यकाल वाले अधिकारियों पर विचार किया जाएगा, इसलिए आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना (जो 31 जुलाई, 2021 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं) और वाईसी मोदी (जो इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त होंगे) सीबीआई प्रमुख की दौड़ से बाहर हो गए.

अगले सीबीआई प्रमुख के नाम की घोषणा जल्द की जा सकती है, आइए इस दौड़ में शामिल नामों पर एक नजर डालते हैं-

सूत्रों के अनुसार, सीआईएसएफ के महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक कुमार राजेश चंद्र और गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वीएसके कौमुदी को सीबीआई निदेशक पद के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया है.

सुबोध कुमार जायसवाल
सीआईएसएफ के डीजी सुबोध कुमार जायसवाल 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. 58 वर्षीय जायसवाल विशेष सुरक्षा दल (एसपीजी) (जो प्रधानमंत्री को सुरक्षा देती है) और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के लिए काम कर चुके हैं. साथ ही उन्होंने केंद्र के लिए अतिरिक्त सचिव (कैबिनेट सचिवालय) के रूप में काम किया है. जायसवाल मुंबई के पुलिस आयुक्त और महाराष्ट्र के डीजीपी भी रह चुके हैं. जायसवाल ने सितंबर 2006 के मालेगांव विस्फोट मामले की जांच की, तब वह महाराष्ट्र एटीएस के उप-महानिरीक्षक (डीआईजी) के पद पर थे.

जायसवाल ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स डिग्री हासिल की है. उन्होंने नक्सल प्रभावित गढ़चिरौली जिले सहित महाराष्ट्र पुलिस में कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील पदों पर कार्य किया है. हालांकि उनके पास सीबीआई में सेवा करने का कोई अनुभव नहीं है.

कुमार राजेश चंद्र
बिहार कैडर के 1985-बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार राजेश चंद्र वर्तमान में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के महानिदेशक हैं. इससे पहले वह नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) और एसपीजी में काम कर चुके हैं.

राजेश चंद्र जेएनयू से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर हैं. वह बिहार में पुलिस महानिरीक्षक (संचालन) और बाद में अतिरिक्त खुफिया महानिदेशक के रूप में कार्य कर चुके हैं.

वीएसके कौमुदी
आंध्र प्रदेश कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी वीएसके कौमुदी वर्तमान में गृह मंत्रालय में विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) के पद पर तैनात हैं. तत्कालीन आंध्र प्रदेश के आदिलाबाद और गुंटूर जिलों के एसपी के रूप में काम करने के अलावा, वह हैदराबाद और विशाखापट्टनम के पुलिस आयुक्त भी रह चुके हैं.

  • कौमुदी ने आंध्र प्रदेश पुलिस की खुफिया सुरक्षा विंग, सीआईडी ​​की आर्थिक अपराध शाखा, ट्रेनिंग प्रोविजनिंग एंड लॉजिस्टिक और वेलफेयर विंग में काम किया है.
  • केंद्र सरकार के साथ अपने पहले कार्यकाल में, उन्होंने दिल्ली और पटना में सीबीआई के एसपी के रूप में काम किया.
  • वरिष्ठ स्तर पर, वह एनआईए और पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक तथा सीआरपीएफ प्रमुख (जम्मू-कश्मीर क्षेत्र) के रूप में कार्य कर चुके हैं.
  • बीपीआरएंडडी के डीजी के रूप में, उन्होंने कई अनुसंधान और राष्ट्रीय पुलिस मिशन परियोजनाओं को आगे बढ़ाया.

यह भी पढ़ें- अस्थाना सीबीआई चीफ की रेस से बाहर, SC का यह फैसला बना कारण

बता दें कि 2 फरवरी, 2021 को आरके शुक्ला के सेवानिवृत्त होने के बाद से सीबीआई को पूर्णकालिक निदेशक नहीं मिला है. वर्तमान में, 1988 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी प्रवीण सिन्हा कार्यवाहक सीबीआई निदेशक के रूप में पद संभाल रहे हैं. सीबीआई निदेशक का कार्यकाल दो साल के लिए होता है यानी नए निदेशक का कार्यकाल 2023 तक होगा.

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