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उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर का कहर, 29 हजार से ज्यादा बच्चे संक्रमित

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामलों और आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि दूसरी लहर ने कई बच्चों को भी अपनी चपेट में लिया है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कितने बच्चे हुए संक्रमित? जानने के लिए पढ़िये पूरी ख़बर

दूसरी लहर का कहर
दूसरी लहर का कहर
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Published : May 23, 2021, 11:57 PM IST

Updated : Jun 4, 2021, 4:30 PM IST

देहरादून : देशभर में कोरोना संक्रमण के मामलों में कुछ कमी दर्ज की जा रही है. लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कई बच्चे भी कोरोना संक्रमित हुए हैं. पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामलों और आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो दूसरी लहर में ही बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक नवजात से लेकर 19 साल तक के 29,739 बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले पाए गए हैं.

यूं तो उत्तराखंड में दिन प्रति दिन कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी देखी जा रही है. राज्य सरकार उम्मीद कर रही है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का असर धीरे-धीरे कम होगा और जल्द ही दूसरी लहर भी समाप्त हो जाएगी. लिहाजा सरकार तीसरी लहर की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुट गई है. जिस तरह से वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि दूसरी लहर के साथ तीसरी लहर बच्चों के लिए काफी खतरनाक हो सकती है. ऐसे में राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती यह है कि तीसरी लहर के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं अभी से ही कैसे मुकम्मल की जाए.

पढ़ें- कोरोनाकाल में गर्भवतियों के लिए एम्स के चिकित्सकों की सलाह, टीके से ना घबरायें

मालूम हो कि दूसरी लहर में एक अप्रैल से अब तक सबसे ज्यादा संक्रमित 30 से 39 साल तक के लोग हुए हैं. राज्य में अब तक इस उम्र के 51,208 लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं, राज्य में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा संक्रमित 20 साल से लेकर 29 साल के युवा हैं. ऐसे संक्रमित युवाओं की संख्या 45,876 है. इसके साथ ही राज्य में तीसरे से नंबर पर सबसे ज्यादा संक्रमित 40 से 49 साल के लोग हैं. इस उम्र के 39,030 लोग संक्रमित हो चुके हैं.

दूसरी लहर में अब तक 18,962 बच्चे हो चुके संक्रमित
उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर ने अप्रैल महीने में दस्तक दी थी. 1 अप्रैल तक प्रदेश में नवजात से लेकर 19 साल तक के 10,777 बच्चे ही कोरोना संक्रमित थे. लेकिन 22 मई तक यह आंकड़ा बढ़कर 29,739 तक पहुंच गया. यानी एक अप्रैल से 22 मई तक कोरोना महामारी की दूसरी लहर में 18,962 बच्चे संक्रमित हुए. जबकि कोरोना की पहली लहर यानी मार्च 2020 से 31 मार्च 2021 तक मात्र 10,777 बच्चे ही संक्रमित हुए थे.

ऐसे में यह आंकड़े इस बात को बयां कर रहे हैं कि महामारी के पहले दौर में एक साल के भीतर जितने बच्चे संक्रमित हुए थे. उससे करीब दोगुने बच्चे मात्र दो महीने में ही संक्रमित हो चुके हैं. प्रदेश में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद, नवजात से लेकर 9 साल तक के 5615 बच्चे अभी तक कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. वहीं, 10 साल की उम्र से लेकर 19 साल तक की उम्र के 24,124 किशोर संक्रमित हो चुके हैं. ये मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. नवजात से लेकर किशोर लगातार कोरोना संक्रमण की जद में आते जा रहे हैं.

दूसरी लहर में संक्रमण के मामलों में तीन गुना अधिक वृद्धि
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान अगर उम्र-वार नए संक्रमण के मामलों पर गौर करें तो ये आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं. एक अप्रैल से 22 मई तक यानी दूसरी लहर के इन 52 दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में, पहली लहर की तुलना में करीब तीन गुना की बढ़ोतरी हुई है. पहली लहर के सापेक्ष दूसरे लहर में सबसे अधिक 90 साल से अधिक उम्र के लोगों में 3.318 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

वहीं, दूसरे नंबर पर 40 से 49 साल के उम्र के लोगों में पहली लहर के सापेक्ष 3.315 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यही नहीं, तीसरे नंबर पर 30 से 39 साल के उम्र के लोगों में पहली लहर की तुलना में 3.17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों की संख्या

  1. एक अप्रैल को नवजात से 9 साल के उम्र तक के 2134 बच्चे संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 5615 हो गई. यानी 2.63 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
  2. एक अप्रैल को 10 से 19 साल के उम्र तक के 8643 बच्चे संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 24,124 हो गई है. यानी 2.79 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
  3. एक अप्रैल को 20 से 29 साल के उम्र तक के 22,325 युवा संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 68,201 हो गई है. यानी 3.05 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
  4. एक अप्रैल को 30 से 39 साल के उम्र तक के 23,559 युवा संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 74,767 हो गई. यानी 3.17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
  5. एक अप्रैल को 49 से 49 साल के उम्र तक के 16,856 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 55,886 हो गई. यानी 3.315 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
  6. एक अप्रैल को 50 से 59 साल के उम्र तक के 13,793 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 41,921 हो गई. यानी 3.03 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
  7. एक अप्रैल को 60 से 69 साल के उम्र तक के 8273 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 25694 हो गई है. यानी 3.10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
  8. एक अप्रैल को 70 से 79 साल के उम्र तक के 4045 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 12,144 हो गई. यानी 3.00 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
  9. एक अप्रैल को 80 से 89 साल के उम्र तक के 1182 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 3,654 हो गई है. यानी 3.09 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
  10. एक अप्रैल को 90 से अधिक उम्र के 91 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 302 हो गई है. यानी 3.318 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

वहीं, स्वास्थ्य विभाग की डीजी तृप्ति बहुगुणा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. यही नहीं, बच्चों में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए अभी फिलहाल राज्य सरकार में प्रदेश के 4 जिलों, उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर और चंपावत में बच्चों के लिए फैब्रिकेटेड बेड बनाने के निर्देश दिए थे. इस संबंध में इन चारों जिलों के जिलाधिकारियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं. इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि अगर उनके जिलों में बच्चों में संक्रमण के मामले बढ़ते हैं तो वह भी उस जिले में फैब्रिकेटेड बनाने का प्रस्ताव भेज सकते हैं.

देहरादून : देशभर में कोरोना संक्रमण के मामलों में कुछ कमी दर्ज की जा रही है. लेकिन कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कई बच्चे भी कोरोना संक्रमित हुए हैं. पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामलों और आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो दूसरी लहर में ही बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित हो रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक नवजात से लेकर 19 साल तक के 29,739 बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामले पाए गए हैं.

यूं तो उत्तराखंड में दिन प्रति दिन कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी देखी जा रही है. राज्य सरकार उम्मीद कर रही है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर का असर धीरे-धीरे कम होगा और जल्द ही दूसरी लहर भी समाप्त हो जाएगी. लिहाजा सरकार तीसरी लहर की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुट गई है. जिस तरह से वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि दूसरी लहर के साथ तीसरी लहर बच्चों के लिए काफी खतरनाक हो सकती है. ऐसे में राज्य सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती यह है कि तीसरी लहर के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं अभी से ही कैसे मुकम्मल की जाए.

पढ़ें- कोरोनाकाल में गर्भवतियों के लिए एम्स के चिकित्सकों की सलाह, टीके से ना घबरायें

मालूम हो कि दूसरी लहर में एक अप्रैल से अब तक सबसे ज्यादा संक्रमित 30 से 39 साल तक के लोग हुए हैं. राज्य में अब तक इस उम्र के 51,208 लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहीं, राज्य में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा संक्रमित 20 साल से लेकर 29 साल के युवा हैं. ऐसे संक्रमित युवाओं की संख्या 45,876 है. इसके साथ ही राज्य में तीसरे से नंबर पर सबसे ज्यादा संक्रमित 40 से 49 साल के लोग हैं. इस उम्र के 39,030 लोग संक्रमित हो चुके हैं.

दूसरी लहर में अब तक 18,962 बच्चे हो चुके संक्रमित
उत्तराखंड में कोरोना की दूसरी लहर ने अप्रैल महीने में दस्तक दी थी. 1 अप्रैल तक प्रदेश में नवजात से लेकर 19 साल तक के 10,777 बच्चे ही कोरोना संक्रमित थे. लेकिन 22 मई तक यह आंकड़ा बढ़कर 29,739 तक पहुंच गया. यानी एक अप्रैल से 22 मई तक कोरोना महामारी की दूसरी लहर में 18,962 बच्चे संक्रमित हुए. जबकि कोरोना की पहली लहर यानी मार्च 2020 से 31 मार्च 2021 तक मात्र 10,777 बच्चे ही संक्रमित हुए थे.

ऐसे में यह आंकड़े इस बात को बयां कर रहे हैं कि महामारी के पहले दौर में एक साल के भीतर जितने बच्चे संक्रमित हुए थे. उससे करीब दोगुने बच्चे मात्र दो महीने में ही संक्रमित हो चुके हैं. प्रदेश में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद, नवजात से लेकर 9 साल तक के 5615 बच्चे अभी तक कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं. वहीं, 10 साल की उम्र से लेकर 19 साल तक की उम्र के 24,124 किशोर संक्रमित हो चुके हैं. ये मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. नवजात से लेकर किशोर लगातार कोरोना संक्रमण की जद में आते जा रहे हैं.

दूसरी लहर में संक्रमण के मामलों में तीन गुना अधिक वृद्धि
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान अगर उम्र-वार नए संक्रमण के मामलों पर गौर करें तो ये आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं. एक अप्रैल से 22 मई तक यानी दूसरी लहर के इन 52 दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में, पहली लहर की तुलना में करीब तीन गुना की बढ़ोतरी हुई है. पहली लहर के सापेक्ष दूसरे लहर में सबसे अधिक 90 साल से अधिक उम्र के लोगों में 3.318 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

वहीं, दूसरे नंबर पर 40 से 49 साल के उम्र के लोगों में पहली लहर के सापेक्ष 3.315 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यही नहीं, तीसरे नंबर पर 30 से 39 साल के उम्र के लोगों में पहली लहर की तुलना में 3.17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों की संख्या

  1. एक अप्रैल को नवजात से 9 साल के उम्र तक के 2134 बच्चे संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 5615 हो गई. यानी 2.63 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
  2. एक अप्रैल को 10 से 19 साल के उम्र तक के 8643 बच्चे संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 24,124 हो गई है. यानी 2.79 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
  3. एक अप्रैल को 20 से 29 साल के उम्र तक के 22,325 युवा संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 68,201 हो गई है. यानी 3.05 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
  4. एक अप्रैल को 30 से 39 साल के उम्र तक के 23,559 युवा संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 74,767 हो गई. यानी 3.17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
  5. एक अप्रैल को 49 से 49 साल के उम्र तक के 16,856 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 55,886 हो गई. यानी 3.315 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है.
  6. एक अप्रैल को 50 से 59 साल के उम्र तक के 13,793 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 41,921 हो गई. यानी 3.03 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
  7. एक अप्रैल को 60 से 69 साल के उम्र तक के 8273 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 25694 हो गई है. यानी 3.10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
  8. एक अप्रैल को 70 से 79 साल के उम्र तक के 4045 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 12,144 हो गई. यानी 3.00 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
  9. एक अप्रैल को 80 से 89 साल के उम्र तक के 1182 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 3,654 हो गई है. यानी 3.09 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.
  10. एक अप्रैल को 90 से अधिक उम्र के 91 लोग संक्रमित थे. जिनकी संख्या बढ़कर, 22 मई तक 302 हो गई है. यानी 3.318 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

वहीं, स्वास्थ्य विभाग की डीजी तृप्ति बहुगुणा ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि कोरोना संक्रमण के तीसरी लहर को देखते हुए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. यही नहीं, बच्चों में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए अभी फिलहाल राज्य सरकार में प्रदेश के 4 जिलों, उत्तरकाशी, चमोली, बागेश्वर और चंपावत में बच्चों के लिए फैब्रिकेटेड बेड बनाने के निर्देश दिए थे. इस संबंध में इन चारों जिलों के जिलाधिकारियों से प्रस्ताव मांगे गए हैं. इसके साथ ही प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि अगर उनके जिलों में बच्चों में संक्रमण के मामले बढ़ते हैं तो वह भी उस जिले में फैब्रिकेटेड बनाने का प्रस्ताव भेज सकते हैं.

Last Updated : Jun 4, 2021, 4:30 PM IST
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