कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta high court) ने गुरुवार को निर्देश दिया कि कोलकाता नगर निगम चुनाव (KMC Polls) के लिए सुरक्षा राज्य पुलिस बल प्रदान करेगा. अदालत ने इस चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए बंगाल भाजपा की याचिका खारिज करते हुए यह निर्देश दिया. न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने निर्देश दिया कि कोलकाता पुलिस आयुक्त चुनाव प्रक्रिया के दौरान उम्मीदवारों या अन्य सभी की शिकायतों का ध्यान रखेंगे.
भाजपा की राज्य इकाई ने 14 दिसंबर को हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. इसमें कोलकाता निकाय चुनाव के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती का अनुरोध किया गया था. बंगाल भाजपा ने याचिका में आशंका व्यक्त की थी कि उसके उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं को धमकी और हमलों का सामना करना पड़ सकता है. भाजपा ने पहले इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन शीर्ष अदालत ने उसे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा था.
इस बीच विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने अदालत के फैसले के तुरंत बाद कहा कि अब निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) की है.
श्यामबाजार में भाजपा के लिए प्रचार करते हुए उन्होंने संवाददाताओं से कहा, 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि एसईसी सेना, केंद्रीय बल या नागरिक स्वयंसेवियों या कोलकाता पुलिस के साथ चुनाव कराती है, उसे यह सुनिश्चित करना होगा कि मतदाताओं और विपक्षी उम्मीदवारों को कोई खतरा नहीं हो.'
उन्होंने कहा कि अगर उन पर हमले की कोई घटना हुई तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ता इसका विरोध करेंगे. उन्होंने कहा, 'यदि विपक्षी उम्मीदवारों पर हमले की एक भी घटना हुई, तो पूरा राज्य इस बात का गवाह होगा... पश्चिम बंगाल के लोग 19 दिसंबर को सामने आने वाली स्थिति पर नजर रखेंगे.'
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यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा हाई कोर्ट की एकल पीठ के आदेश के खिलाफ पुनरीक्षा याचिका दायर करेगी, अधिकारी ने कहा, 'हम इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करेंगे. हम सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर सकते हैं.'