शिवमोगा (कर्नाटक) : राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा हाल ही में एक विशेष अदालत के समक्ष दाखिल एक आरोप पत्र में कहा गया है कि इस साल फरवरी में यहां बजरंग दल के एक कार्यकर्ता हर्षा की हत्या के आरोपियों को हिंदू समुदाय के प्रति नफरत थी (Bajrang Dal worker Harsha murder case). कर्नाटक में हिजाब विवाद के बीच, बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या कर दी गई थी.
आरोपपत्र में कहा गया है, 'जांच से पता चला है कि 'सीएए-एनआरसी' मुद्दे, हिजाब विवाद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की गो रक्षा गतिविधियों के दौरान आरोपियों को हिंदू समुदाय से नफरत पैदा हो गई थी. इन कारणों से, आरोपियों ने हिंदू समुदाय के लोगों के बीच भय पैदा करने और शिवमोगा शहर में हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच सांप्रदायिक वैमनस्य और नफरत पैदा करने की साजिश रची.'
इसमें कहा गया है कि आरोपी शिवमोगा में जुलूस, समारोहों और समुदाय के कार्यक्रमों के दौरान हिंदू समुदाय के प्रमुख नेताओं की आवाजाही पर नजर रख रहे थे और उन लोगों ने एक प्रमुख हिंदू नेता के रूप में हर्ष पर नजर रखी और उनकी हत्या के लिए हथियार जुटाए. गौरतलब है कि 20 फरवरी को हर्ष की हत्या के बाद शिमोगा में दंगा हो गया था. हर्ष के शव के जुलूस के दौरान पथराव हुआ. इस हंगामे में एक पत्रकार के साथ मारपीट (assault on journalist) की गई. इस संबंध में पत्रकार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी.