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Rare Surgery : एचआईवी संक्रमित का सफल किडनी ट्रांसप्लांट - किडनी ट्रांसप्लांट

कोलकाता के एक अस्पताल में अफ्रीकी नागरिक का सफल किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है (kidney transplant). एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति को उसके भाई ने किडनी डोनेट की है. हैरान करने वाला ये है कि दोनों का ब्लड ग्रुप भी अलग है.

Rare Surgery
सफल किडनी ट्रांसप्लांट
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Published : Nov 12, 2022, 10:26 PM IST

कोलकाता: कोलकाता के एक निजी अस्पताल ने दुर्लभ सर्जरी में बड़ी कामयाबी हासिल की है (rare kidney transplant surgery). दक्षिण कोलकाता के उस अस्पताल में एक विदेशी नागरिक का किडनी ट्रांसप्लांट किया गया. घाना के व्यक्ति की सर्जरी के प्रभारी डॉक्टर प्रतीक दास थे. अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक व्यक्ति की उम्र 51 साल है और वह पश्चिम अफ्रीका के घाना का रहने वाला है.

वह एक स्कूल टीचर है और किडनी के इलाज के लिए पिछले साल मार्च में भारत आया था.दो महीने पहले उसे मुकुंदपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रिकवरी और सर्जरी के मामले में डॉक्टरों के जेहन में दो मुख्य बातें थीं. पहला, मरीज एचआईवी से संक्रमित है और दूसरा उसके भाई ने अपनी किडनी दान करने का फैसला किया. हालांकि, उन दोनों के ब्लड ग्रुप अलग-अलग थे. ऐसे में पिछले दो महीने से शख्स के कई स्वास्थ्य परीक्षण किए गए. उसके आधार पर पहले इलाज शुरू हुआ और फिर आखिरकार 27 अक्टूबर को उस शख्स का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ.

भाई का ब्लड ग्रुप अलग होने के बावजूद उसकी किडनी बुजुर्ग के शरीर में ट्रांसप्लांट कर दी गई. अस्पताल सूत्रों के मुताबिक मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है हालांकि उसके पेडू में दिक्कत है जिसके जल्द ठीक होने की उम्मीद है. उस व्यक्ति ने इलाज के लिए दूर अफ्रीका से यहां आने के बाद ठीक होने के लिए अस्पताल के डॉक्टरों और अन्य लोगों को धन्यवाद दिया.

अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग (Nephrology Department) के एक डॉक्टर प्रतीक दास ने कहा, 'जब वह यहां आया था, तब की तुलना में अब वह बहुत स्वस्थ स्थिति में है. हमने उनके एचआईवी से संबंधित उपचार के अनुरूप किडनी की दवा दी है. कुछ और समय के लिए उनकी निगरानी की जाएगी फिर वह चाहे तो अपने देश वापस जा सकता है.

डॉक्टर को यह याद नहीं आ रहा है कि ऐसी स्थिति में भारत में ऐसी सफल सर्जरी पहले कभी हुई थी या नहीं. हालांकि उन्होंने कहा, कम से कम ऐसी घटना उनके अस्पताल में पहली बार हुई है.

पढ़ें- कुदरत का करिश्मा, आदमी एक किडनी तीन

कोलकाता: कोलकाता के एक निजी अस्पताल ने दुर्लभ सर्जरी में बड़ी कामयाबी हासिल की है (rare kidney transplant surgery). दक्षिण कोलकाता के उस अस्पताल में एक विदेशी नागरिक का किडनी ट्रांसप्लांट किया गया. घाना के व्यक्ति की सर्जरी के प्रभारी डॉक्टर प्रतीक दास थे. अस्पताल के सूत्रों के मुताबिक व्यक्ति की उम्र 51 साल है और वह पश्चिम अफ्रीका के घाना का रहने वाला है.

वह एक स्कूल टीचर है और किडनी के इलाज के लिए पिछले साल मार्च में भारत आया था.दो महीने पहले उसे मुकुंदपुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रिकवरी और सर्जरी के मामले में डॉक्टरों के जेहन में दो मुख्य बातें थीं. पहला, मरीज एचआईवी से संक्रमित है और दूसरा उसके भाई ने अपनी किडनी दान करने का फैसला किया. हालांकि, उन दोनों के ब्लड ग्रुप अलग-अलग थे. ऐसे में पिछले दो महीने से शख्स के कई स्वास्थ्य परीक्षण किए गए. उसके आधार पर पहले इलाज शुरू हुआ और फिर आखिरकार 27 अक्टूबर को उस शख्स का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ.

भाई का ब्लड ग्रुप अलग होने के बावजूद उसकी किडनी बुजुर्ग के शरीर में ट्रांसप्लांट कर दी गई. अस्पताल सूत्रों के मुताबिक मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है हालांकि उसके पेडू में दिक्कत है जिसके जल्द ठीक होने की उम्मीद है. उस व्यक्ति ने इलाज के लिए दूर अफ्रीका से यहां आने के बाद ठीक होने के लिए अस्पताल के डॉक्टरों और अन्य लोगों को धन्यवाद दिया.

अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग (Nephrology Department) के एक डॉक्टर प्रतीक दास ने कहा, 'जब वह यहां आया था, तब की तुलना में अब वह बहुत स्वस्थ स्थिति में है. हमने उनके एचआईवी से संबंधित उपचार के अनुरूप किडनी की दवा दी है. कुछ और समय के लिए उनकी निगरानी की जाएगी फिर वह चाहे तो अपने देश वापस जा सकता है.

डॉक्टर को यह याद नहीं आ रहा है कि ऐसी स्थिति में भारत में ऐसी सफल सर्जरी पहले कभी हुई थी या नहीं. हालांकि उन्होंने कहा, कम से कम ऐसी घटना उनके अस्पताल में पहली बार हुई है.

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