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Kidney Transplant: 73 साल की बुजुर्ग महिला ने अपने 21 वर्षीय पोते को दिया किडनी से जीवनदान

कर्नाटक के विजयपुरा में एक निजी अस्पताल ने पहला सफल किडनी ट्रांसप्लांट किया है, जिसमें एक 73 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने अपने 21 पोते को किडनी डोनेट की है.

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Published : Feb 15, 2023, 3:44 PM IST

kidney transplant in karnataka
कर्नाटक में किडनी ट्रांसप्लांट

विजयपुरा: कर्नाटक के विजयपुरा शहर के एक अस्पताल में 73 वर्षीय बुजुर्ग ने अपने 21 वर्षीय पोते को किडनी डोनेट की. साथ ही, विजयपुरा जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र में यह पहला सफल किडनी ट्रांसप्लांट है. यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसने अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता वाले लाखों लोगों को उम्मीद दी है. विजयपुरा जिले में एक बुजुर्ग महिला ने अपने पोते को किडनी दान की है, जहां अंगदान के प्रति जागरूकता कम है, यह एक दुर्लभ मामला है.

बेलगाम जिले के हारुगेरी का रहने वाला युवक सचिन पिछले 18 साल से किडनी की समस्या से पीड़ित था. हाल ही में उसकी किडनी फेल हो गई. इस वजह से उसका हफ्ते में 2 से ज्यादा बार डायलिसिस हो रहा था. चूंकि उसके माता-पिता बीमार थे, इसलिए उनकी किडनी नहीं ली जा सकती थी और युवक को नहीं दी जा सकती थी. युवा सचिन की दयनीय स्थिति को देखकर उसकी दादी उद्दव्वा ने स्वेच्छा से एक किडनी दान करने की पेशकश की.

जिले का पहला सफल किडनी ट्रांसप्लांट: किडनी ट्रांसप्लांट अस्पताल केवल कुछ ही जिलों में हैं. हाल ही में, विजयपुरा में यशोदा अस्पताल नाम के एक निजी अस्पताल को किडनी प्रत्यारोपण के लिए मान्यता दी गई थी. जब युवक सचिन और उसकी दादी उद्दव्वा का परीक्षण किया गया, तो वे संगत थे. इस प्रकार, अस्पताल के प्रमुख डॉ रवींद्र मद्रकी के नेतृत्व में टीम ने सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट किया.

फिलहाल किडनी लेने वाले सचिन और किडनी डोनेट करने वाली उसकी दादी दोनों ही स्वस्थ्य हैं. इस केस के साथ ही विजयपुरा जिले में पहला किडनी ट्रांसप्लांट सफल रहा है. अस्पताल के अध्यक्ष और किडनी विशेषज्ञ डॉ रवींद्र मद्रकी ने कहा, हाल ही में अधिक लोग किडनी की विफलता से पीड़ित हैं. बीपी और डायबिटीज के मरीजों में किडनी फेलियर बढ़ रहा है. यदि गुर्दा प्रत्यारोपण किया जाना है, तो इसे रोगी के रिश्तेदारों या किसी मेल खाने वाले द्वारा दान किया जाना चाहिए.

पढ़ें: BHU ने बनाया डिवाइस, अब खर्राटे से मिलेगी निजात

उन्होंने कहा कि शहर के कुछ अस्पतालों में यह सुविधा है. यह पहली बार है कि हमारे अस्पताल ने सफल किडनी ट्रांसप्लांट किया है. पोते सचिन ने अपनी दादी के इस बलिदान के बारे में बात करते हुए कहा मेरी दादी ने मुझे नया जन्म दिया है. आज उनके द्वारा दिए गए किडनी डोनेशन से जीने की प्रेरणा बढ़ी है. राज्य में रोजाना हजारों लोग बिना अंगदान के मर रहे हैं. अंगदान के बारे में अधिक जागरूकता से अंग विफलता के कारण होने वाली मौतों की संख्या को कम किया जा सकता है.

विजयपुरा: कर्नाटक के विजयपुरा शहर के एक अस्पताल में 73 वर्षीय बुजुर्ग ने अपने 21 वर्षीय पोते को किडनी डोनेट की. साथ ही, विजयपुरा जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र में यह पहला सफल किडनी ट्रांसप्लांट है. यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जिसने अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता वाले लाखों लोगों को उम्मीद दी है. विजयपुरा जिले में एक बुजुर्ग महिला ने अपने पोते को किडनी दान की है, जहां अंगदान के प्रति जागरूकता कम है, यह एक दुर्लभ मामला है.

बेलगाम जिले के हारुगेरी का रहने वाला युवक सचिन पिछले 18 साल से किडनी की समस्या से पीड़ित था. हाल ही में उसकी किडनी फेल हो गई. इस वजह से उसका हफ्ते में 2 से ज्यादा बार डायलिसिस हो रहा था. चूंकि उसके माता-पिता बीमार थे, इसलिए उनकी किडनी नहीं ली जा सकती थी और युवक को नहीं दी जा सकती थी. युवा सचिन की दयनीय स्थिति को देखकर उसकी दादी उद्दव्वा ने स्वेच्छा से एक किडनी दान करने की पेशकश की.

जिले का पहला सफल किडनी ट्रांसप्लांट: किडनी ट्रांसप्लांट अस्पताल केवल कुछ ही जिलों में हैं. हाल ही में, विजयपुरा में यशोदा अस्पताल नाम के एक निजी अस्पताल को किडनी प्रत्यारोपण के लिए मान्यता दी गई थी. जब युवक सचिन और उसकी दादी उद्दव्वा का परीक्षण किया गया, तो वे संगत थे. इस प्रकार, अस्पताल के प्रमुख डॉ रवींद्र मद्रकी के नेतृत्व में टीम ने सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट किया.

फिलहाल किडनी लेने वाले सचिन और किडनी डोनेट करने वाली उसकी दादी दोनों ही स्वस्थ्य हैं. इस केस के साथ ही विजयपुरा जिले में पहला किडनी ट्रांसप्लांट सफल रहा है. अस्पताल के अध्यक्ष और किडनी विशेषज्ञ डॉ रवींद्र मद्रकी ने कहा, हाल ही में अधिक लोग किडनी की विफलता से पीड़ित हैं. बीपी और डायबिटीज के मरीजों में किडनी फेलियर बढ़ रहा है. यदि गुर्दा प्रत्यारोपण किया जाना है, तो इसे रोगी के रिश्तेदारों या किसी मेल खाने वाले द्वारा दान किया जाना चाहिए.

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उन्होंने कहा कि शहर के कुछ अस्पतालों में यह सुविधा है. यह पहली बार है कि हमारे अस्पताल ने सफल किडनी ट्रांसप्लांट किया है. पोते सचिन ने अपनी दादी के इस बलिदान के बारे में बात करते हुए कहा मेरी दादी ने मुझे नया जन्म दिया है. आज उनके द्वारा दिए गए किडनी डोनेशन से जीने की प्रेरणा बढ़ी है. राज्य में रोजाना हजारों लोग बिना अंगदान के मर रहे हैं. अंगदान के बारे में अधिक जागरूकता से अंग विफलता के कारण होने वाली मौतों की संख्या को कम किया जा सकता है.

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