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Khazana Mahal Museum: एक ही छत के नीचे दिखेंगे पूरी दुनिया के नायाब जेमस्टोन...स्टोन से ज्वेलरी तक का सफर भी देख सकेंगे - Rajasthan hindi news

राजस्थान की राजधानी जयपुर जेम्स ज्वेलरी और स्टोन के लिए काफी प्रसिद्ध है. अब दुनिया के 400 से ज्यादा प्रकार के 20 हजार से अधिक जेमस्टोन एक ही छत के नीचे लोगों को देखने को मिलेंगे. जयपुर में जलमहल के पास खजाना महल (Khazana Mahal Museum) बनाया गया है, जिसमें स्टोन की पूरी जर्नी दर्शाई गई है.

Khazana Mahal Museum, gemstones in Khazana Mahal
एक ही छत के नीचे दिखेंगे पूरी दुनिया के नायाब जेमस्टोन.
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Published : May 31, 2022, 12:49 AM IST

जयपुर. राजस्थान के प्रमुख उद्योगों में जेम्स ज्वेलरी और स्टोंस का नाम भी शुमार है. जब जेम्स और स्टोन की बात होती है तो व्यापारी वर्ग सबसे पहले जयपुर की तरफ देखता है. कारण साफ है जयपुर के हेरिटेज बाजारों में ऐसी सैकड़ों गद्दियां हैं, जहां पर जेम्स और स्टोन के जानकार देश ही नहीं विदेशों में भी इनका आयात निर्यात कर रहे हैं. जब इन स्टोंस के दीदार करने के लिए व्यापारियों के पास जाते हैं तो सभी तरह की वैरायटी एक ही जगह पर हो पाना नामुमकिन रहता है. लेकिन अब पूरे विश्व में पाए जाने वाले स्टोन एक ही छत के नीचे देखने को मिलेंगे. जयपुर में जलमहल के पास खजाना महल (Khazana Mahal Museum) बनाया गया है, जिसमें स्टोन की पूरी जर्नी दर्शाई गई है.

सैकड़ो वर्ष पहले यहां हुआ था अश्वमेघ यज्ञः सैकड़ो वर्ष (लगभग 300 वर्ष) पहले जिस जगह पर अश्वमेध यज्ञ हुआ था. उसी जमीन पर पत्थरों से निकलकर जेम स्टोन बनने और फिर गहनों में ढलने तक का सफर लोग खजाना महल म्यूजियम में देख सकेंगे. जल महल के पास गुर्जर की घाटी में तैयार अनूठा खजाना महल म्यूजियम दर्शकों के लिए तैयार है. खजाना महल म्यूजियम में देश दुनिया के 400 प्रकार के 20,000 से अधिक जेमस्टोन देख सकेंगे. कई एंटीक जेम स्टोन भी इस खजाना महल में दिखाए गए हैं.

एक ही छत के नीचे दिखेंगे पूरी दुनिया के नायाब जेमस्टोन.

पढ़ें. बेजोड़ कारीगरी का नमूना है पन्ना मिया की बावड़ी, पर्यटकों को लुभाता है कुंड का सीढ़ीनुमा भूलभुलैया...शूटिंग के लिए बॉलीवुड की भी बना पसंद

सेमी प्रेशियस स्टोन से बनी 111 किलो की दुनिया की सबसे बड़ी रिंगः खजाना महल में दुनिया भर की अनोखी और बेशकीमती चीजें दर्शाई गई हैं. खजाना महल बनकर पूरी तरह से तैयार हो चुका है, जल्द ही इस की ओपनिंग की जाएगी. एंटरटेनमेंट 7 क्रिएटिव वेंचर्स और म्यूजियम ऑफ जेम्स ज्वेलरी फेडरेशन जयपुर के सहयोग से म्यूजियम को तैयार किया गया है. जून महीने में खजाना महल सैलानियों के लिए ओपन हो जाएगा. खजाना महल में सेमी प्रेशियस स्टोन से बनी 111 किलो की दुनिया की सबसे बड़ी रिंग मौजूद है.

रूबी स्टोन से बने एनिमल आर्ट भी आकर्षण का केंद्र रहेंगेः खजाना महल में उल्का पिंड का टुकड़ा, करोड़ों साल पुरानी डायनासोर की हड्डी, कोहिनूर का रेप्लिका, शार्क मछली का दांत समेत कई एंटीक चीजें रखी हुई है. जानकारी के मुताबिक करीब 6 करोड़ रुपए की लागत से खजाना महल मीडियम को तैयार किया गया है. खजाना महल म्यूजियम में बॉलीवुड एक्ट्रेस और एक्टर की फेमस फिल्मों में पहनी हुई ज्वेलरी शोकेस की गई है. रूबी स्टोन से बने एनिमल आर्ट भी आकर्षण का केंद्र रहेंगे. इसके साथ ही ममी का स्टोन भी देखने को मिलेगा. म्यूजियम में जेमस्टोन जैसे नायाब पत्थरों के गहनों में ढ़लने का सफर बताने के लिए थिएटर में 8 मिनट की फिल्म दिखाई जाएगी.

स्टोन के जरिए दर्शाए गए नवग्रहः नवग्रह के सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, राहु और केतु स्टोन के जरिए यहां दिखाए गए हैं. खदानों से निकले विभिन्न आकारों के स्टोन भी म्यूजियम में दर्शाए गए हैं. रूबी स्टोन पर खजुराहो की शिल्पकारी को उकेरा गया है. 5000 किलो के साउथ इंडियन रूबी स्टोन को सिंहासन की शक्ल दी गई है. इस म्यूजियम में नायाब पत्थरों के इतिहास को जानने का मौका मिलेगा.

पढ़ें. पर्यटनस्थल ना बने दुर्घटनास्थल इसके लिए जरुरी है सावधानी, आमेर के कौन-कौन से स्थान हैं Risky...जानें यहां

स्टोन से लेकर ज्वेलरी तक का पूरा सफर दर्शायाः खजाना महल के फाउंडर डायरेक्टर अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि खजाना महल की जगह ऐतिहासिक ही नहीं, बल्कि इसका पौराणिक महत्व भी है. भारत में दो ही अश्वमेघ यज्ञ हुए थे. एक अश्वमेघ यज्ञ श्री राम ने करवाया था और दूसरा जयसिंह ने करवाया था. जिस जगह पर खजाना महल बना है, उस जगह पर अश्वमेध यज्ञ हुआ था. खजाना महल के दूसरी तरफ एक प्राचीन मंदिर है. जब जयपुर की स्थापना हुई थी तो उसकी पूजा इसी मंदिर में की गई थी.

खजाना महल अरावली हिल से घिरा हुआ है. कुदरत ने ऐसी जगह दी है, जहां ऐसा लगता है कि किसी हिल स्टेशन पर आ गए हों. खजाना महल करीब 200 साल पुरानी हवेली में बनाया गया है. इस 200 साल पुरानी हवेली को बारूदखाना कहा जाता था. इस हवेली की 3.5 फीट मोटी दीवारें बनी हुई हैं. पुराने जमाने में इस हवेली में बारूद रखा जाता था. खजाना महल को बनी बनाई तिजोरी मिल गई है. पुरानी तिजोरी में खजाना महल सजा दिया गया है. खजाना महल में स्टोन की पूरी जर्नी है. स्टोन से लेकर ज्वेलरी तक का पूरा सफर इस खजाना महल म्यूजियम में दर्शाया गया है. जिस स्टोन के बारे में केवल सुना है, वह सारे स्टोन यहां पर देखने को मिलेंगे. उल्का पिंड और टूटता तारा भी यहां पर देखने को मिलेगा. 3000 साल पुराने फॉसिल्स भी यहा देखने को मिलेगा. शार्क मछली का दांत भी यहां दर्शाया गया है. केवल नाम सोचिए वही स्टोन यहां पर आपको देखने को मिलेगा. ज्वेलरी के जितने भी प्रकार होते हैं, वह सभी यहां पर देखने को मिलेंगे. विश्व के जितने भी दुर्लभ हीरे हुए हैं, चाहे वह कोहिनूर हो या अन्य हीरा हो, वह सभी यहां देखने को मिलेंगे.

पढ़ें. Special : काबुल के पठानों पर विजय का प्रतीक है जयपुर में फहरने वाला पचरंगा ध्वज

6 लाख कैरेट रूबी के पत्थर का स्टेच्यू: अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि अंगुली में पहने जाने वाली दुनिया के सबसे बड़ी रिंग यहा देखने को मिलेगी. इस बड़ी अंगूठी का 111 किलो का वजन है और 3.5 फीट की हाइट है. रूबी स्टोन की काफी एक्सक्लूसिव चीजें भी देखने को मिलेगी. यहां पर एक 6 लाख कैरेट रूबी के पत्थर का स्टेचू बना हुआ है. जो कि सूर्य भगवान का स्टेचू है. रूबी स्टोन से सूर्य भगवान का स्टेचू बनाने में 4 साल का समय लगा है.

खजाना महल में रामसेतु के पत्थरः अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि रामसेतु स्टोन भी यहां पर देखने को मिलेगा. भगवान श्रीराम को जब लंका पार करनी थी, तो रामसेतु के पत्थर का उपयोग किया गया था. पानी में तैरने वाले राम सेतु के पत्थर यहां पर हैं. रामसेतु के पत्थर खजाना महल की खास चीज है. खजाना महल में एक सिनेमा हॉल भी तैयार किया गया है. इस सिनेमा हॉल में दर्शकों को म्यूजियम और स्टोन के बारे में बताया जाएगा.

सोलह श्रृंगार का स्टेच्यू अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि महिला की खूबसूरती के बाद की जाती है तो सोलह श्रृंगार की चर्चा होती है. हम सोलह श्रृंगार के बारे में सुनते हैं. आम आदमी को मालूम नहीं होता है कि सोलह शृंगार क्या है. सोलह श्रृंगार के बारे में बताने के लिए म्यूजियम के अंदर स्टेच्यू तैयार किया गया है.

पढ़ें. आमेर: कण-कण में छिपा है वीरता का इतिहास

बॉलीवुड फिल्मों में सेलिब्रिटीज की ओर से पहनी गई ज्वेलरीः अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि बॉलीवुड की भी काफी ज्वेलरी म्यूजियम में लगाई गई है. कई फिल्मों में दिखाई गई ज्वेलरी को यहां म्यूजियम में दर्शाया गया है. वीर फिल्म, ताज महल फिल्म और अन्य काफी फिल्मों की ज्वेलरी म्यूजियम में दिखाई गई हैं. आने वाले समय में और भी कई फिल्मों की ज्वेलरी यहां पर देखने को मिलेगी. पूरे वर्ल्ड में पाए जाने वाले स्टोन खजाना महल म्यूजियम में दिखाए गए हैं. 30 साल पहले डॉ. रजनीकांत शाह ने सपना देखा था. उन्होंने दुनिया भर में घूम-घूम कर यह ज्वेलरी और स्टोन इकट्ठे किए हैं.

सबसे कलरफुल पार्ट दरबार हॉलः अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि खजाना महल का सबसे कलरफुल पार्ट दरबार हॉल है. दरबार हॉल में चार सेट लगाए गए हैं. एक सेट पर बॉलीवुड की ज्वेलरी दिखाई गई है. दूसरे सेट पर सोलह शृंगार, तीसरे सेट पर कुंदन मीना दिखाया गया है. कुंदन मीना जयपुर की खास पहचान है. चौथे सेट में ट्राइबल ज्वेलरी को दिखाया गया. ट्राईबल ज्वेलरी यानी घास फूस से बनने वाली ज्वेलरी है. पाकिस्तान अफ़गानिस्तान समेत कई देशों की ज्वेलरी प्रदर्शित की गई है. बच्चों को आकर्षित करने के लिए म्यूजियम में कई मनोरंजन गतिविधियां भी रखी गई हैं. म्यूजियम में आउटडोर एक्टिविटी प्लान की गई है. इन एक्टिविटीज में जयपुर का पहला जिपलाइन तैयार किया गया है. बच्चों के लिए काफी सारी एक्टिविटीज रखी गई है.

जयपुर. राजस्थान के प्रमुख उद्योगों में जेम्स ज्वेलरी और स्टोंस का नाम भी शुमार है. जब जेम्स और स्टोन की बात होती है तो व्यापारी वर्ग सबसे पहले जयपुर की तरफ देखता है. कारण साफ है जयपुर के हेरिटेज बाजारों में ऐसी सैकड़ों गद्दियां हैं, जहां पर जेम्स और स्टोन के जानकार देश ही नहीं विदेशों में भी इनका आयात निर्यात कर रहे हैं. जब इन स्टोंस के दीदार करने के लिए व्यापारियों के पास जाते हैं तो सभी तरह की वैरायटी एक ही जगह पर हो पाना नामुमकिन रहता है. लेकिन अब पूरे विश्व में पाए जाने वाले स्टोन एक ही छत के नीचे देखने को मिलेंगे. जयपुर में जलमहल के पास खजाना महल (Khazana Mahal Museum) बनाया गया है, जिसमें स्टोन की पूरी जर्नी दर्शाई गई है.

सैकड़ो वर्ष पहले यहां हुआ था अश्वमेघ यज्ञः सैकड़ो वर्ष (लगभग 300 वर्ष) पहले जिस जगह पर अश्वमेध यज्ञ हुआ था. उसी जमीन पर पत्थरों से निकलकर जेम स्टोन बनने और फिर गहनों में ढलने तक का सफर लोग खजाना महल म्यूजियम में देख सकेंगे. जल महल के पास गुर्जर की घाटी में तैयार अनूठा खजाना महल म्यूजियम दर्शकों के लिए तैयार है. खजाना महल म्यूजियम में देश दुनिया के 400 प्रकार के 20,000 से अधिक जेमस्टोन देख सकेंगे. कई एंटीक जेम स्टोन भी इस खजाना महल में दिखाए गए हैं.

एक ही छत के नीचे दिखेंगे पूरी दुनिया के नायाब जेमस्टोन.

पढ़ें. बेजोड़ कारीगरी का नमूना है पन्ना मिया की बावड़ी, पर्यटकों को लुभाता है कुंड का सीढ़ीनुमा भूलभुलैया...शूटिंग के लिए बॉलीवुड की भी बना पसंद

सेमी प्रेशियस स्टोन से बनी 111 किलो की दुनिया की सबसे बड़ी रिंगः खजाना महल में दुनिया भर की अनोखी और बेशकीमती चीजें दर्शाई गई हैं. खजाना महल बनकर पूरी तरह से तैयार हो चुका है, जल्द ही इस की ओपनिंग की जाएगी. एंटरटेनमेंट 7 क्रिएटिव वेंचर्स और म्यूजियम ऑफ जेम्स ज्वेलरी फेडरेशन जयपुर के सहयोग से म्यूजियम को तैयार किया गया है. जून महीने में खजाना महल सैलानियों के लिए ओपन हो जाएगा. खजाना महल में सेमी प्रेशियस स्टोन से बनी 111 किलो की दुनिया की सबसे बड़ी रिंग मौजूद है.

रूबी स्टोन से बने एनिमल आर्ट भी आकर्षण का केंद्र रहेंगेः खजाना महल में उल्का पिंड का टुकड़ा, करोड़ों साल पुरानी डायनासोर की हड्डी, कोहिनूर का रेप्लिका, शार्क मछली का दांत समेत कई एंटीक चीजें रखी हुई है. जानकारी के मुताबिक करीब 6 करोड़ रुपए की लागत से खजाना महल मीडियम को तैयार किया गया है. खजाना महल म्यूजियम में बॉलीवुड एक्ट्रेस और एक्टर की फेमस फिल्मों में पहनी हुई ज्वेलरी शोकेस की गई है. रूबी स्टोन से बने एनिमल आर्ट भी आकर्षण का केंद्र रहेंगे. इसके साथ ही ममी का स्टोन भी देखने को मिलेगा. म्यूजियम में जेमस्टोन जैसे नायाब पत्थरों के गहनों में ढ़लने का सफर बताने के लिए थिएटर में 8 मिनट की फिल्म दिखाई जाएगी.

स्टोन के जरिए दर्शाए गए नवग्रहः नवग्रह के सूर्य, चंद्र, बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, राहु और केतु स्टोन के जरिए यहां दिखाए गए हैं. खदानों से निकले विभिन्न आकारों के स्टोन भी म्यूजियम में दर्शाए गए हैं. रूबी स्टोन पर खजुराहो की शिल्पकारी को उकेरा गया है. 5000 किलो के साउथ इंडियन रूबी स्टोन को सिंहासन की शक्ल दी गई है. इस म्यूजियम में नायाब पत्थरों के इतिहास को जानने का मौका मिलेगा.

पढ़ें. पर्यटनस्थल ना बने दुर्घटनास्थल इसके लिए जरुरी है सावधानी, आमेर के कौन-कौन से स्थान हैं Risky...जानें यहां

स्टोन से लेकर ज्वेलरी तक का पूरा सफर दर्शायाः खजाना महल के फाउंडर डायरेक्टर अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि खजाना महल की जगह ऐतिहासिक ही नहीं, बल्कि इसका पौराणिक महत्व भी है. भारत में दो ही अश्वमेघ यज्ञ हुए थे. एक अश्वमेघ यज्ञ श्री राम ने करवाया था और दूसरा जयसिंह ने करवाया था. जिस जगह पर खजाना महल बना है, उस जगह पर अश्वमेध यज्ञ हुआ था. खजाना महल के दूसरी तरफ एक प्राचीन मंदिर है. जब जयपुर की स्थापना हुई थी तो उसकी पूजा इसी मंदिर में की गई थी.

खजाना महल अरावली हिल से घिरा हुआ है. कुदरत ने ऐसी जगह दी है, जहां ऐसा लगता है कि किसी हिल स्टेशन पर आ गए हों. खजाना महल करीब 200 साल पुरानी हवेली में बनाया गया है. इस 200 साल पुरानी हवेली को बारूदखाना कहा जाता था. इस हवेली की 3.5 फीट मोटी दीवारें बनी हुई हैं. पुराने जमाने में इस हवेली में बारूद रखा जाता था. खजाना महल को बनी बनाई तिजोरी मिल गई है. पुरानी तिजोरी में खजाना महल सजा दिया गया है. खजाना महल में स्टोन की पूरी जर्नी है. स्टोन से लेकर ज्वेलरी तक का पूरा सफर इस खजाना महल म्यूजियम में दर्शाया गया है. जिस स्टोन के बारे में केवल सुना है, वह सारे स्टोन यहां पर देखने को मिलेंगे. उल्का पिंड और टूटता तारा भी यहां पर देखने को मिलेगा. 3000 साल पुराने फॉसिल्स भी यहा देखने को मिलेगा. शार्क मछली का दांत भी यहां दर्शाया गया है. केवल नाम सोचिए वही स्टोन यहां पर आपको देखने को मिलेगा. ज्वेलरी के जितने भी प्रकार होते हैं, वह सभी यहां पर देखने को मिलेंगे. विश्व के जितने भी दुर्लभ हीरे हुए हैं, चाहे वह कोहिनूर हो या अन्य हीरा हो, वह सभी यहां देखने को मिलेंगे.

पढ़ें. Special : काबुल के पठानों पर विजय का प्रतीक है जयपुर में फहरने वाला पचरंगा ध्वज

6 लाख कैरेट रूबी के पत्थर का स्टेच्यू: अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि अंगुली में पहने जाने वाली दुनिया के सबसे बड़ी रिंग यहा देखने को मिलेगी. इस बड़ी अंगूठी का 111 किलो का वजन है और 3.5 फीट की हाइट है. रूबी स्टोन की काफी एक्सक्लूसिव चीजें भी देखने को मिलेगी. यहां पर एक 6 लाख कैरेट रूबी के पत्थर का स्टेचू बना हुआ है. जो कि सूर्य भगवान का स्टेचू है. रूबी स्टोन से सूर्य भगवान का स्टेचू बनाने में 4 साल का समय लगा है.

खजाना महल में रामसेतु के पत्थरः अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि रामसेतु स्टोन भी यहां पर देखने को मिलेगा. भगवान श्रीराम को जब लंका पार करनी थी, तो रामसेतु के पत्थर का उपयोग किया गया था. पानी में तैरने वाले राम सेतु के पत्थर यहां पर हैं. रामसेतु के पत्थर खजाना महल की खास चीज है. खजाना महल में एक सिनेमा हॉल भी तैयार किया गया है. इस सिनेमा हॉल में दर्शकों को म्यूजियम और स्टोन के बारे में बताया जाएगा.

सोलह श्रृंगार का स्टेच्यू अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि महिला की खूबसूरती के बाद की जाती है तो सोलह श्रृंगार की चर्चा होती है. हम सोलह श्रृंगार के बारे में सुनते हैं. आम आदमी को मालूम नहीं होता है कि सोलह शृंगार क्या है. सोलह श्रृंगार के बारे में बताने के लिए म्यूजियम के अंदर स्टेच्यू तैयार किया गया है.

पढ़ें. आमेर: कण-कण में छिपा है वीरता का इतिहास

बॉलीवुड फिल्मों में सेलिब्रिटीज की ओर से पहनी गई ज्वेलरीः अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि बॉलीवुड की भी काफी ज्वेलरी म्यूजियम में लगाई गई है. कई फिल्मों में दिखाई गई ज्वेलरी को यहां म्यूजियम में दर्शाया गया है. वीर फिल्म, ताज महल फिल्म और अन्य काफी फिल्मों की ज्वेलरी म्यूजियम में दिखाई गई हैं. आने वाले समय में और भी कई फिल्मों की ज्वेलरी यहां पर देखने को मिलेगी. पूरे वर्ल्ड में पाए जाने वाले स्टोन खजाना महल म्यूजियम में दिखाए गए हैं. 30 साल पहले डॉ. रजनीकांत शाह ने सपना देखा था. उन्होंने दुनिया भर में घूम-घूम कर यह ज्वेलरी और स्टोन इकट्ठे किए हैं.

सबसे कलरफुल पार्ट दरबार हॉलः अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि खजाना महल का सबसे कलरफुल पार्ट दरबार हॉल है. दरबार हॉल में चार सेट लगाए गए हैं. एक सेट पर बॉलीवुड की ज्वेलरी दिखाई गई है. दूसरे सेट पर सोलह शृंगार, तीसरे सेट पर कुंदन मीना दिखाया गया है. कुंदन मीना जयपुर की खास पहचान है. चौथे सेट में ट्राइबल ज्वेलरी को दिखाया गया. ट्राईबल ज्वेलरी यानी घास फूस से बनने वाली ज्वेलरी है. पाकिस्तान अफ़गानिस्तान समेत कई देशों की ज्वेलरी प्रदर्शित की गई है. बच्चों को आकर्षित करने के लिए म्यूजियम में कई मनोरंजन गतिविधियां भी रखी गई हैं. म्यूजियम में आउटडोर एक्टिविटी प्लान की गई है. इन एक्टिविटीज में जयपुर का पहला जिपलाइन तैयार किया गया है. बच्चों के लिए काफी सारी एक्टिविटीज रखी गई है.

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