अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ रावण वाली अपनी टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना का सामना कर रहे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि गुजरात में सत्तारूढ़ पार्टी चुनावी लाभ के लिए उनकी टिप्पणी का दुरुपयोग कर रही है.
उन्होंने कहा कि राजनीति व्यक्तियों के बारे में नहीं, बल्कि नीतियों के बारे में होती है. इस मुद्दे पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में, खड़गे ने एजेंसी से कहा कि वह प्रदर्शन की राजनीति में विश्वास करते हैं, लेकिन भाजपा की राजनीति की शैली में अकसर लोकतंत्र की भावना का अभाव होता है क्योंकि वे इसे केवल एक व्यक्ति के बारे में बनाते हैं, जो हर जगह है.
गुजरात चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की संभावनाओं से संबंधित सवाल पर उन्होंने कहा कि यह पार्टी किसी के इशारे पर कांग्रेस के वोट को विभाजित करने के लिए काम कर रही है. यह पूछे जाने पर कि क्या व्यक्तिगत हमले, जैसे कि उनकी रावण वाली टिप्पणी प्रचार अभियान की एक प्रमुख विशेषता बन गए हैं, खड़गे ने कहा कि वे चुनावी लाभ के लिए इसका दुरुपयोग कर रहे हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खड़गे ने कहा, 'हमारे लिए, राजनीति व्यक्तियों के बारे में नहीं है. यह नीतियों के बारे में है, यह उनके (भाजपा के) प्रदर्शन के बारे में है और यह उस प्रकार की राजनीति के बारे में है जो वे करते हैं. वे इसे केवल एक व्यक्ति के बारे में बनाते हैं, जो हर जगह है.'
खड़गे ने कहा, 'भाजपा और प्रधानमंत्री की राजनीति की शैली में अकसर लोकतंत्र की भावना का अभाव होता है. मैंने चुनाव के सभी स्तरों पर उनके प्रचार की शैली के बारे में कई उदाहरण दिए, लेकिन वे मेरी टिप्पणी का चुनावी लाभ के लिए दुरुपयोग कर रहे हैं.'
उन्होंने कहा, 'मैं किसी व्यक्ति पर टिप्पणी नहीं करता या व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करता क्योंकि मेरे पास भी 51 साल का संसदीय राजनीति का अनुभव है.
मैंने विकास, महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी के मुद्दों पर (भाजपा सरकार की) आलोचना की.' खड़गे ने इस हफ्ते की शुरुआत में अहमदाबाद में एक रैली में कहा था कि प्रधानमंत्री सभी चुनावों में लोगों से उनका चेहरा देखकर वोट करने के लिए कहते हैं. खड़गे ने पूछा था, क्या आप रावण की तरह 100 सिर वाले हैं.
खड़गे की टिप्पणी को भाजपा ने गुजरात के लोगों का अपमान करार दिया था. गुजरात में प्रधानमंत्री के प्रचार अभियान के बारे में खड़गे ने कहा कि यह राज्य में भाजपा सरकार के खराब प्रदर्शन को दर्शाता है. उन्होंने कहा, 'क्या किसी प्रधानमंत्री ने (अतीत में) इस तरह का प्रचार किया था?
जब मैं एक छात्र था, तो मैं पंडित जवाहरलाल नेहरू को देखता था, फिर मैंने लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी को देखा, फिर मैंने मोरारजी देसाई और अन्य दलों के नेताओं को भी देखा.. अगर राज्य की भाजपा सरकार ने पिछले 27 साल लोगों के लिए काम किया होता तो इतना प्रचार करने की जरूरत ही नहीं पड़ती.
आप के आक्रामक प्रचार अभियान और पार्टी द्वारा इस बार गुजरात की 182 में से 181 सीट पर चुनाव लड़ने के बारे में पूछे जाने पर खड़गे ने कहा कि इसका एकमात्र इरादा कांग्रेस को कमजोर करना है. उन्होंने कहा, 'वे दुष्प्रचार कर रहे हैं. हमें ऐसी जानकारी मिली है कि वे कांग्रेस के वोट प्रभावित करना चाहते हैं.
मैं कुछ नहीं कहना चाहता क्योंकि अगर मैं सच भी बोलूंगा तो उसे कांग्रेस के खिलाफ दुष्प्रचार के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा. कुछ लोगों को वोट बांटने के लिए कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए भेजा गया है. यह उनका मुख्य उद्देश्य है. नहीं तो वे कितने बूथ, कितने गांव, कितनी पंचायतों में गए हैं? वे केवल शहरों में गए हैं.
खड़गे ने सवाल किया कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को सभी गुजराती और अंग्रेजी अखबारों में पूरे पृष्ठ के विज्ञापन देने के लिए धन कहां से मिल रहा है. उन्होंने कहा कि यह अन्ना हजारे (भ्रष्टाचार विरोधी) आंदोलन से पैदा हुई पार्टी थी. यह पूछे जाने पर कि क्या वह यह कह रहे हैं कि कांग्रेस का वोट काटने के लिए आप को भाजपा लेकर आई है, खरगे ने कहा कि उन्हें पार्टी नेताओं से जानकारी मिली है, जिससे पता चलता है कि आप किसी के इशारे पर काम कर रही है.
उन्होंने कहा, 'मैं यह नहीं कहूंगा कि उन्होंने (भाजपा) उन्हें भेजा है. आप का काम ही यह दर्शाता है. जिस तरह से वे काम कर रहे हैं, और मेरे स्थानीय नेताओं, जिला नेताओं से मिली प्रतिक्रिया से पता चलता है कि वे किसी के निर्देश पर काम कर रहे हैं.' खड़गे ने कहा कि 27 साल से गुजरात में सत्ता से बाहर कांग्रेस ने इस बार मौन अभियान चलाया.
उन्होंने कहा, 'जनता जवाब दे रही है. आदिवासी, ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में कांग्रेस को बढ़त मिली है. यहां तक कि ऊंची जाति के लोग भी इस सरकार से मंहगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, रोजाना गिर रही आर्थिक वृद्धि की वजह से तंग आ चुके हैं.' उन्होंने कहा, 'लोग चुपचाप भाजपा के खिलाफ काम कर रहे हैं, उन्होंने (उसे सत्ता से हटाने का) मन बना लिया है.
इसलिए हमारे मतदाता अदृश्य हैं, लेकिन हमारे लोग काम कर रहे हैं. हमारे मतदाता विभिन्न कारणों से अदृश्य हैं. भाजपा 27 साल से गुजरात में (सत्ता में) है और नौ साल से मोदी जी दिल्ली में हैं. यहां तक कि मीडिया को भी डर है कि अगर कोई सच बोलेगा तो उसे तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाएगा.
कांग्रेस के घर-घर प्रचार अभियान के बारे में बात करते हुए, खड़गे ने 1978 में चिकमगलूर लोकसभा सीट से इंदिरा गांधी की जीत के बाद की वापसी को याद किया, जब मतदाता अपनी पसंद को लेकर मुखर नहीं थे, लेकिन उनकी पसंद पूर्व प्रधानमंत्री के पक्ष में थी.
उन्होंने कहा, 'मैं अदृश्य मतदाता क्यों कह रहा हूं? अगर कोई खुले में कुछ कहता है, तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी.
हमारा काम चुपचाप चल रहा है.' यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस अपने विधायकों को भाजपा में जाने से रोकने के लिए क्या करेगी - जो 2017 के चुनाव के बाद हुआ, उन्होंने कहा कि भाजपा ने केंद्रीय एजेंसियों और ‘ब्लैकमेल’ का इस्तेमाल करके उन विधायकों की खरीद फरोख्त की.'
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'इसलिए हम कह रहे हैं कि लोकतंत्र को बचाने के लिए भाजपा को हराएं.' खड़गे ने दावा किया कि भाजपा के शासन में गुजरात का कर्ज काफी बढ़ गया है. उन्होंने कहा, 'जब हम 1990 के दशक में सत्ता से बाहर हुए थे, तब कर्ज 10,000 करोड़ रुपये था, अब यह 4,60,000 करोड़ रुपये के करीब है.'
(पीटीआई-भाषा)