कोच्चि : करीब 10 महीने बाद नाइजीरियाई कैद से रिहा हुए और 10 जून को घर पहुंचे केरल के तीन नाविकों ने अपना दर्द बयां किया है. उन्होंने मीडियाकर्मियों को बताया कि उन्हें कैद में शौचालय का पानी तक पीने के लिए मजबूर होना पड़ा.
जहाज के मुख्य अधिकारी कोच्चि के शानू जोसेफ, वीर इदुन और वी. विजिथ शनिवार को घर पहुंचे. चालक दल के साथ जहाज को सबसे पहले गिनी द्वारा इस आरोप में हिरासत में लिया गया था कि जहाज ने उसका जल क्षेत्र पार कर लिया था.
ऐसी खबरें थीं कि शिपिंग कंपनी ने इक्वेटोरियल गिनी को भारी फिरौती दी, लेकिन उन्हें रिहा नहीं किया गया और बीच में नाइजीरिया सरकार ने नए आरोप लगाए कि जहाज में चालक दल ने नाइजीरियाई तेल टैंकरों से तेल की तस्करी की थी.
नाइजीरियाई पुलिस ने जहाज और नाविकों को हिरासत में ले लिया और अगले कई महीनों तक यह प्रक्रिया जारी रही. भारत सरकार के साथ-साथ कई अन्य एजेंसियों ने मामले में हस्तक्षेप किया और नाविकों की रिहाई सुनिश्चित की.
नाविकों ने कहा कि उन्हें कैद में बहुत अधिक कष्ट उठाना पड़ा और उनमें से कई मलेरिया बुखार के कारण बीमार पड़ गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
नाविकों में से एक ने कहा कि उन्होंने उम्मीद खो दी थी. उन्हें परिवार और दोस्तों को फिर से देखने की उम्मीद नहीं थी. गौरतलब है कि इक्वेटोरियल गिनी और नाइजीरिया में नौ महीने से अधिक समय तक हिरासत में रहे मालवाहक जहाज के चालक दल के सोलह भारतीय सदस्य सरकार की लंबी बातचीत के बाद भारत लौट आए हैं.
(आईएएनएस)