मलप्पुरम (केरल) : याददाश्त तेज करने के लिए लोग क्या कुछ नहीं करते. कोई इसके लिए हरे-पत्तेदार सब्जी खाता है, कोई पौष्टिक आहार तो कोई तमाम तरह के मेवों का सेवन करता है. लेकिन जिसकी याददाश्त पैदाइशी तेज हो तो भला उससे सौभाग्यशाली कौन होगा. दरअसल, केरल के मलप्पुरम की एक साल सात महीने की बच्ची ईशा शर्मा की याददाश्त इतनी तेज है कि अगर आप उसे 40 देशों का राष्ट्रीय ध्वज दिखाएं तो वह आपको बताएगी कि यह कौन से देश का झंडा है.
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज
ट्रैफिक साइनबोर्ड को देखकर ईशा आसानी से साइनबोर्ड का उद्देश्य बता सकती है. बता दें, ईशा केरल के चुंगथारा के रहने वाले सीके अंशिद और एन कृष्णा की इकलौती बेटी हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि जब नन्ही ईशा एक साल की थी तब उसका नाम उसकी याददाश्त के चलते 18 मई को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड (India Book of Records) में दर्ज किया गया था.
अक्षर से संख्या तक
नन्ही ईशा जानवरों की 26 प्रजातियां, 12 प्रकार के समुद्री जीव, 20 प्रकार के फूल, 24 प्रकार की सब्जियां और फल, 10 प्रकार के भोजन, छह प्रकार के वाद्ययंत्र, 24 प्रकार के घरेलू सामान, अंग्रेजी के अक्षर, 1 से 20 के अक्षर, वह त्रिभुज और वर्ग सहित 10 प्रकार की आकृतियों की पहचान भी कर सकती है.
अक्षर पहचान किया उच्चारण
ईशा के माता-पिता ने उसे सात महीने की उम्र में 'A' अक्षर सिखाया था. बाद में, जब वे बाहर गए, तो बेबी ईशा ने होर्डिंग पर 'A' अक्षर को पहचानना और उच्चारण करना शुरू कर दिया. उसके माता-पिता को यह दिलचस्प लगा और उन्होंने फिर उसे और अक्षर और तस्वीरें सिखाईं.
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क्रम में व्यवस्थित करती है अक्षर व पहेली
नन्ही ईशा अक्षरों को क्रम से व्यवस्थित करती है. वह गलत पहेलियों को भी सही तरीके से लगा देती है. ईशा शास्त्रीय नृत्य रूपों और आंतरिक अंगों के नामों की पहचान कर सकती है. वह हर दिन नए शब्द सीखने की कोशिश कर रही है. बता दें, ईशा के माता-पिता नीलांबुर में एक मेडिकल क्लिनिक चलाते हैं.