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केरल पुलिस को मिला एंटी-ड्रोन मोबाइल वाहन 'ईगल आई', सीएम ने किया उद्घाटन

केरल पुलिस शायद देश की पहली राज्य पुलिस होगी जिसे 'ईगल आई' (Eagle Eye) नाम के एक एंटी-ड्रोन मोबाइल वाहन (anti-drone mobile vehicle) का संचालन मिला है. इस ड्रोन का उद्घाटन राज्य के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Chief Minister Pinarayi Vijayan) ने किया है.

एंटी-ड्रोन मोबाइल वाहन
एंटी-ड्रोन मोबाइल वाहन
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Published : Sep 25, 2022, 4:15 PM IST

कोच्चि: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Chief Minister Pinarayi Vijayan) ने कोच्चि में सी0सी0एन सम्मेलन 2022 (C0C0N Conference 2022) में 'ईगल आई' नामक एक एंटी-ड्रोन मोबाइल वाहन का उद्घाटन किया है, जिसे केरल पुलिस के ड्रोन फोरेंसिक विभाग द्वारा विकसित किया गया है. यह एंटी-ड्रोन मोबाइल वाहन (anti-drone mobile vehicle) सरकार या पुलिस से पूर्व प्राधिकरण के बिना राज्य में उड़ने वाले ड्रोन को पकड़ने और उन्हें नष्ट करने के लिए बनाया गया है. यह पहली बार है कि किसी भारतीय पुलिस विभाग ने ड्रोन हमलों और अवैध ड्रोन को रोकने के लिए ऐसे वाहन का इस्तेमाल किया है, जिसकी आधुनिक समय में अपेक्षा की जाती है.

एंटी-ड्रोन सिस्टम (anti-drone system) बिना लाइसेंस वाले हमले मोड का उपयोग कर रहे ड्रोन की पहचान और अक्षम करके संचालित होता है. राज्य में निर्धारित स्थानों पर ड्रोन उड़ाना अब आसान नहीं होगा क्योंकि उन्हें किसी भी समय हैक किया जा सकता है. ईगल आई (Eagle Eye) को हवाई अड्डों और वीआईपी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली जगहों पर संचालित किया जा सकता है. दूसरे चरण में नेट कैप्चर सिस्टम के जरिए ड्रोन को पकड़ने के लिए एक सिस्टम भी तैयार किया जाएगा. इस तरह बिना किसी नुकसान के पकड़े गए ड्रोन की जानकारी हासिल की जा सकती है.

पढ़ें: कर्नाटक में हिंदू युवक का जबरन धर्म परिवर्तन, 11 के खिलाफ केस दर्ज

पंद्रह करोड़ से अधिक की लागत वाली इस प्रणाली को आंतरिक रूप से केरल पुलिस ने अस्सी लाख रुपये की लागत से बनाया था. फिलहाल एक वाहन बनाया गया है, लेकिन भविष्य में इस प्रकार के और वाहन लॉन्च किए जाएंगे. अन्य राज्यों के पुलिस अधिकारी इसके ऑपरेशन को समझने के लिए केरल आए थे.

विशेषज्ञों ने बताया कि ड्रोन रोधी प्रणाली बिना अनुमति के चल रहे ड्रोन का पता लगाने और उन्हें निष्क्रिय करने का काम करती है. ईगल आई 5 किमी के दायरे में किसी भी आकार के ड्रोन का पता लगा सकती है और उन्हें निष्क्रिय कर सकती है. ड्रोन जीपीएस या रेडियो फ्रीक्वेंसी के साथ रिमोट-नियंत्रित होते हैं और आरएफ सेंसर और रडार डिटेक्शन तकनीक का उपयोग करके इन्हें इंटरसेप्ट किया जा सकता है. यह पहली बार है कि भारत में किसी पुलिस बल ने ड्रोन हमलों और अनाधिकृत ड्रोन को रोकने के उद्देश्य से इस तरह के वाहन को उतारा है.

कोच्चि: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Chief Minister Pinarayi Vijayan) ने कोच्चि में सी0सी0एन सम्मेलन 2022 (C0C0N Conference 2022) में 'ईगल आई' नामक एक एंटी-ड्रोन मोबाइल वाहन का उद्घाटन किया है, जिसे केरल पुलिस के ड्रोन फोरेंसिक विभाग द्वारा विकसित किया गया है. यह एंटी-ड्रोन मोबाइल वाहन (anti-drone mobile vehicle) सरकार या पुलिस से पूर्व प्राधिकरण के बिना राज्य में उड़ने वाले ड्रोन को पकड़ने और उन्हें नष्ट करने के लिए बनाया गया है. यह पहली बार है कि किसी भारतीय पुलिस विभाग ने ड्रोन हमलों और अवैध ड्रोन को रोकने के लिए ऐसे वाहन का इस्तेमाल किया है, जिसकी आधुनिक समय में अपेक्षा की जाती है.

एंटी-ड्रोन सिस्टम (anti-drone system) बिना लाइसेंस वाले हमले मोड का उपयोग कर रहे ड्रोन की पहचान और अक्षम करके संचालित होता है. राज्य में निर्धारित स्थानों पर ड्रोन उड़ाना अब आसान नहीं होगा क्योंकि उन्हें किसी भी समय हैक किया जा सकता है. ईगल आई (Eagle Eye) को हवाई अड्डों और वीआईपी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली जगहों पर संचालित किया जा सकता है. दूसरे चरण में नेट कैप्चर सिस्टम के जरिए ड्रोन को पकड़ने के लिए एक सिस्टम भी तैयार किया जाएगा. इस तरह बिना किसी नुकसान के पकड़े गए ड्रोन की जानकारी हासिल की जा सकती है.

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पंद्रह करोड़ से अधिक की लागत वाली इस प्रणाली को आंतरिक रूप से केरल पुलिस ने अस्सी लाख रुपये की लागत से बनाया था. फिलहाल एक वाहन बनाया गया है, लेकिन भविष्य में इस प्रकार के और वाहन लॉन्च किए जाएंगे. अन्य राज्यों के पुलिस अधिकारी इसके ऑपरेशन को समझने के लिए केरल आए थे.

विशेषज्ञों ने बताया कि ड्रोन रोधी प्रणाली बिना अनुमति के चल रहे ड्रोन का पता लगाने और उन्हें निष्क्रिय करने का काम करती है. ईगल आई 5 किमी के दायरे में किसी भी आकार के ड्रोन का पता लगा सकती है और उन्हें निष्क्रिय कर सकती है. ड्रोन जीपीएस या रेडियो फ्रीक्वेंसी के साथ रिमोट-नियंत्रित होते हैं और आरएफ सेंसर और रडार डिटेक्शन तकनीक का उपयोग करके इन्हें इंटरसेप्ट किया जा सकता है. यह पहली बार है कि भारत में किसी पुलिस बल ने ड्रोन हमलों और अनाधिकृत ड्रोन को रोकने के उद्देश्य से इस तरह के वाहन को उतारा है.

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