ETV Bharat / bharat

केरल : रेल परियोजना को लेकर विपक्ष ने किया सरकार का विरोध, पुलिस से झड़प

केरल सरकार की प्रस्तावित सेमी हाई-स्पीड रेलवे परियोजना के अलावा के-रेल योजना को लेकर कई स्थानों पर विपक्षी दलों के नेताओं ने परियोजना के लिए रखे पत्थरों को हटा दिया. इस वजह से कई जगह कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. वहीं सरकार ने कहा है कि उसने इसे अपने चुनावी घोषणा पत्र में इसका जिक्र किया था जिस आधार पर वह उसे पूरा कर रही है. पढ़िए पूरी खबर...

The opposition opposed the government regarding the rail project
रेल परियोजना को लेकर विपक्ष ने किया सरकार का विरोध
author img

By

Published : Mar 21, 2022, 10:27 PM IST

Updated : Mar 21, 2022, 10:59 PM IST

त्रिवेंद्रम: केरल सरकार की प्रस्तावित सेमी हाई-स्पीड रेलवे परियोजना के अलावा के-रेल योजना विवाद में फंसती दिख रही है. वहीं विपक्षी दलों ने परियोजना के लिए रखे सर्वेक्षण पत्थरों को हटा दिया है, जिससे कई जगहों पर कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई है. दूसरी तरफ सरकार व्यापक आंदोलन को राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज कर रही है. जबकि विपक्षी दल का आरोप है कि सरकार एक ऐसी परियोजना को आगे बढ़ा रही है जिसका जनता विरोध कर रही है.

केरल रेल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (के-रेल), केरल सरकार और रेल मंत्रालय, भारत सरकार के एक संयुक्त उद्यम द्वारा कार्यान्वित सिल्वरलाइन परियोजना में राजधानी तिरुवनंतपुरम को जोड़ने वाली 529.45 किमी सेमी-हाईस्पीड रेल लाइन की योजना है. इस लाइन के बन जाने से यात्री को कासरगोड से तिरुवनंतपुरम तक पहुंचने में 4 घंटे से भी कम समय लगेगा. यह परियोजना, वर्तमान एलडीएफ सरकार के चुनावी घोषणा पत्र में सूचीबद्ध कई परियोजनाओं में से एक है. इसे मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की एक प्रमुख परियोजना के रूप में देखा जाता है. वहीं मुख्यमंत्री राज्य में इसको लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों से इतर दोहराया है कि उनकी सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में जो कुछ भी कहा था, उसे लागू करेगी.

देखें वीडियो.

इसीक्रम में विवादास्पद परियोजना पर विधानसभा में एक बहस के दौरान सत्तारूढ़ दल ने कहा है कि केरल के लोगों ने उन्हें जनादेश दिया था और यह अच्छी तरह से समझते हुए कि अपने चुनावी घोषणा पत्र में हमने क्या प्रस्ताव रखा था. दूसरी तरफ कांग्रेस और भाजपा के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने इस परियोजना के पीछे मुख्य मकसद भ्रष्टाचार को बताया है. परियोजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की अगुवाई कर रही कांग्रेस का आरोप है कि यह परियोजना राज्य को दो भागों में बांट देगी साथ ही पर्यावरणीय क्षति के अलावा हजारों लोग विस्थापित हो जाएंगे. वहीं केरल सरकार ने परियोजना के लिए अधिग्रहण की जाने वाली संपत्तियों के लिए बाजार मूल्य से दो गुना की घोषणा की थी और दावा किया था कि प्रस्तावित परियोजना मार्ग के लिए कोई भी क्षेत्र पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील या संरक्षित क्षेत्रों के अंतर्गत नहीं आता है.

ये भी पढ़ें - छत्तीसगढ़: सुरक्षा घेरा तोड़ सीएम हाउस के मुख्य गेट तक पहुंचे प्रदर्शनकारी

इतना ही नहीं सरकार इस परियोजना को राज्य में पर्यटन क्षेत्र के लिए बढ़ावा देने के रूप में पेश कर रही है क्योंकि यह केरल में विभिन्न पर्यटन केंद्रों को तेज और अधिक आरामदायक यात्रा से जोड़ सकती है. केरल में वर्तमान में 1000 की आबादी पर 443 कारें हैं जो कई विकसित देशों की तुलना में काफी अधिक है. सरकार का कहना है कि केरल में सड़कों को चौड़ा करने की सीमित गुंजाइश पहले से ही बंद है. वहीं केरल का वर्तमान रेलवे नेटवर्क में कई वजहों से केवल 53 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से ट्रेन चलाई जा सकती है.एलडीएफ में अग्रणी पार्टी सीपीएम ने कांग्रेस पर विकास परियोजनाओं को रोकने का आरोप लगाया.

सीपीएम के राज्य सचिव कोडियेरी बालकृष्णन ने कहा कि विरोध राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने कहा, इसी तरह की परियोजनाएं 8 अन्य भारतीय राज्यों में संचालित की जा रही हैं और कांग्रेस को इनमें से किसी भी राज्य में इन परियोजनाओं से कोई समस्या नहीं है. यहां वे परियोजना के बारे में लोगों को गुमराह कर रहे हैं और उन्हें विरोध के लिए प्रेरित कर रहे हैं.फिलहाल लोगों के विरोध के चलते सरकार को कई क्षेत्रों में सर्वेक्षण पत्थरों को रखने के काम को स्थगित करना पड़ा. वहीं विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा है कि कांग्रेस नेता पत्थर हटाकर जेल जाएंगे. उन्होंने आरोप लगाय कि पुलिस की निगरानी में पत्थरबाजी की जा रही है और कई जगहों पर पत्थर लगाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग किया.

त्रिवेंद्रम: केरल सरकार की प्रस्तावित सेमी हाई-स्पीड रेलवे परियोजना के अलावा के-रेल योजना विवाद में फंसती दिख रही है. वहीं विपक्षी दलों ने परियोजना के लिए रखे सर्वेक्षण पत्थरों को हटा दिया है, जिससे कई जगहों पर कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई है. दूसरी तरफ सरकार व्यापक आंदोलन को राजनीति से प्रेरित बताकर खारिज कर रही है. जबकि विपक्षी दल का आरोप है कि सरकार एक ऐसी परियोजना को आगे बढ़ा रही है जिसका जनता विरोध कर रही है.

केरल रेल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (के-रेल), केरल सरकार और रेल मंत्रालय, भारत सरकार के एक संयुक्त उद्यम द्वारा कार्यान्वित सिल्वरलाइन परियोजना में राजधानी तिरुवनंतपुरम को जोड़ने वाली 529.45 किमी सेमी-हाईस्पीड रेल लाइन की योजना है. इस लाइन के बन जाने से यात्री को कासरगोड से तिरुवनंतपुरम तक पहुंचने में 4 घंटे से भी कम समय लगेगा. यह परियोजना, वर्तमान एलडीएफ सरकार के चुनावी घोषणा पत्र में सूचीबद्ध कई परियोजनाओं में से एक है. इसे मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की एक प्रमुख परियोजना के रूप में देखा जाता है. वहीं मुख्यमंत्री राज्य में इसको लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों से इतर दोहराया है कि उनकी सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में जो कुछ भी कहा था, उसे लागू करेगी.

देखें वीडियो.

इसीक्रम में विवादास्पद परियोजना पर विधानसभा में एक बहस के दौरान सत्तारूढ़ दल ने कहा है कि केरल के लोगों ने उन्हें जनादेश दिया था और यह अच्छी तरह से समझते हुए कि अपने चुनावी घोषणा पत्र में हमने क्या प्रस्ताव रखा था. दूसरी तरफ कांग्रेस और भाजपा के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने इस परियोजना के पीछे मुख्य मकसद भ्रष्टाचार को बताया है. परियोजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों की अगुवाई कर रही कांग्रेस का आरोप है कि यह परियोजना राज्य को दो भागों में बांट देगी साथ ही पर्यावरणीय क्षति के अलावा हजारों लोग विस्थापित हो जाएंगे. वहीं केरल सरकार ने परियोजना के लिए अधिग्रहण की जाने वाली संपत्तियों के लिए बाजार मूल्य से दो गुना की घोषणा की थी और दावा किया था कि प्रस्तावित परियोजना मार्ग के लिए कोई भी क्षेत्र पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील या संरक्षित क्षेत्रों के अंतर्गत नहीं आता है.

ये भी पढ़ें - छत्तीसगढ़: सुरक्षा घेरा तोड़ सीएम हाउस के मुख्य गेट तक पहुंचे प्रदर्शनकारी

इतना ही नहीं सरकार इस परियोजना को राज्य में पर्यटन क्षेत्र के लिए बढ़ावा देने के रूप में पेश कर रही है क्योंकि यह केरल में विभिन्न पर्यटन केंद्रों को तेज और अधिक आरामदायक यात्रा से जोड़ सकती है. केरल में वर्तमान में 1000 की आबादी पर 443 कारें हैं जो कई विकसित देशों की तुलना में काफी अधिक है. सरकार का कहना है कि केरल में सड़कों को चौड़ा करने की सीमित गुंजाइश पहले से ही बंद है. वहीं केरल का वर्तमान रेलवे नेटवर्क में कई वजहों से केवल 53 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से ट्रेन चलाई जा सकती है.एलडीएफ में अग्रणी पार्टी सीपीएम ने कांग्रेस पर विकास परियोजनाओं को रोकने का आरोप लगाया.

सीपीएम के राज्य सचिव कोडियेरी बालकृष्णन ने कहा कि विरोध राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने कहा, इसी तरह की परियोजनाएं 8 अन्य भारतीय राज्यों में संचालित की जा रही हैं और कांग्रेस को इनमें से किसी भी राज्य में इन परियोजनाओं से कोई समस्या नहीं है. यहां वे परियोजना के बारे में लोगों को गुमराह कर रहे हैं और उन्हें विरोध के लिए प्रेरित कर रहे हैं.फिलहाल लोगों के विरोध के चलते सरकार को कई क्षेत्रों में सर्वेक्षण पत्थरों को रखने के काम को स्थगित करना पड़ा. वहीं विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने कहा है कि कांग्रेस नेता पत्थर हटाकर जेल जाएंगे. उन्होंने आरोप लगाय कि पुलिस की निगरानी में पत्थरबाजी की जा रही है और कई जगहों पर पत्थर लगाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग किया.

Last Updated : Mar 21, 2022, 10:59 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.