तिरुवनन्तपुरम : केरल के लोकायुक्त ने शुक्रवार को 2020 में कोविड अवधि के दौरान की गई खरीदारी में शिकायतों (Kerala PPE kit scam) की प्रारंभिक जांच करने के बाद राज्य की तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री के. के. शैलजा समेत 12 अन्य लोगों से आज जवाब तलब किया है. भ्रष्टाचार विरोधी निकाय ने आठ दिसंबर को हाजिर होने के लिए नोटिस जारी किया है. कांग्रेस नेता वीना एस. नायर द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद यह घटनाक्रम आया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि कोविड काल के दौरान विशेष रूप से पीपीई किट 1,500 रुपये प्रति यूनिट की कीमत पर खरीदे गए, जो बाजार में कीमत की तुलना में काफी अधिक था.
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This is after a complaint was filed by Congress leader Veena S Nair that many items have been purchased at an exorbitant rate.
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— ANI (@ANI) October 18, 2022This is after a complaint was filed by Congress leader Veena S Nair that many items have been purchased at an exorbitant rate.
— ANI (@ANI) October 18, 2022
दरअसल, सबसे पहले एक स्थानीय भाषा का टीवी चैनल ने पीपीई किट की खरीद में भ्रष्टाचार (Kerala PPE kit corruption) का मामला उठाया था. जब कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष ने इस मुद्दे को विधानसभा के पटल पर उठाया, तो राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अपनी सरकार का बचाव किया और विपक्ष के आरोपों को राजनीतिक मुद्दा बताते हुए खारिज कर दिया.
लेकिन मीडिया तब सूचना के अधिकार के जवाब के साथ सामने आया और यह पता चला कि उसे दिए गए जवाब मेल नहीं खाते, जिसके बाद शिकायतकर्ताओं ने लोकायुक्त से शिकायत की. जिसने प्रारंभिक जांच की और फिर नोटिस भेजने का फैसला किया. संयोग से, कोविड के दौरान शैलजा ने राज्य में महामारी से निपटने के तरीके के लिए वाह वाही लूटी थी. लेकिन, जब विजयन दोबारा सत्ता में आए तो हर किसी को उम्मीद थी कि, शैलजा को फिर से कैबिनेट में जगह मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
शैलजा ने आरोपों का किया खंडन : पूर्व मंत्री के.के. शैलजा ने कोविड पीपीई किट खरीदने में अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह समय की जरूरत थी कि जान बचाने के लिए जल्दी से काम किया जाए और खरीदारी मुख्यमंत्री की मंजूरी से की गई. शैलजा की प्रतिक्रिया लोकायुक्त द्वारा कोविड की खरीद की जांच करने के बाद आई, उन्हें पूछताछ के संबंध में बुलाया गया.
पूर्व मंत्री ने कहा, "तब समय की जरूरत थी कि जल्दी से कार्रवाई की जाए. विजयन को इसके बारे में सूचित किया गया और उन्होंने खरीदारी को मंजूरी दे दी थी." उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है कि लोकायुक्त समझेंगे कि लोगों की जान बचाना समय की जरूरत है."
(आईएएनएस)