कन्नूर : केरल की राजनीति के दिग्गज ओमन चांडी ने मंगलवार को अंतिम सांसें ली. कन्नूर की यादों में वे कड़वे अनुभव भी शामिल हैं जिनका सामना उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए किया था. कन्नूर में सीपीएम कार्यकर्ताओं के एक वर्ग का कहना है कि सौर घोटाले के दौरान तत्कालीन विपक्ष ने ओमन चांडी के साथ वह किया जो किसी भी राजनीतिक नेता के साथ नहीं किया जाना चाहिए था.
राज्य में सौर घोटाले की चर्चा तेज हो गई थी. ओमन चांडी उस समय मुख्यमंत्री थे. रविवार, 27 अक्टूबर 2013 की शाम सीपीएम के गढ़ कन्नूर में आयोजित केरल पुलिस एथलेटिक मीट के समापन समारोह का उद्घाटन किया. उस दिन उनके आगमन की जानकारी मिलते ही एलडीएफ का विरोध प्रदर्शन तेज हो गया. शाम करीब साढ़े पांच बजे सीपीएम कार्यकर्ताओं का एक समूह सड़क परिवहन कार्यालय के सामने उस स्थान पर पहुंचा. भीड़ ने ओमन चांडी के सुरक्षा कर्मियों को भी रोक दिया.
जैसे ही ओमन चांडी का काफिला आगे बढ़ा, सीपीएम कार्यकर्ताओं ने पथराव शुरू कर दिया. पथराव में ओमन चांडी की टोयोटा इनोवा कार की खिड़कियों का कांच टूट गया. कांच के टुकड़े उसके माथे पर लगे और खून बहने लगा. हालांकि, शुरुआती इलाज के बाद उन्होंने पब्लिक मीटिंग में हिस्सा लिया. पुलिस ने पूर्व विधायक केके नारायणन, सी कृष्णन और बीजू कंडाकई समेत 120 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. आखिरकार कोर्ट ने 110 आरोपियों को बरी कर दिया और तीन आरोपियों को दोषी करार दिया.
राजनेताओं के बीच एक अलग चेहरा: थालास्सेरी के मूल निवासी सीओटी नसीर, जो उस समय सीपीएम स्थानीय समिति के सदस्य थे, ओमन चांडी पर हमला करने के मामले में 18वें आरोपी हैं. हमले के महीनों बाद, ओमन चांडी से मिलने गए. नज़ीर के लिए, ओमन चांडी आज भगवान के समान व्यक्ति हैं. सीओटी नजीर का कहना है कि कन्नूर में ओमन चांडी के खिलाफ हुई हिंसा की घटनाएं जीवन में कभी नहीं भूली जाएंगी.
उन्होंने कहा कि मैं उस समय स्थानीय समिति का सदस्य था और विरोध कार्यक्रम में भाग लिया था. उन्होंने कहा कि ओमन चांडी सभी राजनीतिक नेताओं से अलग हैं. केरल की राजनीति में वह एक अलग व्यक्तित्व रहे. उनके साथ मेरा अनुभव अद्भुत रहा है. हमले के बाद जब कांग्रेस कार्यकर्ता उनसे मिले तो उन्होंने उनसे माफी मांगने को कहा. ओमन चांडी का सवाल था कि अगर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया तो माफी क्यों मांगें. उनका स्थान सभी राजनेताओं से अलग है.
ओमन चांडी का राजनीतिक चरित्र ऐसा है कि वह किसी भी चीज को बिना घृणा या द्वेष के अपना सकते हैं. बेंगलुरु में उनके इलाज के दौरान अक्सर उनसे मुलाकात होती थी. नज़ीर भावुक होकर कहते हैं कि ओमन चांडी के खिलाफ हिंसा मामले में अदालत के फैसले में दोषी पाए जाने के बाद भी ओमन चांडी के शब्दों ने उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.
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ओमन चांडी के ये शब्द भी याद रखने चाहिए कि अंतरात्मा की अदालत में हमारी जीत होनी चाहिए. हर चीज के प्रति उनका दृष्टिकोण सकारात्मक होता है. यहां तक कि जब सौर घोटाले का मामला सामने आया तो उन्होंने कहा कि मैं अपनी अंतरात्मा की अदालत में दोषी नहीं हूं. वास्तव में, यही वह ऊर्जा है जो जीवन में आगे की यात्रा के लिए प्रेरित करती है. सीओटी नजीर ओमन चांडी के अंतिम दर्शन करने आज पुथुपल्ली जा रहे हैं.