कोच्चि : केरल हाई कोर्ट ने मंगलवार को वैक्सिनेशन सर्टिफिकेट पर पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटाने की मांग को लेकर दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया. अदालत ने याचिका को राजनीति से प्रेरित और पब्लिसिटी का जरिया बताते हुए खारिज किया. हाई कोर्ट ने याचिका दायर करने वाले पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया.
न्यायमूर्ति पीवी कुन्हीकृष्णन ने याचिकाकर्ता पीटर मायलीपरम्पिल को डेढ़ महीने के भीतर जुर्माना की राशि जमा करने का आदेश दिया है. उन्हें यह राशि केरल राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (केएलएसए) में जमा करना होगा. अदालत ने केएलएसए को यह भी निर्देश दिया है कि अगर याचिकाकर्ता निर्धारित समय के भीतर रकम जमा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ वसूली की कार्रवाई की जाए. केरल हाई कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि अभी अदालतों में हजारों आपराधिक, दीवानी और वैवाहिक मामले पेंडिंग हैं, इस तरह की तुच्छ याचिका न्यायालय का समय बर्बाद करती है.
बता दें कि पीएम मोदी की तस्वीर को लेकर पहले भी अदालत कड़ी टिप्पणी कर चुकी थी. कोर्ट ने कहा था, "आपको अपने पीएम पर गर्व नहीं हो सकता है, हमें अपने पीएम पर गर्व है." कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा, 'आपको प्रधानमंत्री पर शर्म क्यों आती है?' वह लोगों के जनादेश के माध्यम से सत्ता में आए हैं, हमारे अलग-अलग राजनीतिक विचार हो सकते हैं, लेकिन वह अभी भी हमारे पीएम हैं.
इस पर याचिकाकर्ता ने तर्क दिया था कि प्रमाण पत्र एक निजी रिकॉर्ड है, जिसमें व्यक्तिगत विवरण है, इसलिए यह व्यक्ति की निजता में दखल देने जैसा है. उन्होंने तर्क दिया था कि प्रधानमंत्री की तस्वीर को प्रमाण पत्र में जोड़ना किसी व्यक्ति की निजता में हस्तक्षेप है. याचिकाकर्ता की दलील थी कि उनके टीकाकरण प्रमाणपत्र पर प्रधानमंत्री की तस्वीर मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. कोर्ट ने उनकी दलील को खारिज कर दिया.