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ईडी अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने के आदेश पर किया अदालत का रुख

केरल सरकार ने सोना तस्करी मामले में मुख्य आरोपी को मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन के खिलाफ बयान देने के लिए कथित तौर पर विवश करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के खिलाफ राज्य पुलिस द्वारा दर्ज दो प्राथमिकी को रद्द करने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ बुधवार को अपील दायर की.

ईडी
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Published : Jul 7, 2021, 9:27 PM IST

कोच्चि :राज्य सरकार ने कोच्चि जोन के ईडी के उप निदेशक पी राधाकृष्णन द्वारा दायर दो याचिकाओं पर एकल पीठ के 16 अप्रैल के फैसले के खिलाफ अपील दायर की.

याचिकाओं में सोना तस्करी मामले की आरोपी स्वप्ना सुरेश की कथित ऑडियो क्लिप के आधार पर अपराध शाखा द्वारा दर्ज दो प्राथमिकियों को चुनौती दी थी, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि उन्हें मामले में मुख्यमंत्री को फंसाने के लिए मजबूर किया गया और एक पत्र में भी ऐसा ही आरोप लगाया गया जो सह-आरोपी संदीप नायर के कथित तौर पर लिखा था.

एकल पीठ ने पुलिस द्वारा एकत्रित सबूतों की जांच के लिए तस्करी में रुपयों के लेनदेन का पता लगाने के लिए विशेष पीएमएलए अदालत को आदेश दिया था. प्राथमिकी को रद्द करते हुए अदालत ने कहा था कि एक आरोपी पहले ही विशेष पीएमएलए अदालत जा चुका है और उसने अपनी शिकायत का निवारण करने का अनुरोध किया कि ईडी अधिकारी सबूतों को गढ़ रहे थे.

प्राथमिकी में कहा गया है कि ईडी अधिकारियों ने 12 अगस्त और 13 अगस्त 2020 को सुरेश से पूछताछ करते हुए उसे सबूत को गढ़ने के लिए मुख्यमंत्री के खिलाफ झूठे बयान देने के लिए विवश किया गया.

इसे भी पढ़ें :विधानसभा हंगामा मामला : केरल सरकार ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

तिरुवनंतपुरम में संयुक्त अरब अमीरात वाणिज्य दूतावास की पूर्व कर्मचारी सुरेश 14.82 करोड़ रुपये के 30 किलोग्राम सोने की तस्करी मामले में मुख्य आरोपी है तथा गिरफ्तारी के बाद से न्यायिक हिरासत में हैं.
(पीटीआई-भाषा)

कोच्चि :राज्य सरकार ने कोच्चि जोन के ईडी के उप निदेशक पी राधाकृष्णन द्वारा दायर दो याचिकाओं पर एकल पीठ के 16 अप्रैल के फैसले के खिलाफ अपील दायर की.

याचिकाओं में सोना तस्करी मामले की आरोपी स्वप्ना सुरेश की कथित ऑडियो क्लिप के आधार पर अपराध शाखा द्वारा दर्ज दो प्राथमिकियों को चुनौती दी थी, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि उन्हें मामले में मुख्यमंत्री को फंसाने के लिए मजबूर किया गया और एक पत्र में भी ऐसा ही आरोप लगाया गया जो सह-आरोपी संदीप नायर के कथित तौर पर लिखा था.

एकल पीठ ने पुलिस द्वारा एकत्रित सबूतों की जांच के लिए तस्करी में रुपयों के लेनदेन का पता लगाने के लिए विशेष पीएमएलए अदालत को आदेश दिया था. प्राथमिकी को रद्द करते हुए अदालत ने कहा था कि एक आरोपी पहले ही विशेष पीएमएलए अदालत जा चुका है और उसने अपनी शिकायत का निवारण करने का अनुरोध किया कि ईडी अधिकारी सबूतों को गढ़ रहे थे.

प्राथमिकी में कहा गया है कि ईडी अधिकारियों ने 12 अगस्त और 13 अगस्त 2020 को सुरेश से पूछताछ करते हुए उसे सबूत को गढ़ने के लिए मुख्यमंत्री के खिलाफ झूठे बयान देने के लिए विवश किया गया.

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तिरुवनंतपुरम में संयुक्त अरब अमीरात वाणिज्य दूतावास की पूर्व कर्मचारी सुरेश 14.82 करोड़ रुपये के 30 किलोग्राम सोने की तस्करी मामले में मुख्य आरोपी है तथा गिरफ्तारी के बाद से न्यायिक हिरासत में हैं.
(पीटीआई-भाषा)

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