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केरल सरकार का फैसला, ESZ से बाहर रहेंगे रिहायशी इलाकों, कृषि भूमि

रिहायशी तथा कृषि क्षेत्रों के साथ ही सरकारी, गैर-सरकारी और सार्वजनिक संस्थानों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजेड) से बाहर रखने का केरल सरकार ने फैसला किया.

केरल सरकार
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Published : Jul 27, 2022, 7:51 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल सरकार ने बुधवार को रिहायशी तथा कृषि क्षेत्रों के साथ ही सरकारी, गैर-सरकारी और सार्वजनिक संस्थानों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजेड) के एक किलोमीटर के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, बुधवार को हुई मंत्रिमंडल बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया.

विज्ञप्ति के मुताबिक, केंद्र सरकार की एक मसौदा अधिसूचना के तहत प्राप्त आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल ने ऐसे क्षेत्रों, कृषि भूमि और विभिन्न सार्वजनिक संस्थानों को ईएसजेड से बाहर रखने के वन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी देने का फैसला किया, जिसमें राज्य के 23 वन्यजीव अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों के आसपास के आवासीय क्षेत्र शामिल हैं. वन एवं वन्यजीव विभाग के प्रस्ताव को केंद्र को भी भेजा गया है.

इस बीच, राज्य के वन मंत्री ए.के. ससींद्रन ने संवाददाताओं से कहा कि कैबिनेट के ताजा निर्णय के साथ ही ईएसजेड या बफर जोन के संबंध में पहले वाला फैसला निष्प्रभावी हो जाएगा. उन्होंने कहा कि वन एवं वन्यजीव विभाग को उच्चतम न्यायालय का रुख करने समेत मामले को आगे ले जाने की जिम्मेदारी दी गई है. मंत्री ने कहा कि इस बारे में महाधिवक्ता के साथ चर्चा की जाएगी. उच्चतम न्यायालय ने तीन जून को सभी वन्यजीव अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों के आसपास एक किलोमीटर क्षेत्र को ईएसजेड बनाने का फैसला सुनाया था, जिसे आमतौर पर दशकों से दक्षिणी राज्य के ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के सामान्य जीवन को प्रभावित करने वाला माना जाता है.

(पीटीआई-भाषा)

तिरुवनंतपुरम : केरल सरकार ने बुधवार को रिहायशी तथा कृषि क्षेत्रों के साथ ही सरकारी, गैर-सरकारी और सार्वजनिक संस्थानों को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजेड) के एक किलोमीटर के दायरे से बाहर रखने का फैसला किया. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) की ओर से जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, बुधवार को हुई मंत्रिमंडल बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया.

विज्ञप्ति के मुताबिक, केंद्र सरकार की एक मसौदा अधिसूचना के तहत प्राप्त आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल ने ऐसे क्षेत्रों, कृषि भूमि और विभिन्न सार्वजनिक संस्थानों को ईएसजेड से बाहर रखने के वन विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी देने का फैसला किया, जिसमें राज्य के 23 वन्यजीव अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों के आसपास के आवासीय क्षेत्र शामिल हैं. वन एवं वन्यजीव विभाग के प्रस्ताव को केंद्र को भी भेजा गया है.

इस बीच, राज्य के वन मंत्री ए.के. ससींद्रन ने संवाददाताओं से कहा कि कैबिनेट के ताजा निर्णय के साथ ही ईएसजेड या बफर जोन के संबंध में पहले वाला फैसला निष्प्रभावी हो जाएगा. उन्होंने कहा कि वन एवं वन्यजीव विभाग को उच्चतम न्यायालय का रुख करने समेत मामले को आगे ले जाने की जिम्मेदारी दी गई है. मंत्री ने कहा कि इस बारे में महाधिवक्ता के साथ चर्चा की जाएगी. उच्चतम न्यायालय ने तीन जून को सभी वन्यजीव अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों के आसपास एक किलोमीटर क्षेत्र को ईएसजेड बनाने का फैसला सुनाया था, जिसे आमतौर पर दशकों से दक्षिणी राज्य के ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के सामान्य जीवन को प्रभावित करने वाला माना जाता है.

(पीटीआई-भाषा)

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