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केरल की वामपंथी सरकार निरंकुश और संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करने वाली : राज्यपाल खान

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Kerala Governor Arif Mohammed Khan) ने प्रदेश की सरकार को निरंकुश बताया. उन्होंने उक्त बाते मीडिया से बातचीत में कहीं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संवैधानिक प्रावधानों का भी उल्लंघन कर रही है. Kerala Governor Arif Mohammed Khan, kerala governor, arif mohammed khan

Kerala Governor Arif Mohammed Khan
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान
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By PTI

Published : Nov 5, 2023, 8:50 PM IST

तिरुवनंतपुरम : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Kerala Governor Arif Mohammed Khan) ने रविवार को राज्य की वामपंथी सरकार पर निशाना साधते हुए उसे निरंकुश और संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करने वाली करार दिया. राज्य सरकार ने राज्यपाल द्वारा कुछ विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं किए जाने को लेकर उच्चतम न्यायालय का रुख किया है.

खान ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार केरल उच्च न्यायालय के समक्ष खराब वित्तीय स्थिति होने का दावा करने के बाद धन का अपव्यय कर रही है. उन्होंने कहा, 'सरकार उच्च न्यायालय जाती है और कहती है कि खराब स्थिति है लेकिन हम उत्सव, बेतुके काम में संलिप्त रहेंगे और धन का अपव्यय करेंगे.' खान ने आरोप लगाया, 'आप निजी इस्तेमाल के लिए स्विमिंग पूल बना रहे हैं, लेकिन आप लोगों को पेंशन नहीं दे पा रहे हैं जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी राज्य की सेवा में लगा दी.'

पत्रकारों द्वारा केरल विधानसभा की ओर से पारित कुछ विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करने के संबंध में सवाल करने पर, खान ने पूछा कि क्या प्रत्येक विश्वविद्यालय में अलग-अलग कुलपतियों की नियुक्ति से जुड़े विधेयक पर कुछ खर्च आएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कुलपतियों की नियुक्ति की जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों पर डाल रही है, लेकिन इन संस्थानों को धन राज्य और केंद्र से मिलता है.

उन्होंने दावा किया कि प्रत्येक विधेयक जिसमें व्यय का प्रावधान हो 'धन विधेयक बन जाता है और उसे राज्यपाल की मंजूरी के बिना विधानसभा में पेश नहीं किया जा सकता है.' राज्य के उद्योग मंत्री पी.राजीव ने राज्यपाल के दावे का खंडन किया. उन्होंने कहा कि केरल विधानसभा का अध्यक्ष तय करेगा कि कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं. राजीव ने कहा, 'यह (कुलपतियों की नियुक्ति संबंधी) कतई धन विधेयक नहीं है.'

मंत्री ने कहा कि विधायिका द्वारा पारित विधेयक को अनिश्चितकाल के लिए रोका नहीं जा सकता और राज्यपाल को अपनी चिंताओं को रेखांकित करते हुए उसे विधानसभा को लौटाना चाहिए. खान से जब पूछा गया कि विधेयकों पर उनके द्वारा हस्ताक्षर नहीं करने को लेकर राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया है तो उन्होंने कहा कि वह शीर्ष अदालत से नोटिस मिलने पर उसका जवाब देंगे न कि मीडिया में.

सरकार ने कुछ दिन पहले कहा था कि उसने खान द्वारा राज्य विधानसभा की ओर से पारित कुछ विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है क्योंकि वह अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहे थे. खान ने जिन विधेयकों पर सहमति रोक रखी है उनमें लोकायुक्त संशोधन विधेयक और दो अलग-अलग विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक शामिल हैं.

ये भी पढ़ें - विधेयकों पर निष्क्रियता का आरोप, केरल सरकार ने राज्यपाल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया

तिरुवनंतपुरम : केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Kerala Governor Arif Mohammed Khan) ने रविवार को राज्य की वामपंथी सरकार पर निशाना साधते हुए उसे निरंकुश और संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करने वाली करार दिया. राज्य सरकार ने राज्यपाल द्वारा कुछ विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं किए जाने को लेकर उच्चतम न्यायालय का रुख किया है.

खान ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार केरल उच्च न्यायालय के समक्ष खराब वित्तीय स्थिति होने का दावा करने के बाद धन का अपव्यय कर रही है. उन्होंने कहा, 'सरकार उच्च न्यायालय जाती है और कहती है कि खराब स्थिति है लेकिन हम उत्सव, बेतुके काम में संलिप्त रहेंगे और धन का अपव्यय करेंगे.' खान ने आरोप लगाया, 'आप निजी इस्तेमाल के लिए स्विमिंग पूल बना रहे हैं, लेकिन आप लोगों को पेंशन नहीं दे पा रहे हैं जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी राज्य की सेवा में लगा दी.'

पत्रकारों द्वारा केरल विधानसभा की ओर से पारित कुछ विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करने के संबंध में सवाल करने पर, खान ने पूछा कि क्या प्रत्येक विश्वविद्यालय में अलग-अलग कुलपतियों की नियुक्ति से जुड़े विधेयक पर कुछ खर्च आएगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कुलपतियों की नियुक्ति की जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों पर डाल रही है, लेकिन इन संस्थानों को धन राज्य और केंद्र से मिलता है.

उन्होंने दावा किया कि प्रत्येक विधेयक जिसमें व्यय का प्रावधान हो 'धन विधेयक बन जाता है और उसे राज्यपाल की मंजूरी के बिना विधानसभा में पेश नहीं किया जा सकता है.' राज्य के उद्योग मंत्री पी.राजीव ने राज्यपाल के दावे का खंडन किया. उन्होंने कहा कि केरल विधानसभा का अध्यक्ष तय करेगा कि कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं. राजीव ने कहा, 'यह (कुलपतियों की नियुक्ति संबंधी) कतई धन विधेयक नहीं है.'

मंत्री ने कहा कि विधायिका द्वारा पारित विधेयक को अनिश्चितकाल के लिए रोका नहीं जा सकता और राज्यपाल को अपनी चिंताओं को रेखांकित करते हुए उसे विधानसभा को लौटाना चाहिए. खान से जब पूछा गया कि विधेयकों पर उनके द्वारा हस्ताक्षर नहीं करने को लेकर राज्य सरकार ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया है तो उन्होंने कहा कि वह शीर्ष अदालत से नोटिस मिलने पर उसका जवाब देंगे न कि मीडिया में.

सरकार ने कुछ दिन पहले कहा था कि उसने खान द्वारा राज्य विधानसभा की ओर से पारित कुछ विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं करने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया है क्योंकि वह अपने संवैधानिक कर्तव्यों का निर्वहन नहीं कर रहे थे. खान ने जिन विधेयकों पर सहमति रोक रखी है उनमें लोकायुक्त संशोधन विधेयक और दो अलग-अलग विश्वविद्यालय कानून संशोधन विधेयक शामिल हैं.

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