रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम की यात्रा मौसम खुलते ही फिर से शुरू हो गई. आज सुबह सोनप्रयाग से तीन हजार से ज्यादा यात्री केदारनाथ धाम भेजे गए. मौसम की तमाम दुश्वारियों के बीच भी केदारनाथ धाम में यात्रियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है. वहीं, दूसरी ओर केदारनाथ धाम पहुंच रहे कांवड़ियों का कहना है कि वो गंगोत्री से गंगाजल लेकर केदारनाथ पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें जल चढ़ाने से वंचित रखा जा रहा है. उधर, रुद्रप्रयाग के औंण गांव में पहाड़ी से बोल्डर गिर रहे हैं, जिससे कई परिवारों में गांव छोड़ दिया है.
बता दें कि पहाड़ों में लगातार भारी बारिश जारी है. जगह-जगह पहाड़ियां दरक रही हैं और यात्री जहां-जहां फंस रहे हैं, बावजूद इसके केदारनाथ यात्रा जारी है. बाबा केदार के भक्त तमाम चुनौतियों को पार करते हुए सावन महीने में केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं. मंगलवार को भारी बारिश होने पर केदारनाथ धाम की यात्रा को रोक दिया गया था, लेकिन बुधवार को मौसम साफ होने पर एक बार फिर यात्रा शुरू हो गई है. सुबह के समय सोनप्रयाग से 3 हजार से ज्यादा यात्रियों को केदारनाथ धाम भेजा गया.
केदारनाथ धाम में भी बाबा केदार के दर्शनों के लिए लंबी लाइन लग रही है. कांवड़ यात्रियों की भीड़ बढ़ने की वजह से सुबह 4 बजे से ही मंदिर समिति दर्शन करवा रही है. भक्तों को इन दिनों मंदिर के गर्भगृह में जाने का मौका भी दिया जा रहा है. कुछ कांवड़ यात्री शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें जल चढ़ाने नहीं दिया जा रहा है. वो दूर-दराज क्षेत्रों से आ रहे हैं. वहीं, मंदिर समिति का कहना है कि सभी को जल चढ़ाने दिया जा रहा है. बारिश में किसी समय अव्यवस्था हो रही है, लेकिन जल चढ़ाने से किसी को नहीं रोका जा रहा है.
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वहीं, धाम पहुंचे कांवड़ यात्रियों ने बताया कि वो गंगोत्री से गंगाजल लेकर केदारनाथ आए हैं, लेकिन उन्हें जल चढ़ाने से वंचित रखा जा रहा है. वो बड़ी आस्था से केदारनाथ पहुंचे हैं, लेकिन उन्हें जल नहीं चढ़ाने दिया जा रहा है. धाम की यात्रा करके यात्री बता रहे हैं कि पैदल यात्रा मार्ग पर ज्यादा परेशानियां नहीं हैं. कई स्थानों पर थोड़ी दिक्कत हो रही हैं, लेकिन रास्ता ठीक हैं.
औंण गांव में पहाड़ी से गिर रहे बोल्डर, ग्रामीणों ने खाली किया घरः रुद्रप्रयाग के औंण गांव में आपदा जैसे हालात हो गए हैं. आपदा के डर से ग्रामीणों ने गांव खाली करना शुरू कर दिया है. पांच से ज्यादा परिवार अपना सामान समेट कर सुरक्षित स्थानों की ओर चले गए हैं. गांव में बचे हुए परिवार भी पलायन की तैयारी कर रहे हैं. गांव के पीछे की पहाड़ी से लगातार बोल्डर गिर रहे हैं. जिस कारण गांव को खतरा पैदा हो गया है.
ग्रामीण दहशत में अपने दिन काट रहे हैं. ग्रामीणों के सामने ये भी दिक्कत हो गई है कि वो जाएं तो जाएं कहां? फिलहाल, ग्रामीण खुद के खर्चे से बाजार में किराए के कमरों में शरण ले रहे हैं. दरअसल, दो दिन पहले औंण गांव के पीछे की पहाड़ी से भारी भरकम बोल्डर आ गया था. बोल्डर गिरने से ग्रामीणों के खेत खलिहानों के अलावा एक आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हो गया था. बोल्डर ने एक घर की पीछे की दीवार को पूरी तरह से तबाह कर दिया था.
घटना की सूचना मिलने के बाद प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची थी और प्रभावित परिवार को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया था. लगातार हो रही तेज बारिश के कारण गांव को खतरा पैदा हो गया है. खतरे को भांपते हुए पहले ही ग्रामीण अब अपने पैतृक घर खाली करने लग गए हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के ठीक नीचे ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन की टनल का निर्माण हो रहा है. टनल निर्माण के दौरान विस्फोट होने से उनके घरों में दरारें पड़ रही हैं और पीछे की पहाड़ी से बड़े-बड़े बोल्डर गिर रहे हैं.
एक ओर टनल निर्माण तो वहीं लगातार तेज बारिश होने से उनकी परेशानी बढ़ गई हैं. गांव में रहना अब खतरे से खाली नहीं है. गांव में 10 से ज्यादा परिवार निवास करते हैं, लेकिन सबके लिए खतरा बना हुआ है. वो अपने पैतृक मकान नहीं छोड़ना चाहते हैं, लेकिन मजबूरी में उन्हें यह कदम उठाने पड़ रहे हैं, उनका सब कुछ यही है.
दहशत में गुजर रही ग्रामीणों की रातेंः वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि उनकी रात में दहशत में गुजरती है. वो सो नहीं पा रहे हैं. गांव छोड़ने के अलावा उनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं है. गांव छोड़ के भी वो कहां जाएंगे? बाजार में लोगों से शरण मांगी जा रही है. गांव पूरे सामान के साथ गांव से पलायन कर रहे हैं.