छत्रपति संभाजीनगर: महाराष्ट्र सरकार लोगों को पीने का पानी क्यों नहीं मुहैया कराती? लोग सोना-चांदी नहीं बल्कि पीने का पानी मांग रहे हैं. ऐसे में भारत को बदलने की जरूरत है. बेरोजगारी चरम पर है, लाखों उद्योग बंद हो रहे हैं, लाखों मजदूर सड़कों पर हैं, दूसरी तरफ राज्य में धार्मिक उन्माद है. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने सोमवार को छत्रपति संभाजीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विभिन्न मुद्दों पर राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार की आलोचना की है. इस मौके पर उन्होंने देश में परिवर्तन का आह्वान किया. उन्होंने महाराष्ट्र के किसानों से अपने राज्य में कृषक समुदाय की सरकार बनाने का आह्वान किया. उन्होंने अपने संबोधन के दौरान 'अबकी बार किसान सरकार' का नारा दिया.
केसीआर ने आरोप लगाते हुए कहा कि अमीर दिन पर दिन अमीर होते जा रहे हैं, जबकि गरीब और गरीब होते जा रहे हैं. प्रतिदिन कई किसान आत्महत्या कर रहे हैं. उन्होंने इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों को जिम्मेदार ठहराया. तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने आश्वासन देते हुए कहा, 'हम हर घर में पानी पहुंचाएंगे. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के नागरिकों को पीने का पानी नहीं मिलता, इतनी नदियों के होने से क्या फायदा. वहीं, मुंबई वित्तीय राजधानी है. बावजूद इसके पेयजल की कोई सुविधा नहीं है. हम चांद-तारे नहीं, सिर्फ पानी मांग रहे हैं. महाराष्ट्र में बीआरएस सरकार लाओ, हम राज्य के हर घर में पीने का पानी मुहैया कराएंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में जातिवाद और दंगे बढ़े हैं. युवकों के लिए रोजगार नहीं है. उद्योग-धंधे बंद हो रहे हैं. देश में जातिवाद और संघर्ष बढ़ रहा है. यह झूठ नहीं बल्कि कड़वा सच है. इसे बदलने की जरूरत है. उन्होंने किसानों से 'तेलंगाना मॉडल' अपनाने का आह्वान किया. बीआरएस पार्टी बनने के बाद महाराष्ट्र में उनका यह तीसरा संबोधन था.
केसीआर ने किसानों से जिला परिषद चुनावों में बीआरएस को समर्थन देकर जिताने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि हम महाराष्ट्र में प्रशासन का तेलंगाना मॉडल लाना चाहते हैं. किसानों की समस्या पर उन्होंने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि किसानों को दिल्ली में 13 महीने तक आंदोलन चलाना पड़ा था. इसके बाद पीएम मोदी ने खेद जताया और किसानों को आश्वासन दिया, लेकिन इसका परिणाम कुछ सामने नहीं आया.' उन्होंने देश में परिवर्तन के लिए सोच में बदलाव पर जोर दिया.