श्रीनगर: भारत इस साल दिसंबर में जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करेगा. 2023 में यह अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन जम्मू-कश्मीर में होने की संभावना है. पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में G20 बैठकें आयोजित करने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इस तरह की अंतर्राष्ट्रीय गतिविधि 'जम्मू और कश्मीर के विवादित क्षेत्र' में नहीं हो सकती. जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने G20 की बैठकों में कहा कि यह जम्मू-कश्मीर के लिए गर्व की बात है. घाटी में राजनीतिक दलों ने बैठक पर मिली-जुली प्रतिक्रिया दी है.
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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मंत्री गुलाम हसन मीर ने ईटीवी भारत को बताया कि इस तरह की बैठक आयोजित करने से जम्मू-कश्मीर की प्रतिष्ठा बढ़ेगी. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर दुनिया में हिंसा के लिए जाना जाता है और इस तरह की अंतरराष्ट्रीय बैठक से जम्मू-कश्मीर की प्रतिष्ठा बढ़ेगी. इस बीच, पीडीपी प्रवक्ता साकिब मदनी ने ईटीवी भारत को बताया कि सरकार खुद स्वीकार कर रही है कि कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति बिगड़ रही है जिसके कारण जम्मू-कश्मीर में जीएसटी परिषद की बैठक नहीं करने का फैसला किया गया. उन्होंने कहा कि इसके बाद भी G20 की बैठक सिर्फ एक पीआर अभ्यास है.
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इस बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने G20 शिखर सम्मेलन आयोजित करने पर चर्चा करने से इनकार कर दिया. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता इमरान नबी डार ने कहा कि वह केंद्र के नीतिगत मुद्दों पर चर्चा नहीं करेंगे. गौरतलब है कि धारा 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू-कश्मीर में होने वाली यह पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठक होगी. प्रमुख सचिव, आवास एवं शहरी विकास मंत्री ने कहा कि बैठक आयोजित करने के लिए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पांच सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है.