जम्मू : जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में शनिवार को आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट की गोली मारकर हत्या कर दी. घटना से जम्मू कश्मीर में रोष है. कई जगह पर विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं. देर रात पूरन कृष्ण भट का पार्थिव शरीर जम्मू स्थित आवास पर लाया गया (Kashmiri Pandit Puran Krishan Bhat body). यहां परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था.
भट की पत्नी और बच्चे सदमे की स्थिति में थे जिन्हें वहां पहुंचे रिश्तेदार और पड़ोसी सांत्वना दे रहे थे. भट के एक रिश्तेदार ने कहा 'उनके निधन की खबर हमारे लिए सदमे की तरह आई. वे जानवर हैं जो घाटी में किसी भी भारतीय राष्ट्रवादी को नहीं चाहते हैं. सरकार को ऐसी हत्याओं को रोकने के लिए कुछ करना चाहिए. उसने किसी का क्या बिगाड़ा था?'
भट ने कथित तौर पर 2020 में कोविड-19 के प्रकोप के बाद अपनी पत्नी और दो बच्चों - पांचवीं कक्षा में पढ़ने वाला एक बेटा और सातवीं कक्षा में एक बेटी को जम्मू शिफ्ट कर दिया था. इससे पहले, वे सभी शोपियां में रह रहे थे.
सांत्वना देने पहुंचे आला अधिकारी : संभागीय आयुक्त जम्मू, रमेश कुमार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जम्मू क्षेत्र मुकेश सिंह, उपायुक्त जम्मू अवनी लवासा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी परिवार के साथ संवेदना व्यक्त करने के लिए भट के आवास पर पहुंचे. कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि परिवार को हर संभव सहायता मुहैया कराई जाएगी.
'कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा देने में नाकाम है मोदी सरकार': वहीं, कांग्रेस ने पूरन कृष्ण भट की हत्या को लेकर आरोप लगाया है कि नरेंद्र मोदी सरकार कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा देने में विफल रही है. पार्टी ने ट्वीट किया, 'बेहद दुखद! जम्मू-कश्मीर में एक और कश्मीरी पंडित पूरन कृष्ण भट की हत्या कर दी गई. कश्मीरी पंडितों की हत्या का सिलसिला रुक नहीं रहा है और मोदी सरकार उनको सुरक्षा देने में नाकाम है.' कांग्रेस ने कहा, 'खबर ये भी है कि प्रशासन परिवार पर जल्दी अंतिम संस्कार करने का दबाव बना रहा है.शर्मनाक!'
राजनीतिक पार्टियों ने की घटना की निंदा : भट की हत्या पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (JKPCC) के कार्यकारी अध्यक्ष रामबन भल्ला ने इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय की गंभीर विफलता के रूप में कहा.पार्टी ने एक बयान में कहा कि यह दर्शाता है कि केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन के सामान्य स्थिति के दावों के विपरीत, कश्मीर में स्थिति बहुत गंभीर है. आम आदमी पार्टी (आप) ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि कश्मीर में खूनखराबा जारी है और भाजपा सरकार के साथ-साथ एलजी प्रशासन संख्यात्मक आंकड़ों के माध्यम से सामान्य स्थिति के दावों को फैलाने में व्यस्त है. आप के राज्य प्रवक्ता नवाब नासिर ने एक बयान में कहा कि हालात किसी भी संदर्भ में ठीक नहीं हैं क्योंकि लोग अपने लॉन और बागों में भी सुरक्षित नहीं हैं जहां बंदूकधारी कहीं से भी दिखाई देते हैं, गोलियों की बौछार करते हैं, निर्दोष मानव जीवन लेते हैं और फिर घटनास्थल से भाग जाते हैं. उन्होंने कहा कि जाति, रंग, पंथ और धर्म के बावजूद हर एक मानव जीवन का नुकसान दर्दनाक है और समाज को अमानवीय कृत्य की निंदा करने के लिए इसके खिलाफ खड़ा होना चाहिए.
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