जम्मू: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के शुक्रवार को जम्मू क्षेत्र के दौरे से पहले कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. धरने पर बैठे कर्मचारी अपने स्थानांतरण की अपनी मांग को लेकर उपराज्यपाल से मिलने की मांग की. आतंकवादियों द्वारा अपने एक साथी की हत्या के बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारी 249 दिनों बाद एक बार फिर से धरना प्रदर्शन किया.
शाह आतंकवादी हमलों के पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से मिलने के लिए शुक्रवार को राजौरी जिले का दौरा करने वाले हैं. उनका सुबह राजौरी पहुंचने का कार्यक्रम है और वह सीधे डागरी गांव जाएंगे. अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार को शाह के जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के दौरे से पहले बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
उन्होंने कहा कि जिले की डांगरी बस्ती में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सड़कों की मरम्मत की गई है और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. कर्मचारियों के साथ अपनी एकजुटता दिखाने के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने कश्मीरी पंडित कर्मचारियों से मिले. एक प्रदर्शनकारी ने ईटीवी भारत को बताया, 'हम मांग कर रहे हैं कि सेलेक्टिव और टारगेट किलिंग के मद्देनजर कर्मचारियों को कश्मीर से स्थानांतरित किया जाना चाहिए. इस मामले को सरकार के समक्ष उठाने के लिए, हम एलजी के साथ बैठक के लिए लिखित आश्वासन मांग रहे हैं.'
शाह जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारियों से भी मिलेंगे. वह जम्मू में राजभवन में भी कुछ प्रतिनिधिमंडलों से मिल सकते हैं. बता दें कि 2 जनवरी को, राजौरी जिले के डांगरी इलाके में अल्पसंख्यक समुदाय के तीन घरों पर आतंकवादियों ने गोलियां चलाईं, जिसमें पांच नागरिक मारे गए और छह घायल हो गए. अगले ही दिन, डांगरी गांव में पीड़ितों में से एक के घर के पास एक आईईडी विस्फोट में दो बच्चों की मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए.