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कश्मीर में रात का तापमान गिरा, घने कोहरे से जन जीवन अस्त-व्यस्त

Dense fog engulfs Kashmir : कश्मीर में इन दिनों सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. वहीं तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है. श्रीनगर में शून्य से 2.3 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान दर्ज किया गया. Weather forecast in Kashmir, Kashmir weather, Srinagar weather

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कश्मीर में रात का तापमान गिरा
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By PTI

Published : Dec 26, 2023, 3:53 PM IST

श्रीनगर : कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में रात के न्यूनतम तापमान में गिरावट जारी है और मंगलवार को सुबह घने कोहरे के कारण घाटी में दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से तीन डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो इससे पिछली रात दर्ज शून्य से नीचे 2.3 डिग्री सेल्सियस के तापमान से थोड़ा कम है.

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. इससे पिछली रात को यहां पारा शून्य से 4.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था. अधिकारियों के मुताबिक, कश्मीर घाटी में पहलगाम सबसे ठंडा स्थान रहा. अधिकारियों ने बताया कि बारामूला जिले के प्रख्यात स्की रिजॉर्ट गुलमर्ग में तापमान शून्य से 2.4 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा.

काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से तीन डिग्री सेल्सियस नीचे जबकि कोकेरनाग में पारा शून्य से दो डिग्री नीचे और कुपवाड़ा में शून्य से 3.5 डिग्री नीचे दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने कहा कि महीने के अंत तक मौसम मुख्यतः शुष्क रहने की संभावना है. अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में मंगलवार को सुबह घना कोहरा छाया रहा, जिससे लगातार दूसरे दिन भी जन-जीवन प्रभावित हुआ है. उन्होंने बताया कि सुबह सड़कों पर यातायात सामान्य से कम रहा, और दृश्यता कम होने के कारण वाहनों की गति धीमी रही.

स्थानीय मौसम कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा,'श्रीनगर में सुबह करीब साढ़े नौ बजे कोहरे के कारण दृश्यता केवल 91 मीटर थी. कम दृश्यता के कारण वाहन चालकों को सावधानी से गाड़ी चलानी चाहिए.' कश्मीर वर्तमान में 'चिल्लई-कलां' की चपेट में है. यह 40 दिनों की भीषण सर्दी की अवधि है. इस दौरान क्षेत्र में शीत लहर चलती है और तापमान बेहद नीचे चला जाता है जिससे प्रख्यात डल झील सहित जल निकाय जम जाते हैं. घाटी के कई हिस्से इस स्थिति का सामना करते हैं.

इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और ऊंचाई वाले इलाके में भारी बर्फवारी भी होती है. चिल्लाई-कलां 31 जनवरी को खत्म होगा. 'चिल्लई-कलां' की शुरुआत 21 दिसंबर से होती है और 31 जनवरी को यह समाप्त होगा. इसके बाद कश्मीर में 20 दिनों का 'चिल्लई-खुर्द' (छोटी ठंड) और 10 दिनों का 'चिल्लई-बच्चा' (हल्की ठंड) का दौर रहता है. इस दौरान शीत लहर जारी रहती है.

ये भी पढ़ें - शीतलहर की चपेट में कश्मीर, श्रीनगर में मौसम की सबसे ठंडी रात दर्ज की गई

श्रीनगर : कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में रात के न्यूनतम तापमान में गिरावट जारी है और मंगलवार को सुबह घने कोहरे के कारण घाटी में दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में न्यूनतम तापमान शून्य से तीन डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो इससे पिछली रात दर्ज शून्य से नीचे 2.3 डिग्री सेल्सियस के तापमान से थोड़ा कम है.

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में न्यूनतम तापमान शून्य से 4.7 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया. इससे पिछली रात को यहां पारा शून्य से 4.3 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था. अधिकारियों के मुताबिक, कश्मीर घाटी में पहलगाम सबसे ठंडा स्थान रहा. अधिकारियों ने बताया कि बारामूला जिले के प्रख्यात स्की रिजॉर्ट गुलमर्ग में तापमान शून्य से 2.4 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा.

काजीगुंड में न्यूनतम तापमान शून्य से तीन डिग्री सेल्सियस नीचे जबकि कोकेरनाग में पारा शून्य से दो डिग्री नीचे और कुपवाड़ा में शून्य से 3.5 डिग्री नीचे दर्ज किया गया. मौसम विभाग ने कहा कि महीने के अंत तक मौसम मुख्यतः शुष्क रहने की संभावना है. अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में मंगलवार को सुबह घना कोहरा छाया रहा, जिससे लगातार दूसरे दिन भी जन-जीवन प्रभावित हुआ है. उन्होंने बताया कि सुबह सड़कों पर यातायात सामान्य से कम रहा, और दृश्यता कम होने के कारण वाहनों की गति धीमी रही.

स्थानीय मौसम कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा,'श्रीनगर में सुबह करीब साढ़े नौ बजे कोहरे के कारण दृश्यता केवल 91 मीटर थी. कम दृश्यता के कारण वाहन चालकों को सावधानी से गाड़ी चलानी चाहिए.' कश्मीर वर्तमान में 'चिल्लई-कलां' की चपेट में है. यह 40 दिनों की भीषण सर्दी की अवधि है. इस दौरान क्षेत्र में शीत लहर चलती है और तापमान बेहद नीचे चला जाता है जिससे प्रख्यात डल झील सहित जल निकाय जम जाते हैं. घाटी के कई हिस्से इस स्थिति का सामना करते हैं.

इस अवधि के दौरान बर्फबारी की संभावना सबसे अधिक होती है और ऊंचाई वाले इलाके में भारी बर्फवारी भी होती है. चिल्लाई-कलां 31 जनवरी को खत्म होगा. 'चिल्लई-कलां' की शुरुआत 21 दिसंबर से होती है और 31 जनवरी को यह समाप्त होगा. इसके बाद कश्मीर में 20 दिनों का 'चिल्लई-खुर्द' (छोटी ठंड) और 10 दिनों का 'चिल्लई-बच्चा' (हल्की ठंड) का दौर रहता है. इस दौरान शीत लहर जारी रहती है.

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