कासरगोड : केरल के कासरगोड में अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय ने पॉस्को मामले के आरोपी को दोषी ठहराते हुए उसे 97 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. अदालत ने दोषी को सजा सुनाने के साथ साढ़े आठ लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं भर पाने पर साढ़े आठ साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. ये शख्स अपने ही रिश्तेदार की नाबालिग लड़की के साथ आठ साल तक दुष्कर्म करने का दोषी निकला. कोर्ट ने इस मामले को 'रेयर केस' (Rare Case) करार दिया है.
जानकारी के मुताबिक, साल 2008 से 2017 तक शख्स ने लड़की का शोषण किया. जब लड़की कक्षा एक में थी, तब से वो शख्स उसका शोषण करना शुरू किया और कक्षा आठवीं तक उसे अश्लील वीडियो दिखाकर उसका रेप करता रहा. जब इस घटना का खुलासा परिवार के सामने हुआ, तब उन्होंने मंजेश्वरम थाने में शख्स के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया. पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शख्स को गिरफ्तार किया और उसे कोर्ट में पेश किया. जांच का नेतृत्व इंस्पेक्टर एवी दिनेश और पी राजेश प्रथम ने किया था. जांच पूरी करने के बाद मंजेश्वरम इंस्पेक्टर ई. अनूप कुमार ने अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया. विशेष अभियोजक प्रकाश अम्मान्नया अभियोजन पक्ष की ओर से उपस्थित हुए.
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चचेरी बहन के रेपिस्ट को 135 साल की जेल : इससे पहले जून में केरल की एक अदालत ने एक ऐसे ही दुष्कर्म मामले दोषी को 135 साल की जेल की सजा सुनाई थी. दोषी पर दो साल पहले नाबालिग चचेरी बहन के साथ बार-बार दुष्कर्म करने और उसे गर्भवती करने का आरोप था. हरिपद फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट के जज साजी कुमार ने 24 साल के युवक को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम, IPC, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के तहत अलग-अलग कुल 135 साल की सजा सुनाई. यह जानकारी सरकारी वकील रघु के ने दी. उन्होंने बताया कि दोषी पर 5.1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को पीड़िता को चार लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया, जो घटना के समय 15 साल की थी.