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Karnataka Voter List Scam : भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों से किया इनकार

कर्नाटक में मतदाता सूची स्कैम को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. कांग्रेस ने जहां डेटा चोरी का आरोप लगाया है और सीएम के इस्तीफे की मांग की है, वहीं भाजपा ने सभी आरोपों से इनकार किया है. खुद सीएम बसवराज बोम्मई ने भी पूरे मामले पर बयान दिया है. कांग्रेस ने इस मामले में मामला भी दर्ज कराया है.

DK Shivkumar (congress leader), Bommai (CM, karnataka)
डीके शिवकुमार (कांग्रेस नेता), बसवराज बोम्मई (सीएम, कर्नाटक)
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Published : Nov 17, 2022, 7:42 PM IST

बेंगलुरु : कथित मतदाता डेटा चोरी घोटाले को लेकर निशाने पर आई सत्तारूढ़ भाजपा डैमेज कंट्रोल मोड में आ गई है. सूत्रों के अनुसार, पहले कदम के रूप में, सरकार ब्रुहट बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के मुख्य आयुक्त तुषार गिरिनाथ का तबादला करने के लिए पूरी तरह तैयार है. हालांकि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई जांच की घोषणा करके और कांग्रेस के आरोपों को हास्यास्पद बताते हुए डैमेज कंट्रोल की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि पार्टी के नेता इस मामले को लेकर चिंतित हैं. सूत्र बताते हैं कि घोटाले को लेकर बेंगलुरु में कांग्रेस नेताओं द्वारा एक आपातकालीन प्रेस बैठक की गई, वहीं तुषार गिरिनाथ को विधान सौध (विधानसभा) तलब किया जा चुका था.

कांग्रेस ने अधिकारियों द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रदान किए गए आईडी कार्ड जमा किए हैं. पार्टी उच्च शिक्षा मंत्री सी.एन. अश्वथ नारायण के साथ उस चिलूम संस्था से भी संपर्क करने की कोशिश कर रही है जिसे मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम दिया गया था. पार्टी ने चिलूम संस्था के कृष्णप्पा रविकुमार और मंत्री अश्वथ नारायण की मुलाकात की तस्वीरें जारी की हैं. कांग्रेस ने कहा है कि उन्होंने घोटाले का पता लगाने के लिए तीन महीने से अधिक समय तक मीडिया के साथ काम किया.

कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने तुषार गिरिनाथ को यह कहते हुए फटकार लगाई कि उनके मन में अधिकारी के लिए बहुत सम्मान था और वह सोच रहे हैं कि वह मतदाताओं के डेटा की चोरी करने के स्तर तक कैसे गिर सकते हैं. अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि सत्तारूढ़ भाजपा ने बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है ताकि मामले को जल्द से जल्द सुलझाया जा सके. भाजपा नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव की दहलीज पर ये घटना उनके लिए झटका साबित हो सकती है.

कर्नाटक में छह महीने से भी कम समय में चुनाव होंगे. कांग्रेस ने खुले तौर पर चुनौती दी है कि बीजेपी वोटर लिस्ट में हेरफेर कर रही है क्योंकि चुनाव में उसकी हार तय है. यह अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं के नाम हटा रही है. कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी उम्मीदवारों की मदद के लिए खाली घरों को चिह्न्ति कर मतदाताओं को वहां बसाया जाता है.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई ने चुनावी धांधली के कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया - मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने चुनावी धांधली के कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया और कहा कि वह इस मामले में जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं. वह कांग्रेस महासचिव और पार्टी के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला द्वारा उनके इस्तीफे की मांग किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे. सुरजेवाला ने आरोप लगाया था कि बेंगलुरु शहर में घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी एकत्र कराने के लिए बोम्मई द्वारा निजी संस्था को काम सौंपा जाना एक चुनावी कदाचार है.

बोम्मई ने इसे निराधार आरोप करार देते हुए कहा कि विपक्षी कांग्रेस दिवालिया विचार से ग्रस्त है और इसके चलते वह किसी सबूत के बिना इस तरह के आरोप लगा रही है. उन्होंने कहा कि वह मामले की जांच कराने को तैयार हैं. बोम्मई ने कहा, 'मुझे लगता है कि कांग्रेस दिवालिया विचार से ग्रस्त है. यह भारत निर्वाचन आयोग, बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) और एनजीओ (संबंधित) के बीच का मामला है.'

उन्होंने कहा कि अगर गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने अपनी स्थिति का गलत इस्तेमाल किया है तो इसकी जांच की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी. बोम्मई कहा, 'क्या सबूत है कि कौन सी निजी जानकारी किसे दी गई है. कागज पर कुछ भी नहीं है. यह एक निराधार आरोप है. मैं वास्तव में हैरान हूं कि कांग्रेस किस तरह विचारों से दिवालिया हो गई है ... कोई सबूत नहीं है.' उन्होंने कहा कि वह जांच के लिए तैयार हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, 'जांच होने दीजिए और सच्चाई सामने आ जाएगी. हम किसी भी जांच से पीछे नहीं हट रहे हैं. मैं बीबीएमपी आयुक्त से मामला दर्ज करने के लिए कहता हूं.'

(अतिरिक्त इनपुट - एजेंसी)

बेंगलुरु : कथित मतदाता डेटा चोरी घोटाले को लेकर निशाने पर आई सत्तारूढ़ भाजपा डैमेज कंट्रोल मोड में आ गई है. सूत्रों के अनुसार, पहले कदम के रूप में, सरकार ब्रुहट बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के मुख्य आयुक्त तुषार गिरिनाथ का तबादला करने के लिए पूरी तरह तैयार है. हालांकि मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई जांच की घोषणा करके और कांग्रेस के आरोपों को हास्यास्पद बताते हुए डैमेज कंट्रोल की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि पार्टी के नेता इस मामले को लेकर चिंतित हैं. सूत्र बताते हैं कि घोटाले को लेकर बेंगलुरु में कांग्रेस नेताओं द्वारा एक आपातकालीन प्रेस बैठक की गई, वहीं तुषार गिरिनाथ को विधान सौध (विधानसभा) तलब किया जा चुका था.

कांग्रेस ने अधिकारियों द्वारा भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रदान किए गए आईडी कार्ड जमा किए हैं. पार्टी उच्च शिक्षा मंत्री सी.एन. अश्वथ नारायण के साथ उस चिलूम संस्था से भी संपर्क करने की कोशिश कर रही है जिसे मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम दिया गया था. पार्टी ने चिलूम संस्था के कृष्णप्पा रविकुमार और मंत्री अश्वथ नारायण की मुलाकात की तस्वीरें जारी की हैं. कांग्रेस ने कहा है कि उन्होंने घोटाले का पता लगाने के लिए तीन महीने से अधिक समय तक मीडिया के साथ काम किया.

कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने तुषार गिरिनाथ को यह कहते हुए फटकार लगाई कि उनके मन में अधिकारी के लिए बहुत सम्मान था और वह सोच रहे हैं कि वह मतदाताओं के डेटा की चोरी करने के स्तर तक कैसे गिर सकते हैं. अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि सत्तारूढ़ भाजपा ने बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है ताकि मामले को जल्द से जल्द सुलझाया जा सके. भाजपा नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव की दहलीज पर ये घटना उनके लिए झटका साबित हो सकती है.

कर्नाटक में छह महीने से भी कम समय में चुनाव होंगे. कांग्रेस ने खुले तौर पर चुनौती दी है कि बीजेपी वोटर लिस्ट में हेरफेर कर रही है क्योंकि चुनाव में उसकी हार तय है. यह अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं के नाम हटा रही है. कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी उम्मीदवारों की मदद के लिए खाली घरों को चिह्न्ति कर मतदाताओं को वहां बसाया जाता है.

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई ने चुनावी धांधली के कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया - मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने चुनावी धांधली के कांग्रेस के आरोपों को खारिज किया और कहा कि वह इस मामले में जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं. वह कांग्रेस महासचिव और पार्टी के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला द्वारा उनके इस्तीफे की मांग किए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे. सुरजेवाला ने आरोप लगाया था कि बेंगलुरु शहर में घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी एकत्र कराने के लिए बोम्मई द्वारा निजी संस्था को काम सौंपा जाना एक चुनावी कदाचार है.

बोम्मई ने इसे निराधार आरोप करार देते हुए कहा कि विपक्षी कांग्रेस दिवालिया विचार से ग्रस्त है और इसके चलते वह किसी सबूत के बिना इस तरह के आरोप लगा रही है. उन्होंने कहा कि वह मामले की जांच कराने को तैयार हैं. बोम्मई ने कहा, 'मुझे लगता है कि कांग्रेस दिवालिया विचार से ग्रस्त है. यह भारत निर्वाचन आयोग, बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) और एनजीओ (संबंधित) के बीच का मामला है.'

उन्होंने कहा कि अगर गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ने अपनी स्थिति का गलत इस्तेमाल किया है तो इसकी जांच की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी. बोम्मई कहा, 'क्या सबूत है कि कौन सी निजी जानकारी किसे दी गई है. कागज पर कुछ भी नहीं है. यह एक निराधार आरोप है. मैं वास्तव में हैरान हूं कि कांग्रेस किस तरह विचारों से दिवालिया हो गई है ... कोई सबूत नहीं है.' उन्होंने कहा कि वह जांच के लिए तैयार हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, 'जांच होने दीजिए और सच्चाई सामने आ जाएगी. हम किसी भी जांच से पीछे नहीं हट रहे हैं. मैं बीबीएमपी आयुक्त से मामला दर्ज करने के लिए कहता हूं.'

(अतिरिक्त इनपुट - एजेंसी)

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