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कर्नाटक निकाय चुनाव में बीजेपी को झटका, 501 सीटें जीतकर कांग्रेस ने दी पटखनी

कर्नाटक के निकाय चुनाव में बीजेपी को करारा झटका लगा है. 1184 वॉर्ड के लिए हुए चुनाव में कांग्रेस 501 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है.

Karnataka urban local body polls
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Published : Dec 31, 2021, 9:09 AM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को बड़ी शिकस्त दी है. राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि इन चुनावों में कुल 1184 वॉर्ड के लिये चुनाव हुए, जिनमें से कांग्रेस ने 501 में जीत दर्ज की जबकि भाजपा के खाते में 433 सीटें आईं. जेडी (एस) को 45 सीटों पर संतोष करना पड़ा. अन्य पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने 205 सीटों पर जीत हासिल की.

कर्नाटक में 20 जिलों के 58 शहरी स्थानीय निकायों के लिए 27 दिसंबर को वोटिंग हुई थी. गुरुवार को वोटों की गिनती हुई और चुनाव के घोषित किए गए. राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर 42.06 प्रतिशत रहा, जबकि भाजपा को 36.9 प्रतिशत और जद (एस) को 3.8 प्रतिशत वोट मिले. निर्दलीयों को 17.22 फीसद वोट मिले. नगर पालिका परिषद के 166 वॉर्डों में से कांग्रेस को 61, भारतीय जनता पार्टी को 67, जनता दल-एस को 12 और अन्य को 26 सीटें मिली हैं. नगर परिषद के 441 वार्डों में से कांग्रेस को 201, भारतीय जनता पार्टी को 176 और जेडीएस को 21 सीटें हासिल हुई हैं. पट्टाना पंचायत के 588 वॉर्डों में से में कांग्रेस को 236, भारतीय जनता पार्टी को 194 और जेडी-एस को 12 जबकि अन्य ने 135 वॉर्डों में जीत हासिल की.
इस चुनाव को प्रदेश के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई के लिए एक झटके के रूप में देखा जा रहा है. कांग्रेस की जीत के बाद विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कहा कि यह परिणाम दिखाता है कि लोग भाजपा सरकार से निराश हैं. नतीजों ने दिखाया है कि धनबल से चुनाव नहीं जीता जा सकता. कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने भी जनता को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया.

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस कुछ नगर निगम सीटें जीतने में कामयाब रही है, जहां अल्पसंख्यकों की संख्या अधिक है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को खुश होने दीजिए. नगर निगम के नतीजे भी भाजपा के लिए अनुकूल हैं. भाजपा 2023 में सत्ता में वापस आने वाली है.

पढ़ें : ट्रांसजेंडर्स की भर्ती करेगी कर्नाटक पुलिस

बेंगलुरु : कर्नाटक नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को बड़ी शिकस्त दी है. राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि इन चुनावों में कुल 1184 वॉर्ड के लिये चुनाव हुए, जिनमें से कांग्रेस ने 501 में जीत दर्ज की जबकि भाजपा के खाते में 433 सीटें आईं. जेडी (एस) को 45 सीटों पर संतोष करना पड़ा. अन्य पार्टियों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने 205 सीटों पर जीत हासिल की.

कर्नाटक में 20 जिलों के 58 शहरी स्थानीय निकायों के लिए 27 दिसंबर को वोटिंग हुई थी. गुरुवार को वोटों की गिनती हुई और चुनाव के घोषित किए गए. राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, इस चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर 42.06 प्रतिशत रहा, जबकि भाजपा को 36.9 प्रतिशत और जद (एस) को 3.8 प्रतिशत वोट मिले. निर्दलीयों को 17.22 फीसद वोट मिले. नगर पालिका परिषद के 166 वॉर्डों में से कांग्रेस को 61, भारतीय जनता पार्टी को 67, जनता दल-एस को 12 और अन्य को 26 सीटें मिली हैं. नगर परिषद के 441 वार्डों में से कांग्रेस को 201, भारतीय जनता पार्टी को 176 और जेडीएस को 21 सीटें हासिल हुई हैं. पट्टाना पंचायत के 588 वॉर्डों में से में कांग्रेस को 236, भारतीय जनता पार्टी को 194 और जेडी-एस को 12 जबकि अन्य ने 135 वॉर्डों में जीत हासिल की.
इस चुनाव को प्रदेश के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई के लिए एक झटके के रूप में देखा जा रहा है. कांग्रेस की जीत के बाद विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने कहा कि यह परिणाम दिखाता है कि लोग भाजपा सरकार से निराश हैं. नतीजों ने दिखाया है कि धनबल से चुनाव नहीं जीता जा सकता. कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने भी जनता को समर्थन देने के लिए धन्यवाद दिया.

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि कांग्रेस कुछ नगर निगम सीटें जीतने में कामयाब रही है, जहां अल्पसंख्यकों की संख्या अधिक है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को खुश होने दीजिए. नगर निगम के नतीजे भी भाजपा के लिए अनुकूल हैं. भाजपा 2023 में सत्ता में वापस आने वाली है.

पढ़ें : ट्रांसजेंडर्स की भर्ती करेगी कर्नाटक पुलिस

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