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Tulabharam for Pejavara Sri: मैंगलोर में पौधों से किया गया 'तुलाभारम', पर्यावरण सेवा की अनोखी पहल

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Published : Jun 27, 2023, 2:05 PM IST

आपने तुलाभारम की परंपरा को चावल, सिक्का, केला फल, नारियल जैसी विभिन्न चीजों के माध्यम से निभाते देखा होगा. लेकिन, कर्नाटक के मैंगलोर में पेजावर श्री के लिए पौधों का तुलाभारम की अनोखी पहल की गई.

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मैंगलोर (दक्षिण कन्नड़): कर्नाटक के मैंगलोर में तुलाभारम की अनोखी परंपरा निभाई जाती है. इस तुलाभारम के बारे में आपने सुना होगा कि तराजु के एक पलड़े पर श्रद्धालु और दूसरे पलड़े पर उसके वजन बराबर चावल, सिक्का, केला या कोई फल आदि कई चीजें रखी जाती है. बाद में उन चीजों को दान कर दिया जाता है. लेकिन मैंगलोर में इस अनोखी परंपरा को इस बार अनोखे अंदाज में निभाया गया. यहां पर पेजावर श्री के लिए पौधे का तुलाभारम किया गया, जिसमें एक पलड़े में श्रद्धालुओं और दूसरे पलड़े पर उसके वजन के समान पौधे रखे गए. इस तरह से परंपरा उद्देश्य पर्यावरण सेवा के प्रति एक खास प्रयास बताया जा रहा है.

मैंगलोर के कलकुरा प्रतिष्ठान से हर साल गुरु के प्रति सम्मान देते हुए सिक्का तुलाभारम किया जाता है. लेकिन, इस बार पर्यावरण बचाओं अभियान चलाते हुए सिक्का तुलाभारम के बदले पौधा तुलाभारम किया गया. तुलाभारा सेवा पेजावर श्री के लिए गुरु वंदना कार्यक्रम के रूप में कलकुरा फाउंडेशन के प्रदीप कुमार कलकुरा के आवास पर आयोजित हुआ. इस बार तुलाभारम में पौधों को इस्तेमाल किया गया, जो स्थानीय इलाकों में आसानी से मिल जाते हैं. तुलाभारम के लिए आम, अखरोट, कटहल, अश्वथ के पेड़ के बीज सहित विभिन्न प्रकार के पौधे रखे गए.

इस बारे में कलकुरा फाउंडेशन के प्रदीप कुमार कलकुरा ने कहा, "हम हर साल पेजावर श्री को गुरु सम्मान के रूप में तुलाभारम आयोजित करते हैं. लेकिन, इस बार हमने एक नया प्रयास किया है. हमने सिक्कों की बजाय पौधों के माध्यम से तुलाभारम किया. मौसम में तेजी से हो रहे बदलाव को ध्यान में रखते हुए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने का हमने निश्चित किया है. जिससे तापमान में संतूलन बना रहेगा और पेड़ों से इंसान को कई लाभ भी होंगे. तदनुसार, पौधों का तुलाभारम करने का हमने निर्णय लिया. श्रद्धालुओं द्वारा यहां लाए गए पौधों से तुलाभरम किया गया. तुलाभारम के बाद उन पौधों को वहां मौजूद सभी श्रद्धालुओं में प्रसाद के रूप में वितरित कर दिया गया. कलकुरा ने कहा कि अगर हर श्रद्धालु इसे घर ले जाकर अपने आंगन में लगाएंगे और उसका रखरखाव करते रहें तो यही होगी पर्यावरण की सेवा.

पढ़ें : Karnataka News: महिला ने बस पर पत्थर मारकर तोड़े शीशे, भरना पड़ा 5000 का जुर्माना

तुलाभारम के बाद पेजावर के प्रमुख विश्व प्रसन्न तीर्थ स्वामीजी ने कहा कि हर इंसान को अपने घरों में पौधे लगाने चाहिए. पेड़-पौधों से न केवल हमें छाया मिलती है, बल्कि जीवन भी मिलता है. हमारे वाहनों से निकलने वाला धुआं, एसी का उपयोग पर्यावरण को नष्ट कर रहा है. उन्होंने कहा कि दोपहिया वाहन मालिकों को दो पौधे, चार पहिया वाहन मालिकों को चार पौधे और एसी मालिकों को अधिक पौधे लगाना चाहिए. पौधे लगाने के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए कलकुरा प्रतिष्ठान की नई पहल सराहनीय है.

मैंगलोर (दक्षिण कन्नड़): कर्नाटक के मैंगलोर में तुलाभारम की अनोखी परंपरा निभाई जाती है. इस तुलाभारम के बारे में आपने सुना होगा कि तराजु के एक पलड़े पर श्रद्धालु और दूसरे पलड़े पर उसके वजन बराबर चावल, सिक्का, केला या कोई फल आदि कई चीजें रखी जाती है. बाद में उन चीजों को दान कर दिया जाता है. लेकिन मैंगलोर में इस अनोखी परंपरा को इस बार अनोखे अंदाज में निभाया गया. यहां पर पेजावर श्री के लिए पौधे का तुलाभारम किया गया, जिसमें एक पलड़े में श्रद्धालुओं और दूसरे पलड़े पर उसके वजन के समान पौधे रखे गए. इस तरह से परंपरा उद्देश्य पर्यावरण सेवा के प्रति एक खास प्रयास बताया जा रहा है.

मैंगलोर के कलकुरा प्रतिष्ठान से हर साल गुरु के प्रति सम्मान देते हुए सिक्का तुलाभारम किया जाता है. लेकिन, इस बार पर्यावरण बचाओं अभियान चलाते हुए सिक्का तुलाभारम के बदले पौधा तुलाभारम किया गया. तुलाभारा सेवा पेजावर श्री के लिए गुरु वंदना कार्यक्रम के रूप में कलकुरा फाउंडेशन के प्रदीप कुमार कलकुरा के आवास पर आयोजित हुआ. इस बार तुलाभारम में पौधों को इस्तेमाल किया गया, जो स्थानीय इलाकों में आसानी से मिल जाते हैं. तुलाभारम के लिए आम, अखरोट, कटहल, अश्वथ के पेड़ के बीज सहित विभिन्न प्रकार के पौधे रखे गए.

इस बारे में कलकुरा फाउंडेशन के प्रदीप कुमार कलकुरा ने कहा, "हम हर साल पेजावर श्री को गुरु सम्मान के रूप में तुलाभारम आयोजित करते हैं. लेकिन, इस बार हमने एक नया प्रयास किया है. हमने सिक्कों की बजाय पौधों के माध्यम से तुलाभारम किया. मौसम में तेजी से हो रहे बदलाव को ध्यान में रखते हुए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाने का हमने निश्चित किया है. जिससे तापमान में संतूलन बना रहेगा और पेड़ों से इंसान को कई लाभ भी होंगे. तदनुसार, पौधों का तुलाभारम करने का हमने निर्णय लिया. श्रद्धालुओं द्वारा यहां लाए गए पौधों से तुलाभरम किया गया. तुलाभारम के बाद उन पौधों को वहां मौजूद सभी श्रद्धालुओं में प्रसाद के रूप में वितरित कर दिया गया. कलकुरा ने कहा कि अगर हर श्रद्धालु इसे घर ले जाकर अपने आंगन में लगाएंगे और उसका रखरखाव करते रहें तो यही होगी पर्यावरण की सेवा.

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तुलाभारम के बाद पेजावर के प्रमुख विश्व प्रसन्न तीर्थ स्वामीजी ने कहा कि हर इंसान को अपने घरों में पौधे लगाने चाहिए. पेड़-पौधों से न केवल हमें छाया मिलती है, बल्कि जीवन भी मिलता है. हमारे वाहनों से निकलने वाला धुआं, एसी का उपयोग पर्यावरण को नष्ट कर रहा है. उन्होंने कहा कि दोपहिया वाहन मालिकों को दो पौधे, चार पहिया वाहन मालिकों को चार पौधे और एसी मालिकों को अधिक पौधे लगाना चाहिए. पौधे लगाने के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए कलकुरा प्रतिष्ठान की नई पहल सराहनीय है.

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