बेलगावी (कर्नाटक): कर्नाटक सरकार ने चीन सहित दुनिया के कुछ हिस्सों में कोविड 19 मामलों में वृद्धि के बीच राज्य में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और सांस की गंभीर बीमारियों (एसएआरआई) का अनिवार्य परीक्षण कराने का गुरुवार को फैसला किया. मुख्यमंत्री बसवसराज बोम्मई की अध्यक्षता में कोविड-19 के विषय पर हुई एक बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर ने कहा कि सरकार ने बंद जगहों और वातानुकूलित कमरों में मास्क लगाना अनिवार्य करने का भी फैसला किया.
उन्होंने बताया कि राज्य में आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में से दो प्रतिशत की बिना क्रम के जांच तबतक होती रहेगी, जब तक की केंद्र की ओर से कोई संशोधित निर्देश नहीं आ जाता. बैठक में मंत्रियों, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कोविड-19 पर तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) के सदस्यों ने हिस्सा लिया. सुधाकर ने कहा कि बैठक में सभी जिला अस्पतालों में पर्याप्त बिस्तर और ऑक्सीजन की आपूर्ति के वाले समर्पित कोविड वार्ड खोलने का भी निर्णय लिया गया है.
सीएम बोम्मई ने एहतियाती उपाय लागू करने में जनता से मांगा सहयोग
इसके अलावा कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा सुझाए जाने वाले एहतियाती उपायों के क्रियान्वयन में जनता के सहयोग का आह्वान किया. उन्होंने लोगों से कोविड रोधी टीके की एहतियाती खुराक लगवाने की अपील भी की. बोम्मई ने दुनिया के कुछ देशों में कोविड-19 के नये मामलों में वृद्धि और देश में सार्स-कोव-2 वायरस के ओमीक्रोन स्वरूप से विकसित बीएफ 7 (BF.7) प्रकार से संक्रमित मरीज मिलने के बीच यह अपील की.
उन्होंने गुरुवार को कोविड तकनीकी सलाहकार समिति की आपात बैठक बुलाई है, जिसमें विशेषज्ञों और अधिकारियों के साथ कोविड-19 की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की जाएगी और संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किए जाने वाले एहतियाती उपायों पर फैसला लिया जाएगा. बोम्मई ने कहा, 'ऐसे समय में जब इस बात को लेकर निश्चिंत थे, कि कोविड चला गया है, अन्य देशों में इसके मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं. यह संक्रामक है. यह एक देश (चीन) से पूरी दुनिया में फैलता है. इसलिए राज्य और केंद्र, दोनों ने इसे बहुत गंभीरता से लिया है, क्योंकि वायरस बिजली से भी तेज गति से चलते हैं.'
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मुख्यमंत्री ने राज्य विधानसभा में कहा कि मौजूदा हालात में बचाव पर ज्यादा ध्यान होना चाहिए. उन्होंने कहा, 'बचाव के लिए जल्द पाबंदियां लगाना और एहतियाती खुराक देना अहम होगा. हमने एहतियाती खुराक देने के प्रयास किए, लेकिन लोगों में पहली और दूसरी खुराक जितनी दिलचस्पी नहीं दिखी और यह प्रवृत्ति पूरे देश में नजर आई. हम इसे (एहतियाती खुराक को) अहमियत देंगे.'
(पीटीआई-भाषा)