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कर्नाटक में AIIMS खोलनेे के लिए केद्र की स्वीकृति

कर्नाटक के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने कर्नाटक में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना के लिए हरी झंडी दी है. इसकी जानकारी कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया को दी है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया
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Published : May 19, 2022, 7:22 AM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र को बहुत बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने कर्नाटक में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना के लिए हरी झंडी दे दी. उन्होंने यह आश्वासन बुधवार को नई दिल्ली में कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर के साथ एक बैठक के दौरान दिया है. कर्नाटक सरकार ने राज्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा के बुनियादी ढांचे की मजबूती के लिए कर्नाटक में एम्स अस्पताल खोलने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया था.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर ने कहा, "मैं पीएम मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया को कर्नाटक के लिए एम्स का आश्वासन देने के लिए धन्यवाद देता हूं. इससे राज्य को बहुत फायदा होगा और राज्य के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा को भी प्रोत्साहन मिलेगा." एक नए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहंस) पॉलीट्रॉमा सेंटर और पीजी संस्थान के लिए डीपीआर को स्थायी वित्त समिति (एसएफसी) को सौंप दिया गया है. एक बार स्वीकृति मिलने के बाद नया संस्थान बेंगलुरु में हेनूर मेन रोड के पास क्यालासनहल्ली में बनेगा. शुरूआत में कर्नाटक सरकार ने 2021 में एक मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए एसएफसी को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था. हालांकि एसएफसी ने सरकार से पीजी प्रशिक्षण में निमहंस की विशेषज्ञता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा था. 489 करोड़ की लागत से नया 538 बिस्तर वाला संस्थान तीन साल में बनने वाला है.

केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से नर्सिंग और संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान के लिए एक अलग राज्य-स्तरीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की मांग की. ताकि भविष्य में गुणवत्ता और व्यावसायिकता पर ध्यान सुनिश्चित हो सके. अस्पतालों प्रशासन को पीपीपी मॉडल दिया जाए और कार्यरत डॉक्टरों की बेहतरी के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण आयोजित हो. साथ ही डीम्ड विश्वविद्यालयों में राज्य के छात्रों को प्राथमिकता दिया जाए. सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की मांग की गई. जहां कहीं सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं है वहां यह सुविधा निजी मेडिकल कॉलेज में ही उपलब्ध करायी जाए. मंडाविया को लिखे गए पत्र में राज्य-विशिष्ट और क्षेत्र-विशिष्ट स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का लाभ उठाने में विश्व स्तरीय खाद्य सुरक्षा और मानक और लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए कड़े मानदंड शामिल हैं.

बेंगलुरु : कर्नाटक के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र को बहुत बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने कर्नाटक में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना के लिए हरी झंडी दे दी. उन्होंने यह आश्वासन बुधवार को नई दिल्ली में कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री डॉ के सुधाकर के साथ एक बैठक के दौरान दिया है. कर्नाटक सरकार ने राज्य की सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा के बुनियादी ढांचे की मजबूती के लिए कर्नाटक में एम्स अस्पताल खोलने के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया था.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सुधाकर ने कहा, "मैं पीएम मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया को कर्नाटक के लिए एम्स का आश्वासन देने के लिए धन्यवाद देता हूं. इससे राज्य को बहुत फायदा होगा और राज्य के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा को भी प्रोत्साहन मिलेगा." एक नए राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका विज्ञान संस्थान (निमहंस) पॉलीट्रॉमा सेंटर और पीजी संस्थान के लिए डीपीआर को स्थायी वित्त समिति (एसएफसी) को सौंप दिया गया है. एक बार स्वीकृति मिलने के बाद नया संस्थान बेंगलुरु में हेनूर मेन रोड के पास क्यालासनहल्ली में बनेगा. शुरूआत में कर्नाटक सरकार ने 2021 में एक मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए एसएफसी को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था. हालांकि एसएफसी ने सरकार से पीजी प्रशिक्षण में निमहंस की विशेषज्ञता पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा था. 489 करोड़ की लागत से नया 538 बिस्तर वाला संस्थान तीन साल में बनने वाला है.

केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से नर्सिंग और संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान के लिए एक अलग राज्य-स्तरीय विश्वविद्यालय स्थापित करने की मांग की. ताकि भविष्य में गुणवत्ता और व्यावसायिकता पर ध्यान सुनिश्चित हो सके. अस्पतालों प्रशासन को पीपीपी मॉडल दिया जाए और कार्यरत डॉक्टरों की बेहतरी के लिए एक विशेष पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण आयोजित हो. साथ ही डीम्ड विश्वविद्यालयों में राज्य के छात्रों को प्राथमिकता दिया जाए. सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की मांग की गई. जहां कहीं सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं है वहां यह सुविधा निजी मेडिकल कॉलेज में ही उपलब्ध करायी जाए. मंडाविया को लिखे गए पत्र में राज्य-विशिष्ट और क्षेत्र-विशिष्ट स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का लाभ उठाने में विश्व स्तरीय खाद्य सुरक्षा और मानक और लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए कड़े मानदंड शामिल हैं.

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एएनआई

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