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UN के मंच पर कर्नाटक की प्रीति का संबोधन, महिलाओं के अधिकारों पर की बात - मंगलुरु की प्रीति

कर्नाटक की प्रीति लोलाक्ष नागवेनी (Preethi Lolaksha Nagaveni) ने संयुक्त राष्ट्र समिति में आयोजित एक डिबेट में 'महिला अधिकार' से जुड़े विषय पर भाषण प्रस्तुत किया. बता दें कि प्रीति के पिता मेंगलुरू में मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं.

मंगलुरु की प्रीति
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Published : Jul 2, 2021, 5:04 PM IST

मेंगलुरु (कर्नाटक) : संयुक्त राष्ट्र के मंच से दुनिया को अपनी बात से अवगत कराना गौरवपूर्ण होता है. ऐसा ही गौरवपूर्ण लम्हा कर्नाटक के हिस्से भी आया जब मेंगलुरु की निवासी प्रीति लोलाक्ष नागवेनी (Preethi Lolaksha Nagaveni) ने संयुक्त राष्ट्र की एक समिति (United Nations Committee) को संबोधित किया.

यूएन की समिति में कर्नाटक की प्रीति ने महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव के उन्मूलन पर आयोजित एक डिबेट में महिलाओं के अधिकारों पर भाषण प्रस्तुत किया.

प्रीति इंग्लैंड की लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी (Lancaster University) से कानून में डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (PhD) कोर्स में पंजीकृत हैं और फिलहाल शोध कर रही हैं. उन्होंने लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी के एक अन्य शोध छात्र अमित आनंद के साथ अपना भाषण तैयार किया था.

पढ़ें : पश्चिम बंगाल चुनाव बाद हिंसा : कलकत्ता हाईकोर्ट ने पारित किया आदेश

संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त की वेब साइट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र भेदभाव विरोधी उन्मूलन समिति (United Nations Anti-Discrimination Eradication Committee) के 79वें सत्र में उन्होंने 'महिलाओं और युवतियों के अधिकार' विषय पर अपना भाषण प्रस्तुत किया.

मेंगलुरु (कर्नाटक) : संयुक्त राष्ट्र के मंच से दुनिया को अपनी बात से अवगत कराना गौरवपूर्ण होता है. ऐसा ही गौरवपूर्ण लम्हा कर्नाटक के हिस्से भी आया जब मेंगलुरु की निवासी प्रीति लोलाक्ष नागवेनी (Preethi Lolaksha Nagaveni) ने संयुक्त राष्ट्र की एक समिति (United Nations Committee) को संबोधित किया.

यूएन की समिति में कर्नाटक की प्रीति ने महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव के उन्मूलन पर आयोजित एक डिबेट में महिलाओं के अधिकारों पर भाषण प्रस्तुत किया.

प्रीति इंग्लैंड की लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी (Lancaster University) से कानून में डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (PhD) कोर्स में पंजीकृत हैं और फिलहाल शोध कर रही हैं. उन्होंने लैंकेस्टर यूनिवर्सिटी के एक अन्य शोध छात्र अमित आनंद के साथ अपना भाषण तैयार किया था.

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संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त की वेब साइट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र भेदभाव विरोधी उन्मूलन समिति (United Nations Anti-Discrimination Eradication Committee) के 79वें सत्र में उन्होंने 'महिलाओं और युवतियों के अधिकार' विषय पर अपना भाषण प्रस्तुत किया.

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