मेंगलुरु (कर्नाटक) : शारीरिक रूप से अक्षम होने के बाद भी युवा परशुराम ने अपनी हिम्मत की बदौलत ना केवल अच्छी जिंदगी जी रहे हैं बल्कि वह लोगों के लिए आदर्श भी बन गए हैं. वह फूड डिलीवरी ब्वॉय के अलावा सुरक्षा गार्ड का काम करते हैं. कर्नाटक के बाइकमपडी के रहने वाले परशुराम बचपन में ही दोनों पैर से अक्षम हो गए थ, फलस्वरूप वह ज्यादातर काम अपने हाथों की मदद से ही करते हैं. इतना ही नहीं परशुराम दिव्यांगता को दरकिनार कर मेहनत की बदौलत जीवन यापन कर रहे हैं. वह बिना किसी पर बोझ बने स्वतंत्र जीवन जी कर दूसरों के लिए आदर्श बन गया है.
हालांकि परशुराम के माता-पिता विजयपुरा में रहते थे. लेकिन परिवार के सदस्य 30 साल पहले मैंगलोर चले गए थे. इस वजह से परिवार मैंगलोर में रहता है. परशुराम सात बच्चों में सबसे बड़े हैं. घर में गरीबी के कारण पहले वह भीख मांगते थे. दिव्यांग होने के बाद भी परशुराम कक्षा 9वीं तक पढ़ाई करने के बाद जीवन में संघर्ष कर नया आयाम गढ़ रहे हैं. बता दें परशुराम प्रारंभ में अपनी आजीविका के लिए भीख मांगते थे. उसमें से पैसे वह घर खर्च के लिए देते थे. इसके बाद उसने भीख मांगना बंद कर दिया और एक घर में सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करने लगा. बाद में वह डिलीवरी ब्वॉय का काम करने लगा. परशुराम फिलहाल दोनों काम कर रहे हैं. वह सुबह सुरक्षा गार्ड के रूप में और रात में स्विगी में डिलीवरी ब्वॉय के रूप में काम करता है. परशुराम शाम 6 बजे से 12 बजे तक डिलीवरी ब्वॉय का काम करते हैं.
वह ऑर्डर लेने के बाद वह तिपहिया बाइक पर नियत स्थान पर जाते हैं. बाइक से उतरते हैं और हाथ के सपोर्ट से चलकर ऑर्डर डिलीवर करते हैं. इस दौरान वह किसी अपार्टमेंट में जाते हैं और वहां पर यदि लिफ्ट नहीं होती है तो वह ग्राहक को फोन करते हैं और बताते हैं कि वह शारीरिक रूप से अक्षम हैं. साथ ही वह नीचे आने और पार्सल लेने का अनुरोध करते हैं. इस काम के लिए परशुराम ने एक पुरानी बाइक खरीदी है थी लेकिन वह भी कुछ ही दिन में यह खराब हो गई थी.
उन्होंने हाल ही में सरकार से एक तिपहिया वाहन प्राप्त किया है और उससे डिलीवरी करते हैं. इस संबंध में बात करने पर परशुराम ने बताया कि पहले मैं भीख मांगकर गुजारा करता था. फिर सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने लगा. अब सरकार से तिपहिया मिलने के बाद डिलीवरी ब्वॉय का काम करता हूं. उन्होंने कहा कि ग्राहक भी सहयोग करते हैं और टिप्स देते हैं. मैं बिना पैरों के काम कर रहा हूं. परशुराम ने कहा कि जिनके हाथ और पैर अच्छे हैं उन्हें भी घर बैठे बिना काम करना चाहिए. वहीं एक होटल के मैनेजर तेजा ने कहा कि मुझे परशुराम पर बहुत गर्व है. वह बहुत उत्साह से काम कर रहे हैं. वह युवाओं के लिए प्रेरणा हैं.
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