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बीस साल पहले खुद के लिए बनावा लिया था मकबरा, आज हुआ अंतिम संस्कार - Karnataka man built his own tomb

कर्नाटक के एक शख्स की इच्छा थी कि उसका अंतिम संस्कार उसके पैसे से हो. उसने 20 साल पहले ही खुद के लिए मकबरा बनवा लिया था. अंतिम क्रिया के लिए पैसे जमा कर लिए थे. अपने बनवाए मकबरे में ही सोमवार को उनकी अंतिम क्रिया की गई.

Karnataka man built his own tomb 20 years ago cremated in same tomb
बीस साल पहले खुद के लिए बनावा लिया था मकबरा
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Published : Jul 25, 2022, 10:28 PM IST

चामराजनगर (कर्नाटक) : किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद मकबरा बनाना आम बात है. लेकिन यहां एक शख्स ने 20 साल पहले ही अपना मकबरा खुद के पैसों से बनवा लिया था. सोमवार को उसी में उनकी अंतिम क्रिया की गई.

देखिए वीडियो

चामराजनगर तालुक के नंजदेवनपुरा गांव के 85 साल के पुत्तनंजप्पा (Puttamallappa) का रविवार को निधन हो गया. उन्होंने 20 साल पहले अपनी ही जमीन पर टावर-शैली का मकबरा बनवाया था. साथ ही विभूति, कलश और अंतिम संस्कार के लिए आवश्यक एक लाख रुपये की राशि भी बचा ली थी. आज उसी पैसे से उनका अंतिम संस्कार किया गया.

पुत्तनंजप्पा काफी अमीर थे. उनके तीन बेटे हैं. परिवार के सदस्यों ने कहा कि उन्होंने आत्मसम्मान के कारण मकबरा बनवाया और पैसे जुटाए कि अंतिम संस्कार में जो भी पैसा लगे वह उनका लगे. पुत्तनंजप्पा की पत्नी की पिछले साल कोरोना से मौत हो गई थी. उनका अंतिम संस्कार भी पुत्तनंजप्पा ने बेटों से पैसे लिए बगैर किया था. पुत्तनंजप्पा के बेटे गौड़िके नागेश ने बताया कि पिछले 12 दिनों से उनकी तबीयत खराब थी और उन्होंने 5 दिनों से बोलना बंद कर दिया था. रविवार शाम निधन हो गया.

पढ़ें- कर्नाटक में एक व्यक्ति ने अपनी मृत्यु से पहले ही तैयार कर ली कब्र, जानें क्या है वजह?

चामराजनगर (कर्नाटक) : किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद मकबरा बनाना आम बात है. लेकिन यहां एक शख्स ने 20 साल पहले ही अपना मकबरा खुद के पैसों से बनवा लिया था. सोमवार को उसी में उनकी अंतिम क्रिया की गई.

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चामराजनगर तालुक के नंजदेवनपुरा गांव के 85 साल के पुत्तनंजप्पा (Puttamallappa) का रविवार को निधन हो गया. उन्होंने 20 साल पहले अपनी ही जमीन पर टावर-शैली का मकबरा बनवाया था. साथ ही विभूति, कलश और अंतिम संस्कार के लिए आवश्यक एक लाख रुपये की राशि भी बचा ली थी. आज उसी पैसे से उनका अंतिम संस्कार किया गया.

पुत्तनंजप्पा काफी अमीर थे. उनके तीन बेटे हैं. परिवार के सदस्यों ने कहा कि उन्होंने आत्मसम्मान के कारण मकबरा बनवाया और पैसे जुटाए कि अंतिम संस्कार में जो भी पैसा लगे वह उनका लगे. पुत्तनंजप्पा की पत्नी की पिछले साल कोरोना से मौत हो गई थी. उनका अंतिम संस्कार भी पुत्तनंजप्पा ने बेटों से पैसे लिए बगैर किया था. पुत्तनंजप्पा के बेटे गौड़िके नागेश ने बताया कि पिछले 12 दिनों से उनकी तबीयत खराब थी और उन्होंने 5 दिनों से बोलना बंद कर दिया था. रविवार शाम निधन हो गया.

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